पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव दिन-ब-दिन रोचक होता जा रहा है. तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने केवल नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनावी रण में उतरने की बात कहकर भाजपा को खुली चुनौती दे डाली है. ममता ने पहले भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों सीटों से चुनाव लड़ने की बात कही थी. राजनीतिक समीकरण बताते हैं कि नंदीग्राम में 'दीदी' की राह आसान नहीं है. बावजूद इसके उनका यह फैसला करना पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में खुद के लिए भरोसा पैदा करने की कोशिश नजर आता है. वहीं, ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से अपने नामांकन के लिए आगामी 11 मार्च को होने वाली शिवरात्रि के अवसर को चुना है. इसे पश्चिम बंगाल में 'राम' के नाम पर की जा रही राजनीति की काट के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि ममता ने 'शिव' के सहारे 'राम' के नाम पर हो रही राजनीति का असर कम करने के लिए यह रणनीति बनाई है.
भगवा दल के नारे 'जय श्री राम' को लेकर ममता हमेशा ही असहज हो जाती हैं. कुछ ही समय पहले कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी के साथ शिरकत कर रहीं दीदी 'जय श्री राम' के नारों पर भड़क गई थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी ऐसे कई मौकों पर वह गुस्सा जाहिर कर चुकी हैं. कहा जा सकता है कि उन्होंने भाजपा द्वारा लगातार उन पर फेंके जा रहे 'जय श्री राम' के जाल से खुद को बचाने का तोड़ 'शिवरात्रि' के सहारे खोज लिया है. शिवरात्रि पर नामांकन दाखिल कर टीएमसी की अध्यक्ष हिंदू मतदाताओं को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रही हैं. ममता की ये सॉफ्ट हिंदुत्व वाली रणनीति उनके काफी काम आ सकती है. बंगाली संस्कृति के अनुसार 'दुर्गा' और 'काली' के जरिये ममता पहले भी 'जय श्री राम' के नारे का मुकाबला करती दिखाई दी हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव दिन-ब-दिन रोचक होता जा रहा है. तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने केवल नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनावी रण में उतरने की बात कहकर भाजपा को खुली चुनौती दे डाली है. ममता ने पहले भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों सीटों से चुनाव लड़ने की बात कही थी. राजनीतिक समीकरण बताते हैं कि नंदीग्राम में 'दीदी' की राह आसान नहीं है. बावजूद इसके उनका यह फैसला करना पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में खुद के लिए भरोसा पैदा करने की कोशिश नजर आता है. वहीं, ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से अपने नामांकन के लिए आगामी 11 मार्च को होने वाली शिवरात्रि के अवसर को चुना है. इसे पश्चिम बंगाल में 'राम' के नाम पर की जा रही राजनीति की काट के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि ममता ने 'शिव' के सहारे 'राम' के नाम पर हो रही राजनीति का असर कम करने के लिए यह रणनीति बनाई है.
भगवा दल के नारे 'जय श्री राम' को लेकर ममता हमेशा ही असहज हो जाती हैं. कुछ ही समय पहले कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी के साथ शिरकत कर रहीं दीदी 'जय श्री राम' के नारों पर भड़क गई थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी ऐसे कई मौकों पर वह गुस्सा जाहिर कर चुकी हैं. कहा जा सकता है कि उन्होंने भाजपा द्वारा लगातार उन पर फेंके जा रहे 'जय श्री राम' के जाल से खुद को बचाने का तोड़ 'शिवरात्रि' के सहारे खोज लिया है. शिवरात्रि पर नामांकन दाखिल कर टीएमसी की अध्यक्ष हिंदू मतदाताओं को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रही हैं. ममता की ये सॉफ्ट हिंदुत्व वाली रणनीति उनके काफी काम आ सकती है. बंगाली संस्कृति के अनुसार 'दुर्गा' और 'काली' के जरिये ममता पहले भी 'जय श्री राम' के नारे का मुकाबला करती दिखाई दी हैं.
बावजूद इसके ममता बनर्जी की इस राह में मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. दरअसल, चुनावी तारीखों के बाद तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ने एक साथ 291 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की थी. इस लिस्ट की खास बात ये है कि इसमें अभिनेत्री सायोनी घोष का नाम भी शामिल है. सायोनी घोष को आसनसोल दक्षिण विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है. इस अभिनेत्री का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है. सायोनी घोष ने 2015 में भगवान शिव की एक कैरिकेचर ट्वीट किया था. इस कैरिकेचर में एक महिला शिवलिंग पर कॉन्डम पहनाती हुई नजर आ रही है. इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था कि 'Gods cudnt have been more useful.' इसका हिंदी में अर्थ है, भगवान इससे ज्यादा प्रयोग करने योग्य नहीं हो सकते.
भाजपा ने अभिनेत्री पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है. सायोनी घोष के इस ट्वीट को लेकर उन पर हमलावर हो गई है. भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है कि जिसने शिव जी का अनादर किया, वो सायोनी घोष आसनसोल से टीएमसी प्रत्याशी हैं. ममता दीदी ने फिर से हिंदुओं के प्रति अपनी नफरत दिखा दी है. तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी को कमजोर करने के लिए भाजपा ऐसा कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं दे रही है. ममता की सॉफ्ट हिंदुत्व वाली रणनीति को झटका देने के लिए भाजपा लगातार इस मामले को उछाल रही है. अभिनेत्री के खिलाफ मेघालय के पूर्व राज्यपाल व भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत रॉय ने कोलकाता पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है.
सायोनी घोष ने 16 जनवरी को एक बयान जारी कर इस ट्वीट को अप्रिय बताया था. घोष ने अपना अकाउंट हैक होने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि अकाउंट से कई ट्वीटस हटाए गए थे. ये ट्वीट गलती से रह गया था. सायोनी घोष का आसनसोल दक्षिण सीट पर भी 'बाहरी' बताकर टीएमसी कार्यकर्ता भी विरोध कर रहे हैं. वहीं, वाम दलों ने नंदीग्राम सीट को अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएफ के लिए छोड़ दिया है. जिसके बाद से ममता बनर्जी के मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगने की आशंका बढ़ गई है. अगर भाजपा की ओर से इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाता है, तो ममता की 'शिव भक्ति' पर उनकी ही पार्टी की प्रत्याशी का ट्वीट भारी पड़ सकता है. हिंदुत्व की इस लड़ाई में 'शिव' या 'राम' में कौन जीतेगा, ये चुनावी नतीजे तय करेंगे.
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