एक ऐसे समय में जब रूस और यूक्रेन एक दूसरे के खून के प्यासे हों. अपनी अपनी जिद के चलते दोनों ही देशों में छत्तीस का आंकड़ा हो गया हो दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के पास मौजूदा वक़्त के इस बड़े युद्ध को लेकर अपना अलग ओपिनियन है. जिसकी जैसी नीयत है उसकी वैसी सोच है. लेकिन ज़रूरी नहीं कि रूस यूक्रेन युद्ध पर हर आदमी का ओपिनियन ही हो. कई लोग इस युद्ध को उस पैनी नजर से देख रहे हैं जहां उन्हें भविष्य दिखाई दे रहा है. रूस यूक्रेन युद्ध की देखादेखी उन्हें एक दूसरे से लड़ते भिड़ते देश दिखाई दे रहे हैं. वो देख रहे हैं कि रूस से प्रेरित होकर आने वाले वक़्त में चीन भी ताइवान पर मिलते जुलते अंदाज में हमला करेगा. बात जब इस तरह के लोगों या ये कहें कि ऐसे भविष्य वक्ताओं की हुई है तो कल की तारीख में जब ऐसे लोगों की कोई लिस्ट बनेगी तो उसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और अपने शासनकाल में तमाम तरह के विवादों को अपने नाम करने वाले डोनाल्ड ट्रम्प का नाम शीर्ष पर होगा.
अब चूंकि ट्रम्प एक नेता से भविष्य वक्ता या ज्योतिषी बन ही बैठे हैं और उन्होंने ये कहकर सनसनी फैला दी है कि रूस यूक्रेन युद्ध पर चीन की पैनी नजर है और वो जल्द ही ताइवान पर हमला कर सकता है. हमें तब हैरत में बिल्कुल भी नहीं पड़ना चाहिए. जब कल हम डोनाल्ड ट्रम्प के मुंह से सुन लें कि आंतरिक गतिरोध के कारण भारत पाकिस्तान पर या फिर पाकिस्तान, बांग्लादेश पर हमला कर सकता है.
बताते चलें कि वर्ल्ड सुपर पावर अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि ताइवान पर चीन अगला हमला करेगा, क्योंकि रूस-यूक्रेन मोर्चे के घटनाक्रम को 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुशी...
एक ऐसे समय में जब रूस और यूक्रेन एक दूसरे के खून के प्यासे हों. अपनी अपनी जिद के चलते दोनों ही देशों में छत्तीस का आंकड़ा हो गया हो दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के पास मौजूदा वक़्त के इस बड़े युद्ध को लेकर अपना अलग ओपिनियन है. जिसकी जैसी नीयत है उसकी वैसी सोच है. लेकिन ज़रूरी नहीं कि रूस यूक्रेन युद्ध पर हर आदमी का ओपिनियन ही हो. कई लोग इस युद्ध को उस पैनी नजर से देख रहे हैं जहां उन्हें भविष्य दिखाई दे रहा है. रूस यूक्रेन युद्ध की देखादेखी उन्हें एक दूसरे से लड़ते भिड़ते देश दिखाई दे रहे हैं. वो देख रहे हैं कि रूस से प्रेरित होकर आने वाले वक़्त में चीन भी ताइवान पर मिलते जुलते अंदाज में हमला करेगा. बात जब इस तरह के लोगों या ये कहें कि ऐसे भविष्य वक्ताओं की हुई है तो कल की तारीख में जब ऐसे लोगों की कोई लिस्ट बनेगी तो उसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और अपने शासनकाल में तमाम तरह के विवादों को अपने नाम करने वाले डोनाल्ड ट्रम्प का नाम शीर्ष पर होगा.
