बिहार की राजनीति में फोटोबाजी ने बयानबाजी को पीछे छोड़ दिया है. ऐसा दौर तो पहले भी खूब चला था, अभी कुछ तेज हो गया है. तेज प्रताप के साथ सिवान मर्डर केस के आरोपी की तस्वीर पर खासा विवाद हुआ था. तब तेज प्रताप ने कहा था कि क्या मालूम कौन कौन उनके साथ फोटो खिंचवाता रहता है.
ऐसा इस बार नहीं हुआ. तेजस्वी यादव डंके की चोट पर कह रहे हैं जेडीयू नेताओं ने एक लड़की के साथ उनकी जो तस्वीर बांटी है वो बिलकुल फोटोशॉप नहीं है, तस्वीर में वो खुद मौजूद हैं. तेजस्वी ने गेंद नीतीश कैंप के पाले में डाल दी है - और जवाब मांग रहे हैं.
हर तस्वीर कुछ और भी कहती है
विवाद तो अगस्त में हुई लालू प्रसाद की पटना रैली की तस्वीरों पर भी हुआ. इल्जाम लगा कि लालू ने ज्यादा भीड़ दिखाने के लिए ट्विटर पर फोटोशॉप तस्वीर शेयर कर दी थी. बहरहाल, बात आई गई हो गई.
ताजा विवाद की शुरुआत तब हुई जब तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर की. इस फोटो में नीतीश की बगल में बैठे शख्स की मुख्यमंत्री आवास में मौजूदगी पर तेजस्वी ने सवाल उठाये.
असल में, नीतीश की बगल में बैठा शख्स राकेश सिंह 2012 के भोजपुर जहरीली शराबकांड का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है. जहरीली शराब पीने से उस वक्त 29 लोगों की मौत हो गयी थी. राकेश सिंह को इस केस में सजा भी हुई थी और दो साल तक जेल में रहने के बाद वो जमानत पर रिहा होकर बाहर आया. नीतीश से मुलाकात के बाद राकेश ने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें शेयर की तो वे वायरल हो गयीं. बवाल मचने पर राकेश को जेडीयू से तत्काल प्रभाव से निकाल भी दिया गया.
अब तेजस्वी को घेरने के लिए जेडीयू प्रवक्ताओं को ऐसी ही तरकीब की तलाश थी. थोड़ा सा गूगल किया और एक तस्वीर हाथ लग गयी. फिर हाथ में तस्वीर लेकर नीतीश की टीम मीडिया के सामने आई और तेजस्वी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. तेजस्वी इस...
बिहार की राजनीति में फोटोबाजी ने बयानबाजी को पीछे छोड़ दिया है. ऐसा दौर तो पहले भी खूब चला था, अभी कुछ तेज हो गया है. तेज प्रताप के साथ सिवान मर्डर केस के आरोपी की तस्वीर पर खासा विवाद हुआ था. तब तेज प्रताप ने कहा था कि क्या मालूम कौन कौन उनके साथ फोटो खिंचवाता रहता है.
ऐसा इस बार नहीं हुआ. तेजस्वी यादव डंके की चोट पर कह रहे हैं जेडीयू नेताओं ने एक लड़की के साथ उनकी जो तस्वीर बांटी है वो बिलकुल फोटोशॉप नहीं है, तस्वीर में वो खुद मौजूद हैं. तेजस्वी ने गेंद नीतीश कैंप के पाले में डाल दी है - और जवाब मांग रहे हैं.
हर तस्वीर कुछ और भी कहती है
विवाद तो अगस्त में हुई लालू प्रसाद की पटना रैली की तस्वीरों पर भी हुआ. इल्जाम लगा कि लालू ने ज्यादा भीड़ दिखाने के लिए ट्विटर पर फोटोशॉप तस्वीर शेयर कर दी थी. बहरहाल, बात आई गई हो गई.
ताजा विवाद की शुरुआत तब हुई जब तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर की. इस फोटो में नीतीश की बगल में बैठे शख्स की मुख्यमंत्री आवास में मौजूदगी पर तेजस्वी ने सवाल उठाये.
