दिल्ली की जेल में बंद करोड़ों की ठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर ने अपनी चिट्ठियों से आम आदमी पार्टी की नाक में दम कर दिया है. सुकेश चंद्रशेखर कभी दिल्ली के उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखता है. तो, कभी मीडिया और अपने वकील को. सुकेश अपनी आरोपों से भरी चिट्ठियों के जरिये जो सियासी भूचाल ला रहा है. आम आदमी पार्टी को उससे बचने का कोई जवाब नहीं सूझ रहा है. तमाम तरह के आरोपों से भरी इन चिट्ठियों को देखकर यही कहा जा सकता है कि आरोप लगाने के मामले में महाठग सुकेश कोई और नहीं 'केजरीवाल 2.0' है.
क्यों आरोपों के मामले में केजरीवाल 2.0 है सुकेश चंद्रशेखर?
किसी जमाने में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल जब भी कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे. तो, उनके पास विपक्षी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ आरोपों की एक लंबी लिस्ट होती थी. और, उन आरोपों को साबित करने वाले सबूतों के तौर पर बाकायदा फाइलों का एक बड़ा सा ढेर भी होता था. नितिन गडकरी, अरुण जेटली, विक्रम मजीठिया से लेकर कपिल सिब्बल समेत गांधी परिवार के खिलाफ अरविंद केजरीवाल लगाए जाने वाले आरोपों का पुलिंदा अपने साथ लेकर चलते थे. उस दौरान अरविंद केजरीवाल का कहना था कि उनके पास सभी घोटालों के सबूत हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसे ही कागजों की नुमाइश को अरविंद केजरीवाल ने अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया था.
उस दौर में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल इन दस्तावेजी सबूतों को लेकर यहां तक दावा कर देते थे कि भाजपा और कांग्रेस जैसे सियासी दल उनके सामने गिड़गिड़ाकर माफी मांगते हुए मामले को दबाने की बात कर रहे हैं. खैर, इन आरोपों के दम पर आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई. और, अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री भी बन गए. लेकिन, इस आरोपो वाली राजनीति ने अरविंद केजरीवाल के ऊपर आपराधिक मानहानि के कई मुकदमें दर्ज करवा दिए. जब तक इन मामलों की सुनवाई न्याय प्रणाली के पुराने ढर्रे से चल रही थी. तब तक केजरीवाल और AAP के लिए सब ठीक रहा. लेकिन, इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के खिलाफ मामलों की फास्ट...
दिल्ली की जेल में बंद करोड़ों की ठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर ने अपनी चिट्ठियों से आम आदमी पार्टी की नाक में दम कर दिया है. सुकेश चंद्रशेखर कभी दिल्ली के उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखता है. तो, कभी मीडिया और अपने वकील को. सुकेश अपनी आरोपों से भरी चिट्ठियों के जरिये जो सियासी भूचाल ला रहा है. आम आदमी पार्टी को उससे बचने का कोई जवाब नहीं सूझ रहा है. तमाम तरह के आरोपों से भरी इन चिट्ठियों को देखकर यही कहा जा सकता है कि आरोप लगाने के मामले में महाठग सुकेश कोई और नहीं 'केजरीवाल 2.0' है.
क्यों आरोपों के मामले में केजरीवाल 2.0 है सुकेश चंद्रशेखर?
किसी जमाने में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल जब भी कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे. तो, उनके पास विपक्षी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ आरोपों की एक लंबी लिस्ट होती थी. और, उन आरोपों को साबित करने वाले सबूतों के तौर पर बाकायदा फाइलों का एक बड़ा सा ढेर भी होता था. नितिन गडकरी, अरुण जेटली, विक्रम मजीठिया से लेकर कपिल सिब्बल समेत गांधी परिवार के खिलाफ अरविंद केजरीवाल लगाए जाने वाले आरोपों का पुलिंदा अपने साथ लेकर चलते थे. उस दौरान अरविंद केजरीवाल का कहना था कि उनके पास सभी घोटालों के सबूत हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसे ही कागजों की नुमाइश को अरविंद केजरीवाल ने अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया था.
उस दौर में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल इन दस्तावेजी सबूतों को लेकर यहां तक दावा कर देते थे कि भाजपा और कांग्रेस जैसे सियासी दल उनके सामने गिड़गिड़ाकर माफी मांगते हुए मामले को दबाने की बात कर रहे हैं. खैर, इन आरोपों के दम पर आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई. और, अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री भी बन गए. लेकिन, इस आरोपो वाली राजनीति ने अरविंद केजरीवाल के ऊपर आपराधिक मानहानि के कई मुकदमें दर्ज करवा दिए. जब तक इन मामलों की सुनवाई न्याय प्रणाली के पुराने ढर्रे से चल रही थी. तब तक केजरीवाल और AAP के लिए सब ठीक रहा. लेकिन, इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के खिलाफ मामलों की फास्ट ट्रैक सुनवाई का आदेश दे दिया.
