गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गया. इसके साथ ही थम गई प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों- भाजपा और कांग्रेस की सांसें भी. दोनों दलों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. इसी के क्रम में दोनों दलों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हुए जनता के लिए कुछ यादगार पल भी दे दिए, जो देश में चर्चा का बिषय बना.
आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही यादगार विषयों के बारे में-
चुनाव तारीखों पर बवाल: गुजरात चुनाव का शुरुआत ही विवादों के साथ हुआ. चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव की तारीखों का ऐलान एकसाथ नहीं किया. लेकिन चुनाव नतीजों के लिए दोनों राज्यों का एक ही तारीख 18 दिसम्बर रखा. इससे नाराज़ कांग्रेस ने चुनाव आयोग के भाजपा से मिले होने के आरोप तक लगाया दिया.
विकास पागल हो गया: भाजपा के गुजरात के ‘विकास का मॉडल’ होने के दावे पर सोशल मीडिया पर माखौल उड़ाया गया. 'विकास गांडो थायो छे' यानी विकास पागल हो गया है, खूब वायरल हुआ. सोशल मीडिया पर लोग 'विकास गांडो थायो छे' के हैश टैग और कैप्शन के साथ काफी तस्वीरें शेयर करने लगे. इसमें गुजरात के गढ्ढों और कमियों का मज़ाक उड़ाया गया.
विकास बेकाबू हुआ तो...
हार्दिक पटेल की 'सेक्स सीडी': गुजरात के सियासत में भाजपा और कांग्रेस के तीखे आरोप-प्रत्यारोप के बीच पाटीदार नेता...
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गया. इसके साथ ही थम गई प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों- भाजपा और कांग्रेस की सांसें भी. दोनों दलों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. इसी के क्रम में दोनों दलों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हुए जनता के लिए कुछ यादगार पल भी दे दिए, जो देश में चर्चा का बिषय बना.
आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही यादगार विषयों के बारे में-
चुनाव तारीखों पर बवाल: गुजरात चुनाव का शुरुआत ही विवादों के साथ हुआ. चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव की तारीखों का ऐलान एकसाथ नहीं किया. लेकिन चुनाव नतीजों के लिए दोनों राज्यों का एक ही तारीख 18 दिसम्बर रखा. इससे नाराज़ कांग्रेस ने चुनाव आयोग के भाजपा से मिले होने के आरोप तक लगाया दिया.
विकास पागल हो गया: भाजपा के गुजरात के ‘विकास का मॉडल’ होने के दावे पर सोशल मीडिया पर माखौल उड़ाया गया. 'विकास गांडो थायो छे' यानी विकास पागल हो गया है, खूब वायरल हुआ. सोशल मीडिया पर लोग 'विकास गांडो थायो छे' के हैश टैग और कैप्शन के साथ काफी तस्वीरें शेयर करने लगे. इसमें गुजरात के गढ्ढों और कमियों का मज़ाक उड़ाया गया.
विकास बेकाबू हुआ तो...
हार्दिक पटेल की 'सेक्स सीडी': गुजरात के सियासत में भाजपा और कांग्रेस के तीखे आरोप-प्रत्यारोप के बीच पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की एक कथित सीडी जारी हुई. इसमें हार्दिक एक महिला के साथ होटल के कमरे में नजर आए . हार्दिक पटेल ने इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया.
राहुल गांधी का सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदू रजिस्टर में हस्ताक्षर का मामला: राहुल गांधी सोमनाथ मंदिर में दर्शन के दौरान एक विवाद में फंस गए. उनके दर्शन गैर हिंदू रजिस्टर में दर्ज़ किये गए. इसके बाद कांग्रेस ने बैकफुट पर आते हुए, राहुल गांधी की जनेऊ वाली तस्वीरें जारी की. और कहा कि राहुल गांधी हिन्दू ही नहीं बल्कि जनेऊधारी हिन्दू हैं.
मणिशंकर अय्यर का प्रधानमंत्री पर 'नीच' बयान: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा कि 'ये आदमी बहुत नीच किस्म का आदमी है. इसमें कोई सभ्यता नहीं है और ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है?'
चुनाव में पाकिस्तान का प्रवेश: 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात चुनाव में पाकिस्तान का 'हाथ' होने का आरोप लगाया. बकौल मोदी "एक तरफ पाकिस्तान की सेना के पूर्व डीजी गुजरात चुनाव में दखल दे रहे हैं और दूसरी ओर पाकिस्तान के लोग मणिशंकर अय्यर के घर पर बैठक कर रहे हैं. इस बैठक के कारण गुजरात के लोग, निचले समुदाय के लोग, गरीब जनता और मोदी का अपमान हुआ. क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे कार्यक्रम संदेह पैदा करते हैं?"
टेम्पल रन: गुजरात चुनाव में दोनों पार्टियां भगवान के भरोसे ज़्यादा दिखीं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जहां दो दर्जन से भी ज़्यादा मंदिरों के दर्शन किए. वहीं नरेंद्र मोदी करीब एक दर्जन मंदिरों का ही आशीर्वाद ले पाए.
गब्बर सिंह का गर्जन: इस चुनाव में शोले फिल्म के 'गब्बर सिंह' का जलवा भी दिखा. पूरे चुनाव प्रचार में राहुल गांधी के अनुसार, "हमें एक जीएसटी चाहिए, 'गब्बर सिंह टैक्स' नहीं."
सी प्लेन से प्रधानमंत्री का सफर: नरेंद्र मोदी, सी प्लेन से सफर करने वाले पहले प्रधानमंत्री बने. साबरमती नदी से सी प्लेन में सवार होकर मेहसाणा जिले के धरोई बांध के लिए उड़ान भरी. देश में इस तरह के विमान की यह पहली उड़ान थी. और इसी उड़ान के साथ गुजरात का चुनावी प्रचार भी खत्म हुआ.
इस साल गुजरात का चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव है. इसके कारण दोनों ही पार्टियां इसे अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव कोशिश करती रहीं. नतीज़तन कुछ ऐसे चर्चित विषयों को छोड़ दिया जिसे हरदम याद रखा जाएगा.
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