आए दिन ईडी के दफ्तर के चक्कर लगा रहे और तरह-तरह के सवालों का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा की एक फेसबुक पोस्ट ने सियासी गलियारे में हलचल पैदा कर दी है. हलचल इसलिए, क्योंकि उन्होंने राजनीति में एंट्री करने का इशारा किया है. मनी लॉन्डरिंग में फंसे रॉबर्ट वाड्रा के राजनीति में आने के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था, लेकिन अब इस बात के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि उन्हें पार्टी में क्या भूमिका मिलेगी. उनका ये इशारा उस वक्त आया है, जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और हाल ही में उनकी पत्नी प्रियंका वाड्रा ने कांग्रेस की महासचिव के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया है. तो सवाल उठता है कि रॉबर्ट वाड्रा के सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेस और प्रियंका गांधी की राजनीतिक छवि पर क्या असर पड़ेगा.
प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी है और रॉबर्ट वाड्रा ने भी अपनी फेसबुक पोस्ट में यूपी के लोगों की सेवा करने की बात कही है. यानी ये बात तो तय है कि अगर वह राजनीति में आते हैं तो उन्हें यूपी में ही पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी. लेकिन सवाल ये है कि जनता उनका स्वागत करेगी भी या नहीं? इतना ही नहीं, सवाल ये भी है कि उनके पार्टी में आने से कांग्रेस को कोई फायदा होगा भी या नुकसान झेलना पड़ेगा? खैर, आज नहीं तो कल रॉबर्ट वाड्रा तो राजनीति में आएंगे ही, क्योंकि इसकी तैयारी वो काफी समय से कर रहे हैं.
क्या लिखा है वाड्रा ने?
वाड्रा ने लिखा है कि सरकारों ने असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उन्हें बदनाम किया, लेकिन लोगों ने उन पर विश्वास किया. उन्होंने ये भी बताया कि इन दिनों उन्हें ईडी के सामने जाना पड़ रहा है,...
आए दिन ईडी के दफ्तर के चक्कर लगा रहे और तरह-तरह के सवालों का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा की एक फेसबुक पोस्ट ने सियासी गलियारे में हलचल पैदा कर दी है. हलचल इसलिए, क्योंकि उन्होंने राजनीति में एंट्री करने का इशारा किया है. मनी लॉन्डरिंग में फंसे रॉबर्ट वाड्रा के राजनीति में आने के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था, लेकिन अब इस बात के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि उन्हें पार्टी में क्या भूमिका मिलेगी. उनका ये इशारा उस वक्त आया है, जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और हाल ही में उनकी पत्नी प्रियंका वाड्रा ने कांग्रेस की महासचिव के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया है. तो सवाल उठता है कि रॉबर्ट वाड्रा के सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेस और प्रियंका गांधी की राजनीतिक छवि पर क्या असर पड़ेगा.
प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी है और रॉबर्ट वाड्रा ने भी अपनी फेसबुक पोस्ट में यूपी के लोगों की सेवा करने की बात कही है. यानी ये बात तो तय है कि अगर वह राजनीति में आते हैं तो उन्हें यूपी में ही पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी. लेकिन सवाल ये है कि जनता उनका स्वागत करेगी भी या नहीं? इतना ही नहीं, सवाल ये भी है कि उनके पार्टी में आने से कांग्रेस को कोई फायदा होगा भी या नुकसान झेलना पड़ेगा? खैर, आज नहीं तो कल रॉबर्ट वाड्रा तो राजनीति में आएंगे ही, क्योंकि इसकी तैयारी वो काफी समय से कर रहे हैं.
क्या लिखा है वाड्रा ने?
वाड्रा ने लिखा है कि सरकारों ने असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उन्हें बदनाम किया, लेकिन लोगों ने उन पर विश्वास किया. उन्होंने ये भी बताया कि इन दिनों उन्हें ईडी के सामने जाना पड़ रहा है, जहां उनसे पूछताछ होती है. वह कानून का सम्मान कहते हुए लिखते हैं कि कानून सबसे ऊपर है. अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखआ है कि वह जनता के लिए कुछ अधिक करना चाहते हैं, ऐसी कोशिशें करना चाहते हैं जो बड़े बदलाव लाएं, खासकर यूपी में. वह लिखते हैं कि इतने सालों का अनुभव बर्बाद नहीं किया जा सकता है. राजनीति में आने का इशारा करते हुए वाड्रा कहते हैं कि एक बार सभी आरोप खत्म हो जाने के बाद वह लोगों की सेवा करने में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे.
