बात सदियों पुरानी है,लेकिन आप का ध्यान आकर्षित कर रहा हूं. बात उस समय की है,जब आदि शंकराचार्य केरल से काशी आए और बुद्ध को ध्वस्त ही नही किए उन्हें भगवान का अवतार कहें,साथ में उन्होंने यह भी कहा कि मेरे द्वारा स्थापित पीठ के अंदर का भारत रहेगा,बाकी का भारत निकल जायेगा और वहीं हुआ भी.वह सदी आदि शंकराचार्य के नाम जाती है.जो मिला उसी को हराया और उन्हीं का हो के रह गया.काशी में जिससे हारे थे उन्हीं को पहले पीठ का अध्यक्ष बनाए.
यह दुनिया में सर्वोत्तम डॉक्ट्रिन के नाम से दर्ज है. आज उसी भारत में केरल से चलकर दिल्ली पहुंचने वाले कांग्रेस के लोकसभा के सांसद श्री शशि थरूर तथा G 23 के माननीय सदस्य (जो कांग्रेस के होते हुए कांग्रेस का विरोध कर रहे थे/हैं.
उनका सामना कांग्रेस के ही मल्लिका खड़के कर रहे है.कल तक नही थे परंतु आज आगए. कल तक दिग्विज सिंह थे, आज खड़गे के प्रस्तावक बन गए. संभवतः सोनिया गांधी का हाथ हो, खड़के पिछड़े समाज से आते है. वहीं शशि थरूर ब्राह्मण समाज से है.अपने प्रतिभा के बल पर यूएनओ में भारत को 3 बार रिप्रेजेंट किया है.
शशि थरूर को मलयालम के साथ इंग्लिश और हिंदी आती है. संभवतः संस्कृत नही आती है,लेकिन आवाज में आकर्षण है. अब देखना है जीत किसकी होती है?
मैं व्यक्तिगत तौर पर शशि थरूर को देखना चाहता हूं.उनसे हर आदमी नैतिकता और विरोध को सीख सकता है.कांग्रेस को गांधी, सुभाष चन्द्र बोस,लोहिया,जेपी आदि के समकक्ष शशि थरूर ही खड़ा कर सकते है. शशि थरूर जो यूएनओ में बोलते थे,उसी अदा पर पाकिस्तान की महिलाएं भी फिदा रहती थी.
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