Aam Aadmi Party उत्तर प्रदेश में अपने सियासी पैर फैलाना चाहती है. वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का हिस्सा बनकर आम आदमी पार्टी अपना दमखम दिखाना चाहती है. इसके लिए बाकायदा रणनीतियां तैयार करने के साथ साथ ज़मीन पर भी दिखते हुए मीडिया में बने रहने की हर संभव कोशिश की जा रही है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेरा डाले Sanjay Singh को उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए जिम्मेदारी दी गई है जिसको निभाते हुए लगभग हरेक मुद्दे पर वह बेबाकी के साथ बयानबाजी कर रहे हैं. हाथरस का मामला रहा हो या फिर किसान आंदोलन का, संजय सिंह हर बार सामने आकर योगी सरकार पर हमलावर दिखते रहे हैं. अकेले संजय सिंह ही नहीं अब उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के अन्य नेता भी ज़मीन तैयार करने के लिए जूझते नज़र आ रहे हैं. इस संदर्भ में सबसे पहला दौरा रहा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एंव शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया का, वह शिक्षा व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते नज़र आए. मनीष सिसौदिया के जाते ही आम आदमी पार्टी के एक और बड़े नेता ने उत्तर प्रदेश में दस्तक दी लेकिन ये दस्तक नफा के बयाज नुकसानदेह साबित हुई. आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक Somnath Bharti ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया तो स्वास्थ्य व्यवस्था पर योगी सरकार को घेरना चाहा, लेकिन इस बार मामला उल्टा पड़ गया, योगी सरकार को घेरने की कोशिश में सोमनाथ भारती खुद ही आपा खो बैठे और एक विवादित बयान देकर अपनी फज़ीहत करा बैठे.
अब विधायक जी तो चाहते थे कि वह स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था को मुद्दा बनाकर मनीष सिसौदिया की तरह वाहवाही बटोर कर वापसी करेंगें लेकिन सोमनाथ खुद ही फंस गए और 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल की सलाखों के...
Aam Aadmi Party उत्तर प्रदेश में अपने सियासी पैर फैलाना चाहती है. वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का हिस्सा बनकर आम आदमी पार्टी अपना दमखम दिखाना चाहती है. इसके लिए बाकायदा रणनीतियां तैयार करने के साथ साथ ज़मीन पर भी दिखते हुए मीडिया में बने रहने की हर संभव कोशिश की जा रही है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेरा डाले Sanjay Singh को उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए जिम्मेदारी दी गई है जिसको निभाते हुए लगभग हरेक मुद्दे पर वह बेबाकी के साथ बयानबाजी कर रहे हैं. हाथरस का मामला रहा हो या फिर किसान आंदोलन का, संजय सिंह हर बार सामने आकर योगी सरकार पर हमलावर दिखते रहे हैं. अकेले संजय सिंह ही नहीं अब उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के अन्य नेता भी ज़मीन तैयार करने के लिए जूझते नज़र आ रहे हैं. इस संदर्भ में सबसे पहला दौरा रहा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एंव शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया का, वह शिक्षा व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते नज़र आए. मनीष सिसौदिया के जाते ही आम आदमी पार्टी के एक और बड़े नेता ने उत्तर प्रदेश में दस्तक दी लेकिन ये दस्तक नफा के बयाज नुकसानदेह साबित हुई. आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक Somnath Bharti ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया तो स्वास्थ्य व्यवस्था पर योगी सरकार को घेरना चाहा, लेकिन इस बार मामला उल्टा पड़ गया, योगी सरकार को घेरने की कोशिश में सोमनाथ भारती खुद ही आपा खो बैठे और एक विवादित बयान देकर अपनी फज़ीहत करा बैठे.
अब विधायक जी तो चाहते थे कि वह स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था को मुद्दा बनाकर मनीष सिसौदिया की तरह वाहवाही बटोर कर वापसी करेंगें लेकिन सोमनाथ खुद ही फंस गए और 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. दरअसल सोमनाथ भारती शनिवार को अमेठी पहुंचे थे. जहां उन्होंने योगी सरकार पर तंज करते हुए कहा था कि 'हम उत्तर प्रदेश में आए हैं. हम यहां के स्कूलों को देख रहे हैं, यहां के अस्पतालों को देख रहे हैं. हालात बद से बदतर हैं, अस्पतालों में बच्चे तो पैदा हो रहे हैं लेकिन कुत्तों के बच्चे पैदा हो रहे हैं.'
सोमनाथ भारती के इसी बयान से उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया. मामला प्रकाश में आया तो रायबरेली पुलिस ने सोमनाथ भारती को गिरफ्तार कर लिया और न्यायलय की चौखट पर पहुंचा दिया जहां से उनको 14 दिनों की न्यायलयिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है. सोमनाथ भारती अमेठी में विवादित बयान देने के बाद रायबरेली पहुंचे थे जहां पर एक युवक ने उनके ऊपर स्याही भी फैंक दी थी जिसके बाद सोमनाथ आगबबूला हो गए थे और पुलिस को भी धमकाते नज़र आए थे.
मौके पर जब पुलिस ने अमेठी मामले में सोमनाथ को गिरफ्तार करना चाहा तो भी खूब नोंकझोंक देखने को मिली. कांग्रेस की सुप्रीम लीडर सोनिया गांधी के इलाके में हुए इस घटनाक्रम के बाद राजनीति जमकर देखने को मिली. केजरीवाल और उनकी पार्टी योगी सरकार पर हमलावर दिखी तो योगी सरकार के मंत्री सोमनाथ भारती और केजरीवाल पर, लेकिन इन दोनों के बीच तीसरे पार्टी के नेता और रायबरेली से ही कांग्रेस विधायक राकेश सिंह ने सोमनाथ भारती पर स्याही फेंकने वाले युवक को ही सम्मानित कर डाला.
कांग्रेसी विधायक ने स्याही फेंकने वाले युवक जीतेंद्र सिंह को 51 हज़ार रुपये देकर सम्मानित किया और कहा कि उत्तर प्रदेश में आकर हमारे माननीय मुख्यमंत्री के खिलाफ ज़हर उगलने वालों के साथ ऐसा ही होना चाहिए. रायबरेली के इस युवक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री की लाज रखी है और बिल्कुल सही काम किया है.
राजनीति अपनी जगह है लेकिन शब्दों की मर्यादा को लांघना किसी भी नेता के लिए गलत है. सोमनाथ भारती का बयान किसी भी सूरत में सही नहीं था योगी सरकार ने उनपर रहम न दिखाते हुए कानूनी कार्यवाई करना ही बेहतर समझा और बता दिया कि उत्तर प्रदेश में आकर शब्दों की मर्यादा को लांघ लेने वालों के साथ कुछ ऐसा ही बर्ताव हो सकता है.
फिलहाल सोमनाथ भारती जेल की सलाखों के पीछे हैं और उत्तर प्रदेश में सियासत अपने चरम पर है. आम आदमी पार्टी अपनी रणनीतियों पर काम करे लेकिन इस तरह विवादित बयानों से पार्टी को फायदा की जगह केवल और केवल नुकसान ही उठाना पड़ता है साथ ही पार्टी की फज़ीहत होती है वह अलग.
उत्तर प्रदेश चुनाव में अब ज़्यादा वक्त नहीं है ऐसे में केजरीवाल और उनकी टीम को शब्दों का इस्तेमाल सोच समझ कर ही करना चाहिए, वरना उत्तर प्रदेश में सोमनाथ भारती जैसा बर्ताव दोहराने में ये सरकार ज़रा सा भी नहीं हिचकने वाली है यह तो तय है.
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