जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के नतीजों की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियां खुद को अच्छा दिखाने और विरोधी को बुरा दिखाने के तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं. एक ऐसा ही हथकंडा अपनाया है राहुल गांधी ने. हालांकि, वह अपने ही हथियार से घायल होते नजर आ रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी को नीचा दिखाते हुए एक ट्वीट किया है और अब उसी को लेकर उल्टा राहुल गांधी निशाने पर आ गए हैं. कम से पीएम पद के उम्मीदवार से ऐसी उम्मीद बिल्कुल नहीं थी.
राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है. उसमें एक शब्द लिखा है- मोदीलाई (modilie) यानी मोदी के झूठ. राहुल का कहना है कि ये शब्द ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी में है. वहीं दूसरी ओर, राहुल गांधी के दावे को धराशाई करते हुए ऑक्सफोर्ड ने ट्वीट किया है और स्पष्ट किया है कि उसकी किसी भी डिक्शनरी में ऐसा शब्द नहीं है. ऑक्सफोर्ड ने स्क्रीनशॉट को फर्जी बताया है. मोदी को सत्ता से हटाने के लिए राहुल गांधी हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ये किसी ने नहीं सोचा था कि इसी राह पर चलते चलते वह एक दिन सोशल मीडिया के 'ट्रोल' बन जाएंगे.
राहुल गांधी ने फैलाया झूठ !
अगर राहुल गांधी ने किसी का ट्वीट शेयर किया होता तो एक बार ये माना जा सकता था कि वह गलतफहमी का शिकार हो गए. लेकिन उन्होंने अपने ट्वीट में साफ लिखा है कि वह एक स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी ये स्क्रीनशॉट खुद लेने का दावा कर रहे हैं. यानी वो ये कह रहे हैं कि ये बिल्कुल सच है. तो फिर क्या ऑक्सफोर्ड गलत है? वैसे भी, ऑक्सफोर्ड की वेबसाइट पर तो ये शब्द नहीं दिख रहा है. तो क्या राहुल गांधी ने जानबूझकर एक झूठ...
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के नतीजों की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियां खुद को अच्छा दिखाने और विरोधी को बुरा दिखाने के तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं. एक ऐसा ही हथकंडा अपनाया है राहुल गांधी ने. हालांकि, वह अपने ही हथियार से घायल होते नजर आ रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी को नीचा दिखाते हुए एक ट्वीट किया है और अब उसी को लेकर उल्टा राहुल गांधी निशाने पर आ गए हैं. कम से पीएम पद के उम्मीदवार से ऐसी उम्मीद बिल्कुल नहीं थी.
राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है. उसमें एक शब्द लिखा है- मोदीलाई (modilie) यानी मोदी के झूठ. राहुल का कहना है कि ये शब्द ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी में है. वहीं दूसरी ओर, राहुल गांधी के दावे को धराशाई करते हुए ऑक्सफोर्ड ने ट्वीट किया है और स्पष्ट किया है कि उसकी किसी भी डिक्शनरी में ऐसा शब्द नहीं है. ऑक्सफोर्ड ने स्क्रीनशॉट को फर्जी बताया है. मोदी को सत्ता से हटाने के लिए राहुल गांधी हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ये किसी ने नहीं सोचा था कि इसी राह पर चलते चलते वह एक दिन सोशल मीडिया के 'ट्रोल' बन जाएंगे.
राहुल गांधी ने फैलाया झूठ !
अगर राहुल गांधी ने किसी का ट्वीट शेयर किया होता तो एक बार ये माना जा सकता था कि वह गलतफहमी का शिकार हो गए. लेकिन उन्होंने अपने ट्वीट में साफ लिखा है कि वह एक स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी ये स्क्रीनशॉट खुद लेने का दावा कर रहे हैं. यानी वो ये कह रहे हैं कि ये बिल्कुल सच है. तो फिर क्या ऑक्सफोर्ड गलत है? वैसे भी, ऑक्सफोर्ड की वेबसाइट पर तो ये शब्द नहीं दिख रहा है. तो क्या राहुल गांधी ने जानबूझकर एक झूठ फैलाया? दूसरे के घर में आग लगाने के चक्कर में राहुल गांधी अपना खुद का ही हाथ जला बैठे हैं. इस ट्वीट के बाद तो अब उनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं.
किस हद तक पहुंच चुके हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी को भले ही कोई पीएम के तौर पर देखना पसंद करे या नहीं, लेकिन वह मौजूदा परिस्थितियों में पीएम पद के मजबूत दावेदार हैं. ऐसे में उनसे ये उम्मीद तो कतई नहीं थी कि वह किसी को ट्रोल करने के लिए फर्जी स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल करेंगे. हो सकता है कि अब वह कहें कि ऑक्सफोर्ड ने उस शब्द को हटा दिया है, लेकिन उनका ये जवाब भी तभी आ जाना चाहिए था, जब ऑक्सफोर्ड ने उनके द्वारा शेयर किए गए स्क्रीन शॉट को ट्वीट करते हुए लिखा था कि ये शब्द उनकी किसी डिक्शनरी में नहीं है. ये फर्जी स्क्रीनशॉट है. मोदी को सत्ता से हटाने के चक्कर में राहुल गांधी सारी हदें पार करते जा रहे हैं. राहुल गांधी वो शख्स हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई हार्वर्ड यूनिवर्सटी और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से की है. इतना पढ़ा-लिखा शख्स भी ऐसे काम करेगा, ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा.
अभी भी मानने को तैयार नहीं
एक शख्स वो होता है, जो गलती करने के बाद उसे मान लेता है. लेकिन राहुल गांधी उनमें से तो बिल्कुल नहीं लग रहे हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि जिस ट्वीट को लेकर राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस की आलोचना हो रही है, उन्होंने वो ट्वीट अब तक डिलीट नहीं किया है. ना ही उस ट्वीट को लेकर लोगों से या खुद पीएम मोदी से कोई माफी मांगी है.
इस वेबसाइट से सामने आया है ये शब्द
राहुल गांधी ने एक वेबसाइट का भी जिक्र किया है, जो इसी शब्द के नाम से बनी हुई है. इस वेबसाइट का नाम है modilies.in. ये वेबसाइट पीएम मोदी के कई दावों को झूठा कहती है और उन्हें वेबसाइट पर छापती है. चलिए किसी दावे को झूठा कहने वाली ये वेबसाइट तो अपने तर्क सामने रखती है, भले ही वह उसका अपना विचार क्यों ना हों. लेकिन राहुल गांधी ने तो Modilie को ऑक्सोफोर्ड का शब्द बताकर बिना सिर पैर वाली बात की है.
राहुल गांधी के ट्वीट के बाद उनके समर्थकों ने पहले राहुल का पक्ष लेते हुए मोदी को घेरना शुरू किया, लेकिन जैसे ही ऑक्सफोर्ड ने स्क्रीनशॉट को फर्जी बताया, अब विरोधी राहुल को ही घेर रहे हैं. कोई कह रहा है कि राहुल गांधी अब ऑक्सफोर्ड को भी संघी और भक्त कहेंगे. कोई कह रहा है कि राहुल गांधी ने तो राफेल मामले में मोदी को घेरने के लिए फ्रांस के प्रेसिडेंट को भी नहीं छोड़ा, ये तो फिर भी ऑक्सफोर्ड है.
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