नेताओं की रंगरलियां किसी से छुपी नहीं हैं. सत्र के दौरान नेताओं के पोर्न देखे जाने के खूब सरे वीडियो और कई खबरें वर्तमान में हमारे सामने हैं. इसके अतिरिक्त हम कई वीडियो ऐसे भी देख चुके हैं जिनमें वो नेता, जो पोर्न देख रहे थे अपनी सफाई दे रहे हैं. कई बार उन नेताओं के बहनों को सुनकर हंसी आती है. तो कई बार ऐसा भी लगता है कि, आदमी किस हद तक झूठ बोल सकता है. कर्नाटक से बसपा के विधायक एन महेश का मामला भी कुछ ऐसा ही है. कर्नाटक से बीएसपी विधायक एन. महेश शीतकालीन सत्र के दौरान मोबाइल फोन पर लड़की की तस्वीरें देखते हुए नजर आए और उन्हें कैमरे द्वारा पकड़ लिया गया.
अपने साथ हुई इस घटना से बसपा विधायक बौखला गए और ऐसी बात कर दी जिससे वो हंसी के पात्र बन गए. विधायक जी ने अपने बचाव में कहा है कि वो अपने बेटे के लिए बहू ढूंढ रहे थे. ध्यान रहे कि.विधानसभा में मोबाइल पर प्रतिबंध है. बावजूद इसके बहुजन समाज पार्टी के विधायक को सदन में लड़कियों की तस्वीर देखते हुए पकड़ा गया है.
अपने द्वारा की गई इस भूल पर बसपा विधायक ने मीडिया से बातचीत तो की मगर उसे आड़े हाथों लेने का प्रयास भी किया. महेश ने मीडिया के समक्ष इस बात को स्वीकार किया कि वो विधानसभा में मोबाइल लेकर गए थे.
अपने साथ हुई इस किरकिरी पर महेश ने कहा है कि,'हां, मैं फोन अंदर लेकर गया था, ये मेरी गलती है. मैं आगे से ऐसा नहीं करूंगा. लेकिन यह किस प्रकार का पत्रकारिता है कि आप सब कुछ सनसनीखेज कर रहे हैं. मैं अपने बेटे के लिए लड़की देख रहा था. मेरे दोस्त ने मुझे फोटो भेजी थी. कृपया इसे गलत तरीके से पेश न करें. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे ये कहते हुए बहुत दुख हो रहा...
नेताओं की रंगरलियां किसी से छुपी नहीं हैं. सत्र के दौरान नेताओं के पोर्न देखे जाने के खूब सरे वीडियो और कई खबरें वर्तमान में हमारे सामने हैं. इसके अतिरिक्त हम कई वीडियो ऐसे भी देख चुके हैं जिनमें वो नेता, जो पोर्न देख रहे थे अपनी सफाई दे रहे हैं. कई बार उन नेताओं के बहनों को सुनकर हंसी आती है. तो कई बार ऐसा भी लगता है कि, आदमी किस हद तक झूठ बोल सकता है. कर्नाटक से बसपा के विधायक एन महेश का मामला भी कुछ ऐसा ही है. कर्नाटक से बीएसपी विधायक एन. महेश शीतकालीन सत्र के दौरान मोबाइल फोन पर लड़की की तस्वीरें देखते हुए नजर आए और उन्हें कैमरे द्वारा पकड़ लिया गया.
अपने साथ हुई इस घटना से बसपा विधायक बौखला गए और ऐसी बात कर दी जिससे वो हंसी के पात्र बन गए. विधायक जी ने अपने बचाव में कहा है कि वो अपने बेटे के लिए बहू ढूंढ रहे थे. ध्यान रहे कि.विधानसभा में मोबाइल पर प्रतिबंध है. बावजूद इसके बहुजन समाज पार्टी के विधायक को सदन में लड़कियों की तस्वीर देखते हुए पकड़ा गया है.
