रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई शुरू हुए दो महीने पूरे हो चुके है, बावजूद इसके लड़ाई अब भी जारी है. रूस ने एक बार फिर पूर्वी छोर में हमले तेज कर दिए हैं. डोनबास के साथ खारकीव उसके निशाने पर है. खारकीव में रोज बमबारी हो रही है. तो वहीं मारिउपोल शहर कमोबेश रूस के कब्जे में आ चूका है. हालांकि 24 फ़रवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तब यह शायद कम ही लोगों को अंदाजा रहा होगा कि युद्ध इतना लम्बा चल सकता है, मगर अब रूस-यूक्रेन युद्ध को 60 दिन पूरे हो चुके है, बावजूद इसके इस युद्ध का अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. इन दो महीनों के दौरान दोनों देशों के बीच सुलह के लिए कई दौर की बातचीत भी हुई जो अब तक बेनतीजा ही रही है. अब जहां रूस यूक्रेन के अलग अलग हिस्सों में हमले कर उसे अपने कब्जे में लेने कि कोशिश कर रहा है तो वहीँ यूक्रेन भी अपने देश को बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है.
अगर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की बात करें तो अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं, हालांकि इन प्रतिबंधों से बेपरवाह, रूस लगातार यूक्रेन में अपने हमले जारी रखें हैं.
दो महीनों में हुआ जान माल का नुकसान
यूक्रेन के तरफ से जो आकंड़ें पेश किये हैं उसके अनुसार, 24 अप्रैल तक यूक्रेन को हुए कुल नुकसान की सूचि निम्नलिखित है-
मारे गए यूक्रेन के जवान:- कम से कम 2500 -3000 जवान
मारे गए आम नागरिकों की संख्या:- 2435
मारे गए बच्चों की संख्या:- 213
घायल जवानों की संख्या:- 10000
घायल नागरिकों की संख्या:- 2946
घायल बच्चों की संख्या:- 389
रूस की...
रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई शुरू हुए दो महीने पूरे हो चुके है, बावजूद इसके लड़ाई अब भी जारी है. रूस ने एक बार फिर पूर्वी छोर में हमले तेज कर दिए हैं. डोनबास के साथ खारकीव उसके निशाने पर है. खारकीव में रोज बमबारी हो रही है. तो वहीं मारिउपोल शहर कमोबेश रूस के कब्जे में आ चूका है. हालांकि 24 फ़रवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तब यह शायद कम ही लोगों को अंदाजा रहा होगा कि युद्ध इतना लम्बा चल सकता है, मगर अब रूस-यूक्रेन युद्ध को 60 दिन पूरे हो चुके है, बावजूद इसके इस युद्ध का अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. इन दो महीनों के दौरान दोनों देशों के बीच सुलह के लिए कई दौर की बातचीत भी हुई जो अब तक बेनतीजा ही रही है. अब जहां रूस यूक्रेन के अलग अलग हिस्सों में हमले कर उसे अपने कब्जे में लेने कि कोशिश कर रहा है तो वहीँ यूक्रेन भी अपने देश को बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है.
अगर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की बात करें तो अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं, हालांकि इन प्रतिबंधों से बेपरवाह, रूस लगातार यूक्रेन में अपने हमले जारी रखें हैं.
दो महीनों में हुआ जान माल का नुकसान
यूक्रेन के तरफ से जो आकंड़ें पेश किये हैं उसके अनुसार, 24 अप्रैल तक यूक्रेन को हुए कुल नुकसान की सूचि निम्नलिखित है-
मारे गए यूक्रेन के जवान:- कम से कम 2500 -3000 जवान
मारे गए आम नागरिकों की संख्या:- 2435
मारे गए बच्चों की संख्या:- 213
घायल जवानों की संख्या:- 10000
घायल नागरिकों की संख्या:- 2946
घायल बच्चों की संख्या:- 389
रूस की तरफ से दागे गए मिसाइलों की कुल संख्या:- 2000
वर्ल्ड बैंक के एक अनुमान के अनुसार यूक्रेन के सड़कें, बिल्डिंग्स और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को अब तक लगभग 60 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चूका है जबकि इसके और ज्यादा होने की सम्भावना है.
उक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की के अनुसार रूस के साथ हुए युद्ध के बाद हुए नुकसान से निपटने के लिए यूक्रेन को हरेक महीने तक़रीबन 7 बिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी
यूक्रेन के प्रधानमंत्री के अनुसार इस युद्ध के बाद यूक्रेन की जीडीपी (GDP) में 30%-50% की गिरावट आ सकती है.उक्रेनी प्रधानमंत्री ने नुकसान का जो आकड़ां बताया उसके अनुसार, प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन को अब तक लगभग 560 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चूका है. यह आकड़ा यूक्रेन के कुल अर्थव्यवस्था के तिगुना है.
रूस को कितना नुकसान
यूक्रेन के दावे के अनुसार रूस को 24 अप्रैल तक 21800 सैनिक,179 प्लेन्स, 154 हेलीकाप्टर, 873 टैंक्स, 408 आर्टिलरी सिस्टम, 2238 आर्मर्ड पर्सनल कैरियर,4 मोबाइल शार्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम, 147 मल्टीप्ल लांच रॉकेट सिस्टम; 8 बोट्स; 1557 गाड़ियां; 76 फ्यूल टैंक; 191 ड्रोन्स; 69 एंटी एयरक्राफ्ट वारफेयर के अलावा 28 स्पेशल इक्विपमेंट्स का भी नुकसान हुआ है.
इन नुकसान के अलावा रूसी अर्थव्यवस्था को भी पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों का नुकसान झेलना पड़ रहा है. IMF के अनुसार इस साल रूस की अर्थव्यस्था 8.5% प्रतिशत तक सिकुड़ सकती है और अगर यूरोपियन देश रूस से आ रही तेल पर भी प्रतिबन्ध लगा दे तो यह नुकसान और भी ज्यादा हो सकता है. रूस के लिए मुश्किल यह भी है कि यूक्रेन पर हमले के बाद से कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने रूस से अपना कारोबार समेट लिया है. इन सब के अलावा रूस में महंगाई की दर 18 प्रतिशत के करीब पहुंच गयी है जो रूसी जनता के लिए चिंता का विषय है.
आगे की राह
अब यहां से रूस यूक्रेन का युद्ध किस ओर जाएगा, इसका ठीक ठाक अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल है, मगर हालिया दिनों में कुछ घटनाक्रम इस युद्ध के थमने की उम्मीद बंधाते हैं. अभी हाल के हफ़्तो में कई देशों के नेताओं ने यूक्रेन और रूस का दौरा किया है और कई देशों ने फ़ोन पर इन देशों से संपर्क किया है. वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेन्सकी ने भी नाटो में शामिल होने की जिद छोड़ दी है और साथ ही वह पुतिन से बात करने को भी तैयार हैं. ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में इस युद्ध को रोकने की दिशा में कोई ठोस पहल हो.
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