भारत की राजनीति में राम का नाम बहुत ही खास रहता है. अयोध्या का राम मंदिर को न जाने कितने सालों से राजनीतिक हथियार बना हुआ है. 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई तो जनता से वादा किया था कि राम मंदिर बनाने की हर कोशिश होगी, लेकिन अब तक राम मंदिर नहीं बन सका. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक यह भी तय नहीं किया कि सुनवाई कितनी तारीख से होगी. वहीं योगी आदित्यनाथ आए दिन इस बात का आश्वासन देते हैं कि मंदिर जरूर बनेगा. भाजपा मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध तो दिखती है, लेकिन धरातल पर राम मंदिर से जुड़ा कोई काम नहीं दिख रहा है. लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है. इस साल भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य दिवाली का आयोजन किया गया और अब रेलवे की तरफ से भगवान राम के नाम पर रामायण एक्सप्रेस भी चला दी गई है.
इस ट्रेन को रामायण की थीम पर ही शुरू किया गया है, जिसे दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से हरी झंडी भी मिल चुकी है. इसमें भगवान राम से जुड़े देशभर के तमाम स्थानों को जोड़ा गया है. यह टूर पैकेज 16 दिनों का है, जिसमें भारत में विभिन्न स्थानों से होते हुए श्रीलंका तक की यात्रा कराई जाएगी.
रामायण पर आधारित है इसका रास्ता
यह टूर पैकेज दो हिस्सों में दिया जा रहा है, जिसमें एक हिस्सा देश में है और दूसरा श्रीलंका में. दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से चली ये ट्रेन पहले अयोध्या जाएगी. वहां से ट्रेन हनुमान गढ़ी रामकोट और कनक भवन मंदिर जाएगी. इसके बाद ट्रेन रामायण के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों तक जाएगी जैसे नंदीग्राम, सीतामढ़ी, वाराणसी, जनकपुर, श्रींगवेरपुर, नासिक, प्रयाग, चित्रकूट, हंपी और रामेश्वरम.