और, आखिरकार अरविंद केजरीवाल को इन आरोपों पर माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा. क्योंकि, अगर वो किसी भी मामले में दोषी करार दे दिए जाते. तो, उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा, जो आज खुद को देश के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर देखने तक पहुंच गई है, पर पूर्णविराम लग जाता. तो, अरविंद केजरीवाल ने बैकफुट पर आते हुए माफीनामे का हथियार निकाल लिया. और, सभी से बिना शर्त माफी मांग ली. और, माफीनामे में ये तक लिखा कि 'उन्हें मिले सबूत अन्य लोगों द्वारा दिए गए थे. और, ये जानकारियां गलत हैं. मैं सभी आरोपों को वापस लेता हूं. और, छवि को होने वाले नुकसान के लिए माफी मांगता हूं.' उस दौरान कहा जाता था कि भारतीय राजनीति में केजरीवाल और माफी समानार्थी शब्द हो गए हैं.
महाठग सुकेश की चिट्ठियों में आरोपों की भरमार
पहली चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल की सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन पर प्रोटेक्शन मनी के नाम पर करोड़ों वसूलने के साथ आम आदमी पार्टी के खाते में 50 करोड़ रुपये चंदे के तौर पर जमा करने का आरोप लगा दिया. तो, दूसरी चिट्ठी में सुकेश चंद्रशेखर ने शिकायत के सार्वजनिक होने पर तिहाड़ जेल में सत्येंद्र जैन और पूर्व तिहाड़ डीजी से मिल रही धमकियों का आरोप लगा दिया. इतना ही नहीं, इस चिट्ठी में महाठग सुकेश ने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को भी लपेटे में ले लिया. सुकेश ने अरविंद केजरीवाल पर सीट के बदले चंदे के तौर पर पैसा देने वालों को लाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा दिया.
वैसे, सुकेश चंद्रशेखर बस इतने पर ही नहीं रूका. उसने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना को लिखी अपनी तीसरी चिट्ठी में सत्येंद्र जैन से अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाया. और, 50 करोड़ मिलने के बाद दिल्ली के हयात होटल में उसके साथ डिनर के लिए अरविंद केजरीवाल के आने का आरोप भी जड़ दिया. सुकेश ने बाकायदा आरोप लगाया कि इस मामले में सिर्फ सत्येंद्र जैन ही नहीं अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं. इसी के साथ सुकेश चंद्रशेखर ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी कर दी.
और, अब सुकेश ने चौथी चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए फिर से कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सुकेश ने चिट्ठी में लिखा कि 'केजरीवाल और उनके साथी मुझ पर चुनाव के समय चिट्ठियों को लेकर निशाना साध रहे हैं. और, कह रहे हैं कि मैंने ED और CBI की पूछताछ के दौरान ऐसा क्यों नहीं किया. तो, मैं बता दूं कि पहले मैंने सब नजरअंदाज किया और चुप रहा. लेकिन, लगातार मिल रही धमकियों और दबाव को झेलना मुश्किल हो गया. मुझ पर आरोप लगाने का अपना पुराना ड्रामा बंद कीजिए. आप मुद्दे को दबाना और दूसरी ओर मोड़ना चाहते हैं. अगर आप सच्चे हैं, तो जांच से क्यों डर रहे हैं.'
सुकेश चंद्रशेखर ने अपने लेटर में लिखा कि 'केजरीवाल जी, आपके प्रवक्ता पूछ रहे हैं कि क्या मैं सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र हूं? केजरीवाल जी, अगर मेरी कोई हैसियत नहीं है. तो, आप इतने डिफेंसिव और डर क्यों रहे हैं. मैं सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र नहीं हूं. लेकिन, आप और आपके साथी सत्यवादी हैं, तो पहले पूछे गए सारे सवालों के जवाब दें. मैं अपनी हर बात को साबित करूंगा. और, आपका मुखौटा सबके सामने उतारूंगा. मैंने 2016 से ही चीजों का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया था. मुझे उकसाना बंद कीजिए. और, सवालों के जवाब दीजिए.' वैसे, आरोपों के इस मामले में सुकेश चंद्रशेखर के लिए भी आखिर में माफी मांगना एक बड़ा हथियार होगा.
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