अब चूंकि ट्रम्प एक नेता से भविष्य वक्ता या ज्योतिषी बन ही बैठे हैं और उन्होंने ये कहकर सनसनी फैला दी है कि रूस यूक्रेन युद्ध पर चीन की पैनी नजर है और वो जल्द ही ताइवान पर हमला कर सकता है. हमें तब हैरत में बिल्कुल भी नहीं पड़ना चाहिए. जब कल हम डोनाल्ड ट्रम्प के मुंह से सुन लें कि आंतरिक गतिरोध के कारण भारत पाकिस्तान पर या फिर पाकिस्तान, बांग्लादेश पर हमला कर सकता है.
बताते चलें कि वर्ल्ड सुपर पावर अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि ताइवान पर चीन अगला हमला करेगा, क्योंकि रूस-यूक्रेन मोर्चे के घटनाक्रम को 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुशी से देख रहे हैं'.
असल मे फॉक्स बिजनेस से ट्रम्प ने कई मुद्दों पर चर्चा की है और उस चर्चा में उन्होंने रूस यूक्रेन युद्ध को खासा महत्व दिया है. फॉक्स बिजनेस से अपने मन की बात करते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि चीन देख रहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका कितना मूर्ख है और 'बेशक, वे (चीन) ऐसा करने जा रहे हैं (ताइवान पर हमला)'.
अपनी बातचीत में ट्रम्प ने कहा है कि, 'राष्ट्रपति शी एक उच्च खुफिया स्तर वाले व्यक्ति हैं और वह देखते हैं कि अफगानिस्तान में क्या हुआ. उन्होंने देखा कि हमने अफगानिस्तान को छोड़ दिया. अपने इंटरव्यू में ट्रम्प ने यूक्रेन की शान में कसीदे रचते हुए कहा है कि यूक्रेन ने रूस के खिलाफ बहुत अच्छी लड़ाई लड़ी है, जोकि ज्यादातर लोगों की सोच से कहीं बेहतर है.
मौका ट्रम्प को फायदा पहुंचाने वाला था जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया. अपने इंटरव्यू में ट्रम्प ने कहा कि, 'बहुत से लोग मर रहे हैं और हम ऐसा होने दे रहे हैं. ऐसा कभी नहीं होता अगर मैं अभी भी अमेरिका का राष्ट्रपति होता. ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने यूक्रेन को टैंक रोधी मिसाइलें दीं, जबकि बाइडेन ने उससे कम दिया.
ओबामा पर व्यंग्य करते हुए ट्रम्प ने कहा कि ओबामा ने यूक्रेन को कंबल दिए हैं. ट्रम्प ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उन्हें ज़ेलेंस्की की युद्धकालीन वीरता का एक प्रारंभिक संस्करण देखने को मिला.
कुल मिलाकर युद्ध और समर्थन विरोध एक बहाना है. असल में अमेरिका के मद्देनजर ट्रम्प मौजूदा सरकार से खफा हैं. बाकी बात क्योंकि चीन के सन्दर्भ में हुई है. तो अगर कल चीन ट्रम्प की बातों से प्रभावित हो जाए और ताइवान पर हमला कर दे तो हमें इसलिए भी हैरत में नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि चीन के सामने ताइवान कुछ नहीं है. वो जवाबी एक्शन तो लेगा लेकिन ये एक्शन कितने दिन का होगा इसे चीन भी जानता है और खुद ताइवान भी.
इसी तरह भारत के सामने पाकिस्तान की वही हैसियत है जो रूस के सामने यूक्रेन और खुद पाकिस्तान के सामने बांग्लादेश की. बाकी दौर सत्ता का, अपनी शक्ति दिखाने का हुआ है तो यूक्रेन संग युद्ध कर रूस ने विश्व के समस्त छोटे मुल्कों या ऐसे मुल्क जो किसी देश से अलग हुए हैं उन्हें जरूर चिंता में डाल दिया है. ऐसे में चाहे वो पाकिस्तान हो या फिर बांग्लादेश और ताइवान मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में सुरक्षा के लिहाज से इनकी फ़िक्र जायज है.
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