बात इसी मार्च की है. पूरा देश कोरोना वायरस (Coronavirus) की भेंट चढ़ चुका था. सरकार भी बीमारी को लेकर गंभीर हो चुकी थी. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सामने आए थे और उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन करते हुए जनता कर्फ्यू (Janta Curfew) की घोषणा की थी. सारे देश ने इसका पालन किया था वहीं दिल्ली (Delhi) के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में बैठी महिलाओं ने देश के पीएम की बातों की कोई परवाह न करते हुए अपना धरना जारी रखा. वहीं जब इस मामले के मद्देनजर मेन स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया पर आलोचना का दौर शुरू हुआ तो प्रदर्शनकारी महिलाओं को झुकना पड़ा और ये कहा गया कि धरना स्थल पर इक्का दुक्का महिलाएं ही होंगी और वो जनता कर्फ्यू वाले दिन सांकेतिक धरना देंगी. चूंकि कोरोना वायरस फैलने का एक बड़ा कारण संक्रमण है इसलिए पहले ही ये प्रश्न बना हुआ था कि यदि कोरोना शाहीन बाग़ पहुंच गया तो क्या होगा? जनता इस सवाल को लेकर फिक्रमंद इसलिए भी थी कि क्योंकि तब्लीगी जमात के चंद बेवकूफों ने पहले ही अनर्थ कर दिया था. फिलहाल जिस बात का डर था वही हुआ. कोरोना शाहीन बाग़ पहुंच चुका है और लोगों के हाथ पांव फूल गए हैं.
बीमारी किसी को अपनी चपेट में न ले इसलिए दिल्ली के शाहीन बाग़ को रेड ज़ोन में परिवर्तित कर दिया गया है. जी हां सही सुन रहे हैं आप. दिल्ली में शाहीन बाग़ कोरोना का नया हॉट स्पॉट है. बीमारी को देखते हुए क्लस्टर एरिया बढ़ाकर 60 कर दिए गए हैं. बता दें कि जिन इलाकों को क्लस्टर एरिया की लिस्ट में शामिल किया गया है, उसमें शाहीन बाग, अबुल फ़ज़्ल एंक्लेव स्थित गली और शाहदरा में ईस्ट राम नगर के कुछ हिस्से शामिल हैं. दिल्ली में कोरोना वायरस के खतरों के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के 60 इलाकों को सील किया जा चुका है. इसके अलावा ऑपरेशन शील्ड को भी प्रभावित इलाकों में लागू किया गया है.
शाहीनबाग को कोरोनावायरस का नया रेड ज़ोन घोषित किये जाने के बाद पूरी दिल्ली में हड़कंप मच गया है
गौरतलब है कि जिस तेजी से दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले और मौतों का ग्राफ बढ़ा है स्थिति विचलित करने वाली है. अगर स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो मिलता है कि राजधानी दिल्ली में अब तक कोरोना के कुल 1640 मामले सामने आ चुके हैं और 38 लोगों की मौत हो चुकी है. बात अगर पिछले 24 घंटे की हो यो गुजरे 24 घंटों के अंदर 62 नए मामले सामने आए हैं और 6 लोगों की मौत हुई है.
तो कैसे दी कोरोना ने शाहीनबाग़ में दस्तक
बता दें कि फिलहाल अबुल फ़ज़्ल एनक्लेव और ज़ाकिर नगर के ही कुछ हिस्सों को सील किया गया था और ये भी तब हुआ था जब दिल्ली में तब्लीगी जमात द्वारा की गई बेवकूफी का भंडाफोड़ हुआ था. बता दें कि दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ से क्वारंटाइन में भेजे गए कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए जमातियों ने इस बात को स्वीकार किया था कि वो भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में धरने में शामिल होने शाहीनबाग़ गए थे. इस खबर के बाद से ही हड़कंप मच गया था और ये मान लिया गया था कि कोई बड़ी अनहोनी होने वाली है. इसके बाद जब जाकिर नगर और अबुल फ़ज़्ल एन्क्लेव से मामले सामने आए तो इस बात की तस्दीख हो गयी कि जो अनर्थ होना था हो गया.
गौरतलब है कि जिस तरफ इस खौफनाक बीमारी का प्रसार हो रहा है स्वास्थ्य विभाग भी ये मान के चल रहा है कि शाहीनबाग़ में एक नहीं तमाम पॉजिटिव केसेस होंगे. और ये अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है कि यदि शाहीन बाग़ से मामले निकलते हैं और मरीजों की संख्या और मौत का ग्राफ बढ़ता है तो फिर शायद ही वो चेन टूटे जिसके लिए इतने जतन किये जा रहे हैं.
बहरहाल अब जबकि शाहीनबाग़ रेड ज़ोन घोषित हो ही चुका है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि यहां से और कितने केस निकलते हैं और दिल्ली की सेहत को प्रभावित करते हैं. शाहीनबाग़ का रेड ज़ोन घोषित होना इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि सीएए प्रोटेस्ट के दौरान यहां कई लोग आए थे जो दिल्ली समेत देश के अलग अलग स्थानों पर गए हैं. यदि ऐसा होता है तो समस्या का अंदाजा लगाने के लिए हमें रॉकेट साइंस समझने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है.
ये भी पढ़ें -
Moradabad में डॉक्टर्स के साथ जो हुआ, उसमें हैरत कैसी?
Coronavirus से बड़ा हमला तो अफवाहों का हुआ है!
Lockdown marriage: कुमारस्वामी और उनके बेटे से ना रुका गया!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.