बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर ने लखनऊ का नाम बदले जाने का खुलकर समर्थन किया हैं. उनका कहना हैं कि यदि शास्त्रों में लिखें हमारे शहरों का नाम इतिहास में बदला गया हैं तो अब समय आ गया हैं कि उन नामों को दोबारा बदला जाना चाहिए. उन्होंने कल यानी शुक्रवार को वाराणसी में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में काशी शब्दोत्सव के दौरान यह बात कही.
सनातन अखंड ज्योति हैं
मुंतशिर ने कहा कि बाबा तुलसीदास दलित, स्त्री विरोधी नहीं थे. लेकिन कुछ चंद लोग हिंदू धर्म को अलग-अलग खंडों में तोड़ना की कोशिश कर रहें हैं. ये लोग ऐसा करके सनातन परंपरा की परीक्षा ले रहे हैं. लेकिन आप बंटना मत, हम पानी की धार की तरह हैं. काटे से कटते नहीं और बांटे से बंटगें नहीं.
स्वामी की पढ़ाई पर उठाएं सवाल
मनोज मुंतशिर ने समाजवादी पार्टी नेता एवं प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहें स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि लोगों को उनकी मार्कशीट देखनी चाहिए कि उन्होंने कितना पढ़ाई लिखाई की हैं.
सांस्कृतिक धरोहर को तहस-नहस किया गया
काशी शब्दोत्सव में मुंतशिर ने कहा कि हमें यह स्कूल में पढ़ाया जाता हैं कि ताजमहल किसने बनवाया? लेकिन यह कभी नहीं पढ़ाया गया कि मथुरा, काशी और सोमनाथ को किसने तहस-नहस किया. इसके अलावा हम सब ने यह भी पढ़ा होगा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किसने मारा, लेकिन यह किसी को नही पढ़ाया गया कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को जिंदा दीवार में किसने चुनवाया. आपको इतिहास उतना ही पढ़ाया गया, जिसमें आप भ्रमित हो सकें.
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