गाय हमारी माता है, इससे ज्यादा हमें कुछ नहीं आता है. देश में स्कूली शिक्षा पर बने इस चुटकुले को शायद आप कई बार सुन चुके होंगे. इसका एक आशय है कि स्कूली किताबों में हमने पढ़ लिया है कि गाय हमारी माता जरूर है लेकिन इससे आगे कोई सवाल न पूछा जाए क्योंकि हमें इसके अलावा कुछ पता नहीं है. देश की राजनीति में गाय एक बार फिर बड़ा मुद्दा बन चुका है. हाल ही में प्रधानमंत्री ने फर्जी गोरक्षकों का मुद्दा उठाया जिसका जमकर विरोध किया जा रहा है. क्या इस वीडियों में गाय की चोरी के तरीके को देखने के बाद उन स्वयंसेवी गौरक्षकों पर उंगली उठाना जायज है?
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अब देखिए सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो जो बता रहा है कि क्यों गोरक्षकों का मुद्दा बेमानी है. इस वीडियो से जाहिर है कि गाय की चोरी का यह मामला संभवत: गुजरात के किसी शहर का है.
अब इस वीडियो को देखने के बाद आप ही बताएं कि अगर गुजरात की गलियों में कुछ इस तरह की वारदात को अंजाम दिया जाता है, तो फिर गायों को लेकर संघर्ष कैसे थमेगा? क्या ऐसे कारोबार को रोकने में गुजरात सरकार कोई कदम उठाती है?
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ऐसा कैसे संभव है कि गाय पर राजनीति कर वोट भी चाहिए और गाय के मांस के कारोबार कर सरकार चुप्पी भी साध ले? इसे देखकर आप खुद तय करें क्या हमें इस सवाल के आगे जानने की जरूरत है कि गाय हमारी माता है? कि हमारा कानून उसकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाता है?
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