सही पकड़े हैं... देश में तो लोगों के बीच पीएम मोदी को लेकर भिड़ंत का दौर चल रहा है. लोग आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अपने-अपने विचार जाहिर कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच दो चर्चित भाभियों के बीच में भिड़ंत हो गई. हम बात कर रहे हैं 'भाभीजी घर पर हैं' की मुख्य किरदार अंगूरी भाभी की. यूं तो अंगूरी भाभी का किरदार निभा रही शुभांगी आत्रे और उसी किरदार को निभा चुकीं शिल्पा शिंदे के बीच लड़ाइयां और वाद-विवाद तो होते ही रहते हैं. लेकिन इस बार इनके बीच भिड़ंत की वजह और कोई नहीं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.
क्या है दोनों के बीच भिड़ंत का कारण?
शुभांगी आत्रे ने जब ट्विटर पर पीएम मोदी का सपोर्ट करते हुए ये लिखा कि 'मोदी हैं तो मुमकिन है'.. 'फिर एक बार, मोदी सरकार'. इसके बाद से वो ट्विटर पर ट्रोल हो गईं. कांग्रेस और शिल्पा शिंदे के समर्थक शुभांगी आत्रे को ये बोल कर ट्रोल कर रहे हैं कि 'शिल्पा शिंदे कांग्रेस में क्या शामिल हुईं, आप तो भाजपाई हो गईं.' किसी ने तो ये भी कहा कि 'आपकी एक्टिंग शिल्पा शिंदे के आगे कुछ भी नहीं है. आप बस शिल्पा शिंदे की कमी पूरी कर रहीं हैं.' तो किसी ने उन्हें मोदी भक्त भी कह दिया. शिल्पा के फैन्स शुभांगी को बस इसलिए ट्रोल नहीं कर रहे कि वो मोदी के पक्ष में बोल रही हैं, बल्कि ट्रोल करने का कारण शिल्पा के कांग्रेस से जुड़ने वाली बात के साथ भी जोड़ा जा रहा है.
शिल्पा शिंदे हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुई हैं. हालांकि, शिल्पा शिंदे चुनाव लड़ेंगी या नहीं ये तो अभी तक साफ नहीं हुआ है, लेकिन उनके द्वारा कांग्रेस का हाथ पकड़ने के बाद वो चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी हैं. शिल्पा ने भी सिद्धू के पक्ष में पुलवामा हमले के बाद एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार और सड़क पर उतरे लोगों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि 'हर कोई मीडिया का फुटेज खाने की कोशिश में लगा है. सिद्धू जी ने कोई गलत बात नहीं कही. बातचीत से भी रास्ता निकल सकता है. युद्ध इसका एक विकल्प नहीं है. हम निर्दोष लोगों को क्यों...
सही पकड़े हैं... देश में तो लोगों के बीच पीएम मोदी को लेकर भिड़ंत का दौर चल रहा है. लोग आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अपने-अपने विचार जाहिर कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच दो चर्चित भाभियों के बीच में भिड़ंत हो गई. हम बात कर रहे हैं 'भाभीजी घर पर हैं' की मुख्य किरदार अंगूरी भाभी की. यूं तो अंगूरी भाभी का किरदार निभा रही शुभांगी आत्रे और उसी किरदार को निभा चुकीं शिल्पा शिंदे के बीच लड़ाइयां और वाद-विवाद तो होते ही रहते हैं. लेकिन इस बार इनके बीच भिड़ंत की वजह और कोई नहीं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.
क्या है दोनों के बीच भिड़ंत का कारण?
शुभांगी आत्रे ने जब ट्विटर पर पीएम मोदी का सपोर्ट करते हुए ये लिखा कि 'मोदी हैं तो मुमकिन है'.. 'फिर एक बार, मोदी सरकार'. इसके बाद से वो ट्विटर पर ट्रोल हो गईं. कांग्रेस और शिल्पा शिंदे के समर्थक शुभांगी आत्रे को ये बोल कर ट्रोल कर रहे हैं कि 'शिल्पा शिंदे कांग्रेस में क्या शामिल हुईं, आप तो भाजपाई हो गईं.' किसी ने तो ये भी कहा कि 'आपकी एक्टिंग शिल्पा शिंदे के आगे कुछ भी नहीं है. आप बस शिल्पा शिंदे की कमी पूरी कर रहीं हैं.' तो किसी ने उन्हें मोदी भक्त भी कह दिया. शिल्पा के फैन्स शुभांगी को बस इसलिए ट्रोल नहीं कर रहे कि वो मोदी के पक्ष में बोल रही हैं, बल्कि ट्रोल करने का कारण शिल्पा के कांग्रेस से जुड़ने वाली बात के साथ भी जोड़ा जा रहा है.