अपने द्वारा की गई इस भूल पर बसपा विधायक ने मीडिया से बातचीत तो की मगर उसे आड़े हाथों लेने का प्रयास भी किया. महेश ने मीडिया के समक्ष इस बात को स्वीकार किया कि वो विधानसभा में मोबाइल लेकर गए थे.
अपने साथ हुई इस किरकिरी पर महेश ने कहा है कि,'हां, मैं फोन अंदर लेकर गया था, ये मेरी गलती है. मैं आगे से ऐसा नहीं करूंगा. लेकिन यह किस प्रकार का पत्रकारिता है कि आप सब कुछ सनसनीखेज कर रहे हैं. मैं अपने बेटे के लिए लड़की देख रहा था. मेरे दोस्त ने मुझे फोटो भेजी थी. कृपया इसे गलत तरीके से पेश न करें. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे ये कहते हुए बहुत दुख हो रहा है.'
ज्ञात हो कि चूंकि बात एक विधायक से जुड़ी थी इसलिए मीडिया ने भी घटना को खूब तवज्जो दी और इस वीडियो को न्यूज़ चैनल्स पर जमकर चलाया गया. आपको बताते चलें कि इस घटना के बाद कर्नाटक विधानसभा में खूब हंगामा हुआ और लोगों द्वारा भी बसपा विधायक की तीखी आलोचना की गयी.
बहरहाल ये कोई पहला मामला नहीं है जब इस तरह के नज़ारे कर्नाटक विधानसभा से आम हुए हैं. 2012 में भी बीजेपी के तीन विधायक मोबाइल पर पोर्न देखते हुए पकड़े गए थे. बात अगर 8 फरवरी 2012 को घटित उस घटना की हो तो मिलता है कि तब कर्नाटक सरकार में मंत्री लक्ष्मण सवादी और दो अन्य मंत्रियों जे कृष्णा पालेमर और सीसी पाटिल को विधानसभा में सत्र के दौरान पोर्न देखते कैमरे में कैद किया गया था. विधानसभा में सत्र के दौरान हुई इस घटना से तीनों ही विधायकों की जमकर किरकिरी हुई थी. मामला जब ज्यादा बढ़ गया तो लक्ष्मण सवादी ने प्रेस कांग्रेस कर अपनी सफाई दी थी और एक ऐसी बात कही थी जो अपने आप में हस्यापद थी.
सवादी ने कहा था कि, बेवजह मामले को मीडिया द्वारा तूल दिया जा रहा है. वो जो वीडियो देख रहे थे उसमें एक महिला 4 पुरुषों के साथ डांस कर रही थी जिसका बाद में उन्हीं 4 पुरुषों द्वारा बलात्कार कर दिया जाता है.
सवादी को सदन में ये वीडियो देखने की जरूरत क्यों पड़ी? इस पर उनका तर्क था कि चूंकि उस दौरान सदन में माल्पे में हुई रेव पार्टी पर चर्चा चल रही थी. मंत्री पालेमर ने उन्हें बताया था कि ऐसी चीजें अक्सर ही विदेश में रेव पार्टियों के दौरान होती हैं. सवादी के अनुसार वो वीडियो देखकर मामले की गंभीरता समझ रहे थे और देखना कोई अपराध नहीं है.
ध्यान रहे कि इसी घटना के बाद ये फैसला लिया गया था कि कर्नाटक विधानसभा में कोई भी नेता मोबाइल लेकर नहीं आएगा. अब जबकि एन महेश पकड़ लिए गए हैं तो हम उनसे बस इतना कहेंगे कि पहले तो वो ऐसा कुछ करें नहीं जिससे विधायिका शर्मिंदा हो. और अगर वो कुछ कर भी रहे हैं तो ऐसा बहाना दें जो लोगों को समझ में आए. ये न हो कि बहाना दुनिया के सामने इंसान को हंसी का पात्र बना दे.
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