सुषमा स्वराज किसी के लिए दोस्त थी, किसी के लिए मददगार, किसी के लिए मदर इंडिया, किसी के लिए रक्षक तो किसी के लिए एक साधारण और जमीन से जुडी हुई महान व्यक्तित्व वाली नेता. जो अब हम सब के बीच नहीं रहीं. वो बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं. सुषमा स्वराज एक महान वक्ता, विनम्र इंसान और एक महान भारतीय राजनीतिज्ञ थीं. उन्हें उनके उत्कृष्ट संचार कौशल के लिए हमेशा याद किया जाएगा. सुषमा स्वराज ने करीब 4 दशकों की राजनीतिक पारी में तमाम महत्वपूर्ण मुक़ाम हासिल किए. उन्होंने अपने करियर के दौरान कई अनूठे कीर्तिमान रचे, जिन्हें आने वाले समय में छू पाना अत्यंत कठिन होगा.
-सुषमा स्वराज की राजनीतिक पारी हरियाणा से ही शुरू हुई थी. 1977 में वे 25 वर्ष की आयु में भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं.
-वे शायद भारत में सबसे कम उम्र में किसी पार्टी की अध्यक्ष बनीं चाहे वो राज्य अध्यक्ष ही क्यों न हो. 1979 में 27 वर्ष की आयु में वे हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनीं थी.
-किसी भी मुख्य राजनीतिक पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर पहली महिला प्रवक्ता बनने का कीर्तिमान भी उन्ही के पास हैं.
-1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी उन्हीं के पास हैं.
-सुषमा स्वराज बीजेपी की पहली महिला कैबिनेट मंत्री थीं. वे 1996 में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनी थीं.
-सुषमा स्वराज बीजेपी की तरफ से पहली महिला नेता प्रतिपक्ष थीं. 2004 से 2009 तक उन्होंने यह भूमिका निभाई.
-उनको हरियाणा राज्य विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ वक्ता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
- 2004 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया था. सुषमा स्वराज पहली महिला सांसद थीं जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके बाद 2013 में डॉ॰ नजमा हेपतुल्ला को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
- उनके कारण ही फिल्म जगत को उद्योग का दर्जा मिला और जिसके कारण ही फिल्म उद्योग को भी...
सुषमा स्वराज किसी के लिए दोस्त थी, किसी के लिए मददगार, किसी के लिए मदर इंडिया, किसी के लिए रक्षक तो किसी के लिए एक साधारण और जमीन से जुडी हुई महान व्यक्तित्व वाली नेता. जो अब हम सब के बीच नहीं रहीं. वो बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं. सुषमा स्वराज एक महान वक्ता, विनम्र इंसान और एक महान भारतीय राजनीतिज्ञ थीं. उन्हें उनके उत्कृष्ट संचार कौशल के लिए हमेशा याद किया जाएगा. सुषमा स्वराज ने करीब 4 दशकों की राजनीतिक पारी में तमाम महत्वपूर्ण मुक़ाम हासिल किए. उन्होंने अपने करियर के दौरान कई अनूठे कीर्तिमान रचे, जिन्हें आने वाले समय में छू पाना अत्यंत कठिन होगा.
-सुषमा स्वराज की राजनीतिक पारी हरियाणा से ही शुरू हुई थी. 1977 में वे 25 वर्ष की आयु में भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं.
-वे शायद भारत में सबसे कम उम्र में किसी पार्टी की अध्यक्ष बनीं चाहे वो राज्य अध्यक्ष ही क्यों न हो. 1979 में 27 वर्ष की आयु में वे हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनीं थी.
-किसी भी मुख्य राजनीतिक पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर पहली महिला प्रवक्ता बनने का कीर्तिमान भी उन्ही के पास हैं.
-1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी उन्हीं के पास हैं.
-सुषमा स्वराज बीजेपी की पहली महिला कैबिनेट मंत्री थीं. वे 1996 में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनी थीं.
-सुषमा स्वराज बीजेपी की तरफ से पहली महिला नेता प्रतिपक्ष थीं. 2004 से 2009 तक उन्होंने यह भूमिका निभाई.
-उनको हरियाणा राज्य विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ वक्ता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
- 2004 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया था. सुषमा स्वराज पहली महिला सांसद थीं जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके बाद 2013 में डॉ॰ नजमा हेपतुल्ला को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
- उनके कारण ही फिल्म जगत को उद्योग का दर्जा मिला और जिसके कारण ही फिल्म उद्योग को भी बैंक से कर्ज मिलने का रास्ता खुला.
- वे इंदिरा गांधी के बाद विदेश मंत्रालय संभालने वाली केवल दूसरी महिला थी. इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री रहते हुए कुछ समय के लिए विदेश मंत्रालय को अपने अधीन रखा था. सुषमा स्वराज पूरे 5 साल के कार्यकाल 2014 से 2019 तक विदेश मंत्री रही.
-पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दुनिया में ट्विटर में सबसे अधिक फॉलो की जाने वाली महिला नेता थीं.
-उनके पति स्वराज कौशल के नाम देश में सबसे कम उम्र का राज्यपाल बनने का रिकॉर्ड है. सिर्फ 38 साल की उम्र में ही वह मिजोरम के राज्यपाल बन गए थे. पति और पत्नी दोनों की शानदार उपलब्धियों के चलते उनके नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हैं.
2012 में प्रधानमंत्री पद के लिए बाल ठाकरे की पसंद सुषमा स्वराज थी:
2012 में शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित साक्षात्कार में बाल ठाकरे ने कहा था कि भाजपा में एकमात्र नेता हैं जो प्रधानमंत्री बनने के योग्य है, वह हैं सुषमा स्वराज. शिवसेना प्रमुख ने कहा कि मैंने इसे कई बार कहा है, वह प्रधानमंत्री पद के लिए बढ़िया विकल्प होंगी. वह योग्य और बुद्धिमान महिला हैं. वह बढ़िया प्रदर्शन करेंगी. उन्होंने ये बातें, भाजपा की ओर से कौन अगला प्रधानमंत्री बन सकता है इस सवाल के जवाब में दिया था.
67 साल की सुषमा राजनीति में 25 वर्ष की उम्र में आईं थीं. सुषमा के राजनीतिक गुरु लाल कृष्ण आडवाणी रहे थे. उन्हें अडवाणी कैंप का लीडर माना जाता है. कुछ राजनीतिक विश्लेषक और समीक्षक मानते है की 2013 में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनने से रोकने की मुहिम में वे आडवाणी के साथ थीं. सुषमा स्वराज डायबिटीज़ की बीमारी से लम्बे समय से पीड़ित थी. 2016 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. हाल के वर्षो में उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था और इसी लिए उन्होंने दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बावजूद खुद को सक्रिय राजनीति से बाहर कर लिया.
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