सुब्रमण्यन स्वामी का दावा है कि वह तीन साल के अंदर देश से इंकम टैक्स समाप्त करा देंगे. स्वामी का दावा है कि यदि वह केन्द्र सरकार का हिस्सा रहते तो इंकम टैक्स को खत्म करने का काम महज 7 दिनों में कर सकते थे.
स्वामी की दलील है कि इंकम टैक्स देश में महज भ्रष्टाचार को पोषित करता है और सरकारें बिना इस पैसे के भी बेहतर काम कर सकती है. स्वामी के मुताबिक देश में अमीर आदमी टैक्स से बचने के कई ऊपाय कर लेता है वहीं गरीब आदमी को टैक्स देना नहीं पड़ता. लिहाजा, इंकम टैक्स का पूरा दारोमदार महज मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा लोगों पर आता है.
स्वामी का मानना है कि केन्द्र सरकार को इंकम टैक्स वसूल कर साल भर में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये मिलते हैं. लिहाजा, उसे कोशिश करनी चाहिए कि इस रकम को दूसरे जरिए से कमाते हुए सरकार देश में इंकम टैक्स को समाप्त कर दे. स्वामी के मुताबिक उनका बस चले तो वह माइनिंग और स्पैक्ट्रम राइट्स के जरिए इंकम टैक्स से एकत्र हो रहे पैसे को कमाने पर जोर देंगे.
सुब्रमण्यन स्वामी |
देश से इंकम टैक्स खत्म करने के लिए स्वामी की दलील है कि इससे देश में मध्यम वर्ग के पास अधिक पैसा रहेगा जिससे उसकी बचत में इजाफे के साथ-साथ उसकी निवेश करने की क्षमता भी बढ़ जाएगी. स्वामी का मानना है कि नौकरी-पेशा लोगों के बैंक में अधिक बचत रहने से इन बैंकों द्वारा लघु और मध्यम कारोबार को ज्यादा कर्ज मुहैया कराया जा सकता है. इसके लिए यह भी जरूरी है कि देश में ब्याज दर बेहत कम स्तर पर रहे.
गौरतलब है कि स्वामी दो बात कह रहे हैं. पहला कि उनका बस चले तो वह देश में इंकम टैक्स के ढांचे को महज सात दिनों में गिरा सकते हैं. जैसा कि मई 2013 में केन्द्र...
सुब्रमण्यन स्वामी का दावा है कि वह तीन साल के अंदर देश से इंकम टैक्स समाप्त करा देंगे. स्वामी का दावा है कि यदि वह केन्द्र सरकार का हिस्सा रहते तो इंकम टैक्स को खत्म करने का काम महज 7 दिनों में कर सकते थे.
स्वामी की दलील है कि इंकम टैक्स देश में महज भ्रष्टाचार को पोषित करता है और सरकारें बिना इस पैसे के भी बेहतर काम कर सकती है. स्वामी के मुताबिक देश में अमीर आदमी टैक्स से बचने के कई ऊपाय कर लेता है वहीं गरीब आदमी को टैक्स देना नहीं पड़ता. लिहाजा, इंकम टैक्स का पूरा दारोमदार महज मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा लोगों पर आता है.
स्वामी का मानना है कि केन्द्र सरकार को इंकम टैक्स वसूल कर साल भर में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये मिलते हैं. लिहाजा, उसे कोशिश करनी चाहिए कि इस रकम को दूसरे जरिए से कमाते हुए सरकार देश में इंकम टैक्स को समाप्त कर दे. स्वामी के मुताबिक उनका बस चले तो वह माइनिंग और स्पैक्ट्रम राइट्स के जरिए इंकम टैक्स से एकत्र हो रहे पैसे को कमाने पर जोर देंगे.
सुब्रमण्यन स्वामी |
देश से इंकम टैक्स खत्म करने के लिए स्वामी की दलील है कि इससे देश में मध्यम वर्ग के पास अधिक पैसा रहेगा जिससे उसकी बचत में इजाफे के साथ-साथ उसकी निवेश करने की क्षमता भी बढ़ जाएगी. स्वामी का मानना है कि नौकरी-पेशा लोगों के बैंक में अधिक बचत रहने से इन बैंकों द्वारा लघु और मध्यम कारोबार को ज्यादा कर्ज मुहैया कराया जा सकता है. इसके लिए यह भी जरूरी है कि देश में ब्याज दर बेहत कम स्तर पर रहे.
गौरतलब है कि स्वामी दो बात कह रहे हैं. पहला कि उनका बस चले तो वह देश में इंकम टैक्स के ढांचे को महज सात दिनों में गिरा सकते हैं. जैसा कि मई 2013 में केन्द्र की सत्ता में आते ही बीजेपी सरकार ने योजना आयोग के साथ किया था. स्वामी की दूसरी बात है कि चूंकि वह सत्ता से बाहर हैं लिहाजा उन्हें इंकम टैक्स ढ़ांचे को गिराने में 3 साल का वक्त लगेगा.
अब केन्द्र में मोदी सरकार के कार्यकाल का भी महज तीन साल बचा हैं. ये तीन साल पूरा होते ही देश आम चुनावों के लिए तैयार होगा और जीरो इंकम टैक्स बीजेपी का एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है. इसके जरिए वह मध्यम वर्ग और नौकरी-पेशा लोगों समेत छोटे-मझोले कारोबारियों को साधने की कोशिश करेगी.
गौरतलब है कि 2013 के आम चुनावों में बीजेपी ने कालाधन वापस लाने और देश की जनता के बीच उस धन को बांटने का वादा किया था. विदेशों में जमा कालेधन की अनुमानित गणना के मुताबिक बीजेपी के इस वादे के मुताबिक देश के सभी वोटरों के बैंक खाते में लाखों रुपये पहुंचने की उम्मीद थी. हालांकि, केन्द्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस वादे को जुमला करार दिया और अभी तक कालेधन की एक फूटी पाई भी देश की जनता के बीच नहीं बंटी है.
अब माना जा रहा है कि बीजेपी के मिशन 2019 में सुब्रमण्यन स्वामी अहम भूमिका निभाने की तैयारी में हैं. कहीं देश को इंकम टैक्स फ्री करने का उनका वादा भी इस मिशन को ध्यान में रखते हुए तो नहीं किया जा रहा है जिसे इस मिशन को पूरा करने के बाद आसानी से जुमला करार दिया जाएगा. ऐसा नहीं है तो क्यों नहीं वह इस बात की ही कोशिश करते कि अगले सात दिनों में ही वह अपने सत्ताधारी दोस्तों से इस वादे को पूरा कराने की कवायद करें. इससे अगले तीन साल तक देश की जनता की जेब में न सिर्फ 6 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त रहेंगे बल्कि इस पैसा से देश में कारोबारी तेजी लाने और बीमार बैंकों की हालत दुरुस्त करने में भी मदद मिलेगी. साथ ही देश की जनता को इस बात का डर भी नहीं रहेगा कि यह वादा भी कालेधन वाले वादे की तरह जुमला करार नहीं दिया जाएगा.
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