शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ दो साल में दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक की तरफ इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि हमने पाकिस्तानी सेना के रेंजर्स द्वारा हमारे जवान नरेंद्र सिंह दहिया और जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारियों की क्रूर हत्या का बदला ले लिया है और भारतीय सेना ने इस एक्शन को पिछले दो-तीन दिनों में अंजाम दिया है. बीएसएफ महानिदेशक के.के.शर्मा ने राजनाथ सिंह की बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा हमने नियंत्रण रेखा पर पर्याप्त कार्यवाई की है. यहाँ पर ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी हाल ही में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक की बात की थी. उस समय पाकिस्तान ने इसका अपने अंदाज़ में विरोध किया था.
24 सितंबर को इंडिया टुडे को दिए गए इंटरव्यू में भारतीय सेना चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है. उसके कुछ ही दिन पहले बीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह दहिया को यातना देने के बाद पाकिस्तानी रेंजरों ने गोली मार दी थी और उनका क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था. रावत ने ये भी कहा था कि पाकिस्तान ने मई में सीजफायर की पेशकश की थी पर फिर भी सीमा पार से घुसपैठ जारी है और हमें उसपर रोक लगानी होगी. पाकिस्तानी आर्मी और उसके नेताओं ने उस वक़्त बयान जारी करते हुए कहा था कि पाकिस्तान एक परमाणु देश है और भारत की ऐसे किसी भी हरकत से निपटने में सक्षम है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने उसके बाद एक मीटिंग की थी और भारतीय सेना के ऐसे किसी भी एक्शन का मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही थी. ये बयान ऐसे ही हैं जैसे पाकिस्तान ने 2016 के कायराना उरी हमले के बाद दिए थे.
शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ दो साल में दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक की तरफ इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि हमने पाकिस्तानी सेना के रेंजर्स द्वारा हमारे जवान नरेंद्र सिंह दहिया और जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारियों की क्रूर हत्या का बदला ले लिया है और भारतीय सेना ने इस एक्शन को पिछले दो-तीन दिनों में अंजाम दिया है. बीएसएफ महानिदेशक के.के.शर्मा ने राजनाथ सिंह की बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा हमने नियंत्रण रेखा पर पर्याप्त कार्यवाई की है. यहाँ पर ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी हाल ही में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक की बात की थी. उस समय पाकिस्तान ने इसका अपने अंदाज़ में विरोध किया था.
24 सितंबर को इंडिया टुडे को दिए गए इंटरव्यू में भारतीय सेना चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है. उसके कुछ ही दिन पहले बीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह दहिया को यातना देने के बाद पाकिस्तानी रेंजरों ने गोली मार दी थी और उनका क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था. रावत ने ये भी कहा था कि पाकिस्तान ने मई में सीजफायर की पेशकश की थी पर फिर भी सीमा पार से घुसपैठ जारी है और हमें उसपर रोक लगानी होगी. पाकिस्तानी आर्मी और उसके नेताओं ने उस वक़्त बयान जारी करते हुए कहा था कि पाकिस्तान एक परमाणु देश है और भारत की ऐसे किसी भी हरकत से निपटने में सक्षम है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने उसके बाद एक मीटिंग की थी और भारतीय सेना के ऐसे किसी भी एक्शन का मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही थी. ये बयान ऐसे ही हैं जैसे पाकिस्तान ने 2016 के कायराना उरी हमले के बाद दिए थे.
पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा सितंबर 18 की रात में किये गए हमले में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. भारत की तरफ से जवाब की उम्मीद करते हुए पाकिस्तान ने उस वक़्त भी कहा था कि हम परमाणु संपन्न मजबूत देश हैं और भारत के किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे. पर सर्जिकल स्ट्राइक हो गयी और पाकिस्तान की तरफ से कोई परमाणु हमला नहीं हो पाया. बल्कि उस समय तो पाकिस्तान में अजीब अफरा-तफरी दिखी. पाकिस्तान की सिविलियन गवर्नमेंट ने तो सुबह भारतीय एक्शन की बात स्वीकारी लेकिन जैसे ही पाकिस्तान की सर्व-शक्तिशाली सेना का इशारा हुआ, हर पाकिस्तानी यही कहने में लग गया के कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुई ही नहीं थी. पाकिस्तान अब तक यही बात दोहराता है.
अब 2018 की बात करें तो भारतीय गृहमंत्री ने दो दिन पहले बयान भी दे दिया है और भारतीय मीडिया ने उसको रिपोर्ट भी करना शुरू कर दिया है. एक अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स और सीमा सुरक्षा बल के विशेष कमांडो ने जम्मू और राजौरी के बीच पाक-अधिकृत-कश्मीर में केरी उप सेक्टर सर्जिकल स्ट्राइक करके कई सारे बंकर तबाह कर दिए और 15 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराकर अपने शहीद जवानों की मौत का बदला ले लिया है. पर पाकिस्तान की तरफ से, उसकी सर्व-शक्तिशाली सेना की तरफ से और उसकी सिविलयन सरकार की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है. इमरान खान और कमर जावेद बाजवा ने कोई मीटिंग की है या नहीं हमें पता नहीं है. और ये यही दिखाता है कि पाकिस्तान के सत्ता संस्थान, पिछली बार की तरह, इस बार कम से कम अपने ऊपर हुए हमले से खुद को हड़बड़ी में नहीं दिखाना चाहते हैं. उन्हें पता था कि भारत की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक एक्सपेक्टेड थी और हो गयी, अब अगर हम उसपर तुरंत रियेक्ट करेंगे तो दुनिया पाकिस्तान पर ही संदेह करेगी, जैसा 2016 में हुआ था, सो बेहतर है की चुप ही रहो. जैसे कुछ हुआ ही न हो और भारत खुद ही शोर मचा रहा है. कम से कम इज़्ज़त बचाने के लिए फिलहाल यही बहुत है.
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