म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने कहा है कि रोहिंग्या आतंकी वारदातों में शामिल हैं. उन्होंने कहा- 'रोहिंग्या समूहों ने म्यांमार पर हमले कराए. म्यांमार ने रोहिंग्या लोगों को संरक्षण दिया, लेकिन नतीजा क्या निकला? रखाइन इलाके में सिर्फ मुसलमान नहीं रहते. वहां बौद्धों पर हमले कराए गए.' दुनियाभर में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उन्होंने अपने संबोधन में करारा जवाब दिया. साथ में उन्होंने ये भी कहा कि- 'हम आलोचनाओं से डरने वाले नहीं है. जो लोग म्यांमार में वापस आना चाहते हैं, हम उनके लिए रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे.' सू की ने एक तरह से भारत के रुख का समर्थन किया है.
केंद्र ने हलफनामे में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को देश के लिए खतरनाक बताया
केंद्र की ओर से रोहिंग्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है. इसमें भारत में रह रहे रोहिंग्या लोगों पर चिंता जताई गयी है. केंद्र ने 18 पन्ने के इस हलफनामे में कहा है कि- 'भारत में अवैध प्रवासी रोहिंग्या लोगों का रहना देश की सुरक्षा के प्रति खतरा है.' केंद्र ने कहा कि- 'कुछ रोहिंग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क का पता चला है.' देश की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा कि- 'रोहिंग्या मुसलमानों का आतंकवादियों से कनेक्शन है, जो जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय हैं. ये भारत में किसी बड़ी वारदात को आंजाम देना चाहते हैं.'
पाकिस्तान में रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में सभा
भारत सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को देश में शरण देने से इंकार क्यों किया. इसका सबसे बड़ा सच या एक तरह...
म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने कहा है कि रोहिंग्या आतंकी वारदातों में शामिल हैं. उन्होंने कहा- 'रोहिंग्या समूहों ने म्यांमार पर हमले कराए. म्यांमार ने रोहिंग्या लोगों को संरक्षण दिया, लेकिन नतीजा क्या निकला? रखाइन इलाके में सिर्फ मुसलमान नहीं रहते. वहां बौद्धों पर हमले कराए गए.' दुनियाभर में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उन्होंने अपने संबोधन में करारा जवाब दिया. साथ में उन्होंने ये भी कहा कि- 'हम आलोचनाओं से डरने वाले नहीं है. जो लोग म्यांमार में वापस आना चाहते हैं, हम उनके लिए रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे.' सू की ने एक तरह से भारत के रुख का समर्थन किया है.
केंद्र ने हलफनामे में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को देश के लिए खतरनाक बताया
केंद्र की ओर से रोहिंग्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है. इसमें भारत में रह रहे रोहिंग्या लोगों पर चिंता जताई गयी है. केंद्र ने 18 पन्ने के इस हलफनामे में कहा है कि- 'भारत में अवैध प्रवासी रोहिंग्या लोगों का रहना देश की सुरक्षा के प्रति खतरा है.' केंद्र ने कहा कि- 'कुछ रोहिंग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क का पता चला है.' देश की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा कि- 'रोहिंग्या मुसलमानों का आतंकवादियों से कनेक्शन है, जो जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय हैं. ये भारत में किसी बड़ी वारदात को आंजाम देना चाहते हैं.'
पाकिस्तान में रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में सभा
भारत सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को देश में शरण देने से इंकार क्यों किया. इसका सबसे बड़ा सच या एक तरह से कहें तो सबूत पाकिस्तान से आया है. वहां पर रोहिंग्या मुसलमानों की मदद के लिए फंड इकट्ठा किये जा रहे हैं. उनके समर्थन में सभाएं आयोजित की जा रही हैं. यहां तक की पाकिस्तान के एक बड़े सुन्नी लीडर अशरफ आसिफ जलाली ने भारत और म्यामांर की सरकार को धमकी तक दे डाली. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की का नाम लेकर कहा कि अब रोहिंग्या मुसलमानों के लिए जिहाद होगा. साथ में ये भी कहा कि बदला लेने के लिए एक लाख आतंकवादियों की भर्ती करेंगे.
पठानकोट अटैक का गुनहगार जैश आतंकी मसूद अजहर ने भी किया रोहिंग्या का समर्थन
पाक आतंकवादी और पठानकोट अटैक का मास्टरमाइंड मसूद अजहर ने खुलकर रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन किया है. उसने मुस्लिमों को एकजुट होकर रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ खड़े होने की अपील की है. म्यांमार को धमकी देते हुए उसने कहा कि- 'वहां पर मुस्लिमों के साथ हो रहे व्यवहार को देखते हुए पूरी दुनिया के मुस्लिमों को साथ आने की जरुरत है और जल्द ही कुछ करना चाहिए.'
क्या कहता है होम मिनिस्ट्री का अलर्ट?
रोहिंग्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने से पहले होम मिनिस्ट्री ने भारत के बॉर्डर की सुरक्षा करने वाली बलों को एक अलर्ट जारी किया था. उन्हें रोहिंग्या की इस्लामिक टेररिस्ट ग्रुप अका-मूल-मुजाहिदीन पर नजर रखने के लिए कहा था. अलर्ट में कहा गया था कि ये आतंकी ग्रुप हमारी पूर्वी सीमा से दाखिल हो सकते है. म्यांमार में कुछ वर्ष पहले अस्तित्व में आये इस ग्रुप में शामिल आतंकियों को पाकिस्तान की तालिबान ने ट्रेनिंग दी थी. उन्हें अत्याधुनिक हथियार चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग पाकिस्तान में दी गयी.
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