भारत ने अपना 74वां गणतंत्र दिवस बड़े ही शानदार और खास अंदाज में मनाया. इस साल की परेड में कई नई झलकियां पहली बार दिखी. पहली बार राजपथ के बजाय कर्तव्य पथ पर परेड हुई. यहां मालूम हो कि गत वर्ष ही राजपथ को कर्तव्य पथ का नाम दिया गया था. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की थी.
राज्यों की झांकियों में आस्था की गूंज
गणतंत्र दिवस की परेड में हर साल विभिन्न राज्यों की झांकियां निकलती है. लेकिन इस बार राज्यों की झांकियों में आस्था की गूंज दिखी. उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या के राम मंदिर, झारखंड और जम्मू – कश्मीर की झांकियों में बाबा बैद्यनाथ और अमरनाथ की. असम की झांकी में कामाख्या मंदिर, उत्तराखंड की झांकी में जोगेश्वर धाम और हरियाणा की झांकी में गीता उपदेश के दर्शन हुए.
अग्निवीर भी परेड का हिस्सा बने
गत वर्ष ही मोदी सरकार द्वारा अग्निवीर योजना के ऐलान के साथ ही देश भर में इसका विरोध देखा गया था. लेकिन इस योजना के ऐलान के महज अगले 6 महीने में ही अग्निवीरों का पहला बैच देश सेवा को तैयार है. और भारतीय इतिहास में पहली बार अग्निवीर गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बने.
रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भरता की झलक
इस साल की परेड में सिर्फ ‘मेड इन इंडिया’ यानी स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले हुआ. भारत में बनी 105 एमएम इंडियन फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई. किसी भी रूसी टैंक को नहीं शामिल किया गया. भारत में बने अर्जुन और आकाश मिसाइल प्रणाली, K-9 वज्र हॉविट्जर्स, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस...
भारत ने अपना 74वां गणतंत्र दिवस बड़े ही शानदार और खास अंदाज में मनाया. इस साल की परेड में कई नई झलकियां पहली बार दिखी. पहली बार राजपथ के बजाय कर्तव्य पथ पर परेड हुई. यहां मालूम हो कि गत वर्ष ही राजपथ को कर्तव्य पथ का नाम दिया गया था. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की थी.
राज्यों की झांकियों में आस्था की गूंज
गणतंत्र दिवस की परेड में हर साल विभिन्न राज्यों की झांकियां निकलती है. लेकिन इस बार राज्यों की झांकियों में आस्था की गूंज दिखी. उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या के राम मंदिर, झारखंड और जम्मू – कश्मीर की झांकियों में बाबा बैद्यनाथ और अमरनाथ की. असम की झांकी में कामाख्या मंदिर, उत्तराखंड की झांकी में जोगेश्वर धाम और हरियाणा की झांकी में गीता उपदेश के दर्शन हुए.
अग्निवीर भी परेड का हिस्सा बने
गत वर्ष ही मोदी सरकार द्वारा अग्निवीर योजना के ऐलान के साथ ही देश भर में इसका विरोध देखा गया था. लेकिन इस योजना के ऐलान के महज अगले 6 महीने में ही अग्निवीरों का पहला बैच देश सेवा को तैयार है. और भारतीय इतिहास में पहली बार अग्निवीर गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बने.
रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भरता की झलक
इस साल की परेड में सिर्फ ‘मेड इन इंडिया’ यानी स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले हुआ. भारत में बनी 105 एमएम इंडियन फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई. किसी भी रूसी टैंक को नहीं शामिल किया गया. भारत में बने अर्जुन और आकाश मिसाइल प्रणाली, K-9 वज्र हॉविट्जर्स, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल और क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स.सहित अन्य हथियारों को दिखाया गया.
नारी शक्ति की झलक
पहली बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की पूरी महिला टुकड़ी ने परेड में हिस्सा लिया. नौसेना सहित कई अन्य मार्चिंग टुकड़ियों में भी महिलाएं शामिल थीं. एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में नौसेना की टुकड़ी में 3 महिलाएं शामिल हुई.
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