शिल्पा शिंदे हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुई हैं. हालांकि, शिल्पा शिंदे चुनाव लड़ेंगी या नहीं ये तो अभी तक साफ नहीं हुआ है, लेकिन उनके द्वारा कांग्रेस का हाथ पकड़ने के बाद वो चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी हैं. शिल्पा ने भी सिद्धू के पक्ष में पुलवामा हमले के बाद एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार और सड़क पर उतरे लोगों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि 'हर कोई मीडिया का फुटेज खाने की कोशिश में लगा है. सिद्धू जी ने कोई गलत बात नहीं कही. बातचीत से भी रास्ता निकल सकता है. युद्ध इसका एक विकल्प नहीं है. हम निर्दोष लोगों को क्यों मारें? जिन्होनें ये किया उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.हमें माननीय प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए कि वो ट्रेन का उद्घाटन करने गए तो क्या उनको दुख नहीं हुआ इस बात का? और राहुल जी ने फोन क्या देख लिया तो वो उन पर सवाल उठाने लगे.'
शिल्पा शिंदे ने क्यों छोड़ा 'भाभीजी घर पर हैं' सीरियल?
भाभीजी घर पर हैं के निर्देशक के साथ शिल्पा शिंदे का पैसों को लेकर विवाद हो गया था, जिसके चलते उन्होंने सीरियल छोड़ दिया था. इसके बाद से अंगूरी भाभी के मुख्य किरदार को शुभांगी आत्रे निभा रही हैं. उसके बाद से ही इन दोनों के बीच वाद-विवाद का सिलसिला शुरू हो गया. जब शुभांगी ने 'भाभीजी घर पर हैं' सीरियल में काम करना शुरू किया था, तब भी शिल्पा ने एक साक्षात्कार में बोला था कि 'शुभांगी अच्छी कॉपी कर लेती हैं. वो अपने भविष्य में कुछ अच्छा कर सकती हैं, अगर कॉपी करना छोड़ दें तो.' जिसके बाद शुभांगी ने जवाब देते हुए कहा था कि 'मैं केवल एक किरदार को निभाती हूं, न कि किसी व्यक्ति विशेष को. मैं बस इमानदारी से अंगूरी के इस किरदार को आगे बढ़ा रही हूं.' इसके अलावा इन दोनों के बीच ऐसी बातें और एक दूसरे पर तंज कसने का सिलसिला चलता रहता है. हालांकि, शिल्पा बिग बॉस सीजन 11 भी जीत चुकी हैं और उसके बाद स्टार प्लस पर आ रहे एक सीरियल नज़र में भी दिख रही हैं.
शिल्पा से ज्यादा तैयार हैं शुभांगी
शिल्पा शिंदे के कांग्रेस से जुड़ने को उनके राजनीति में आने की बात से जोड़कर देखा जा रहा है. हो सकता है कि आने वाले समय में वो कांग्रेस से चुनाव भी लड़ें. मगर वो खुद एक वीडियो में ये कहती नजर आ रही हैं कि वो बहुत तैयार नहीं थीं, इसलिए ज्यादा सवालों के जवाब नहीं दे पाईं. जहां पूरा देश सिद्धू का विरोध कर रहा है, वहीं वो सिद्धू के पक्ष में बात करती नजर आईं. वहीं दूसरी तरफ शुभांगी एक डाई हार्ट मोदी फैन हैं, जिनकी नजर में बीजेपी 2019 के लिए एक सही विकल्प है. ये बात उनके ट्विटर अकाउंट को देखकर समझी जा सकती है. शुभांगी ने अपने ट्विटर अकाउंट में मोदी सरकार और बीजेपी के पक्ष में हर उस मुद्दे का समर्थन करते हुए ट्वीट किया है जो एक डाई हार्ट मोदी फैन कर सकता है. मोदी सरकार के पक्ष में किए गए ट्वीट और रीट्वीट को देखने के बाद ये कहा जा सकता है कि वो एक भाजपा सपोर्टर हैं और कुछ नहीं. जैसे हर एक इंसान के अपने मत होते हैं, वो अपने उन्हीं मत को व्यक्त करती नजर आ रही हैं, जिसके लिए उन्हें ट्रोल किया जा रहा है.
जहां एक ओर शुभांगी को कुछ लोग ट्रोल कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग ऐसे भी हैं जो उन्हें समर्थन में भी हैं. कुछ लोग उनके पक्ष में कहते हुए रीट्वीट कर रहे हैं 'सही पकड़े हैं भाभीजी.' वहीं रोहित भट्ट के नाम से एक ट्वीट में कहा है- 'क्या बात है, आपने खुल के समर्थन कर दिया, मोदी हैं तो विकास है.' अब बात यह है कि खुल कर अपने निजी विचार रखने के लिए अगर भाभीजी ट्रोल हो रही हैं तो क्या वो सही हैं?
कंटेंट- दीक्षा प्रियदर्शी (इंटर्न- आईचौक)
ये भी पढ़ें-
मोदी की एक अपील ने उनके राजनीतिक विरोधियों को धर्म-संकट में डाल दिया
राहुल गांधी की सबसे बड़ी बाधा है गठबंधन की राजनीतिक 'ना'समझ!
21वीं सदी की 7 सर्जिकल स्ट्राइक, जिसके बारे में बात नहीं हुई
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.