तैयारी तो काफी पहले से चल रही है
रॉबर्ट वाड्रा का जन्मदिन 18 अप्रैल को होता है. ये जानना इसलिए जरूरी है, क्योंकि 2017 में अपने जन्मदिन पर उन्होंने अपनी एक अलग छवि बनाने की कोशिश की थी. वाड्रा ने एक हफ्ते तक अपना जन्मदिन मनाया. एक दिन दोस्तों संग गोल्फ खेला, दूसरे दिन मंदिर-मंदिर घूमे, तीसरे दिन नेत्रहीन बच्चों के साथ समय बिताया और चौथे दिन मंदिर के बाहर गरीब लोगों को खाना खिलाया. सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडिए भी फैलाए. लोग हैरान थे कि आखिर ऐशो-आराम की जिंदगी जीने वाला एक शख्स इतने समाज कल्याण के काम क्यों कर रहा है.
उनके काम-काज को देखकर जब उनसे पूछा गया था कि आखिर वो ये सब क्यों कर रहे हैं तो भी उनका इशारा राजनीति में आने का ही था. उन्होंने कहा था- 'अगर मैं चाहता तो राजनीति में आना मेरे लिए बहुत मुश्किल नहीं था. मैं पिछले 20 सालों में कभी भी सियासत में आ सकता था. लेकिन फिलहाल मैं लोगों के लिए काम करूंगा. जब लोग चाहेंगे तभी मैं सियासत में आऊंगा.’
प्रियंका गांधी के लिए कितने फायदे की बात
यूपीए सरकार के दौर से ही भ्रष्टाचार और मनी लॉडरिंग के आरोप में फंसे रॉबर्ट वाड्रा को ईडी के ऑफिस तक ड्रॉप करने जाती रहीं प्रियंका गांधी ने अब तक तो यही साबित किया है, कि वे बुरे वक्त में अपने पति के साथ खड़ी हैं. और ये बताने की कोशिश करती रही हैं कि बीजेपी की सरकार उनके खिलाफ साजिश कर रही है. प्रियंका गांधी को इस बात के लिए सहानुभूति मिल सकती है, लेकिन क्या रॉबर्ट वाड्रा को भी मिलेगा. इस पर शक है. प्रियंका गांधी ने जब राजनीति में एंट्री ली, तो उनकी छवि को इंदिरा गांधी से जोड़कर देखा गया. लेकिन यदि रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस में सक्रिय होते हैं, तो प्रियंका की छवि पर अपने 'दागी' पति का साया भी पड़ने लगेगा. उसी तरह जैसे अतीत में इंदिरा गांधी की छवि को संजय गांधी की छवि के कारण नुकसान उठाना पड़ा था. प्रियंका ने अभी राजनीति में शुरुआत की है. उनके नाम अभी सहज रूप से प्रियंका गांधी पुकारा जाता है. जब रॉबर्ट मैदान में उतरेंगे तो विपक्षी प्रियंका को भी प्रियंका वाड्रा कहने लगेंगे. सवाल तो राहुल गांधी से भी पूछे जाएंगे, जिन्होंने हाल ही में प्रियंका गांधी के एक सचिव को उसके खिलाफ लगे आरोपों के चलते निष्कासित कर दिया है. तो क्या वही राहुल गांधी तमाम आरोपों के बावजूद रॉबर्ट वाड्रा को कांग्रेस में पद दे देंगे. ऐसा करके वे कांग्रेस के विरोधियों को फिर कहने का मौका देंगे- 'कांग्रेस: बाय द फैमिली, फॉर द फैमिली.'
भाजपा ने हमला शुरू भी कर दिया
जैसे ही रॉबर्ट वाड्रा के कांग्रेस में शामिल होने के संकेत की खबर पर भाजपा की नजर पड़ी तो पार्टी ने चुटकी लेते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर इस खबर को शेयर किया. भाजपा ने लिखा है- पेश करते हैं लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार. इसके साथ ही उन्होंने #RobertIsReady हैशटैग भी डाला. भाजपा रॉबर्ट वाड्रा पर हमेशा ही हमलावर रहती है और अगर वाड्रा राजनीति में लोकसभा चुनाव से पहले आते हैं तो ये भाजपा के लिए एक हथियार जैसा होगा.
इन दिनों रॉबर्ट वाड्रा मनी लॉन्डरिंग के मामले में फंसे हुए हैं और प्रवर्तन निदेशालय उनसे पूछताछ कर रहा है. भाजपा अभी भी इस मुद्दे को भुना रही है और कांग्रेस पर रॉबर्ट वाड्रा का नाम लेकर आए दिन हमला भी करती है. ऐसे में अगर रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस में शामिल हो ही जाते हैं तो भाजपा इसे भी खूब भुनाएगी और जनता को अपने फेवर में लाने की पूरी कोशिश करेगी. हालिया फेसबुक पोस्ट देखकर ये तो साफ हो जाता है कि रॉबर्ट वाड्रा अभी तक सही वक्त का इंतजार कर रहे थे और यूं लग रहा है कि अब वो वक्त आ चुका है.
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