असल में, नीतीश की बगल में बैठा शख्स राकेश सिंह 2012 के भोजपुर जहरीली शराबकांड का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है. जहरीली शराब पीने से उस वक्त 29 लोगों की मौत हो गयी थी. राकेश सिंह को इस केस में सजा भी हुई थी और दो साल तक जेल में रहने के बाद वो जमानत पर रिहा होकर बाहर आया. नीतीश से मुलाकात के बाद राकेश ने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें शेयर की तो वे वायरल हो गयीं. बवाल मचने पर राकेश को जेडीयू से तत्काल प्रभाव से निकाल भी दिया गया.
अब तेजस्वी को घेरने के लिए जेडीयू प्रवक्ताओं को ऐसी ही तरकीब की तलाश थी. थोड़ा सा गूगल किया और एक तस्वीर हाथ लग गयी. फिर हाथ में तस्वीर लेकर नीतीश की टीम मीडिया के सामने आई और तेजस्वी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. तेजस्वी इस बात से जरा भी तिलमिलाए नहीं और हाथ में तस्वीर लेकर खुद मीडिया के सामने आये और डंके की चोट पर कहा - हां, तस्वीर में मैं ही हूं.
तेजस्वी ने अपनी बात मीडिया से भी कही और फेसबुक पोस्ट में भी लिखा - "ये जो फोटो दिखा रहे हैं, उसमें कुछ भी नया या छुपाने वाली बात नहीं है. इस फोटो से 2010 से सभी वाकिफ हैं. मैं इससे इंकार भी नहीं कर रहा और ना ही इसे फोटोशॉप किया हुआ बता रहा हूं. इस फोटो में बेशक मैं ही हूं. मैं आईपीएल में डेल्ही डेयर डेविल्स की टीम में था और हर मैच के बाद तब 'आफ्टर मैच पार्टियां' भी हुआ करती थीं. यह फोटो भी ऐसी किसी एक पार्टी का ही है."
लगे हाथ तेजस्वी ने सवाल भी उठाया - किसी युवती ने मेरे साथ भी फोटो खिंचवा लिया तो इसमें इतनी हाय तौबा क्यों?
जवाब देने का वक्त
तेजस्वी के सफाई देने का अंदाज भले ही वैसा ही है जैसा उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कहा था, लेकिन मुद्दा अलग होने से बात में वजन आ गया है. तब तेजस्वी ने कहा था कि तब मैं घोटाला कैसे कर सकता था जब मेरी मूंछें भी नहीं आई थीं.
तस्वीर में खुद होने की बात स्वीकार करने के साथ ही तेजस्वी ने बड़े ही संवेदनशील सवाल उठाये हैं. तेजस्वी का कहना है कि सेल्फी तो सभी लोग लेते हैं. अभी अभी की बात है राहुल गांधी के साथ सेल्फी के लिए एक लड़की उनकी गाड़ी के आगे आ गयी थी. तस्वीरों को लेकर ऐसे विवादों में तो कन्हैया कुमार और बाबा रामदेव को भी घसीटा गया है.
तेजस्वी अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं - "मुझपर निशाना साधने के लिए ये एक अपरिचित महिला का मात्र एक फोटो के आधार पर चरित्र हनन कर रहे हैं. सार्वजनिक रूप से एक युवती के चित्र को दिखा, मेरे ऊपर आरोप सिद्ध करने के लिए एक युवती पर लांछन लगा रहे हैं. ये अनजान महिला सम्भवतः आज किसी की पत्नी होंगी, किसी की मां होंगी, एक घर की इज्जत, बहू होंगी."
शानदार जवाब. और अब सवाल. तेजस्वी पूछते हैं - "इस महिला की इज्जत से खेलने का नीतीश कुमार को क्या अधिकार है? इस महिला फैन ने कौन सा पाप कर दिया कि उनकी इज्जत को नीतीश कुमार सरेआम उछलवा रहे हैं? आज इस महिला, उनके परिवार पर क्या बीत रही होगी?"
पलटवार में तेजस्वी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में नीतीश कुमार से कुछ ट्रेनों के नाम को लेकर सवाल भी पूछे हैं. तेजस्वी का कहना है अगर 'जन साधारण' और 'गरीब रथ' नहीं तो ट्रेनों के नाम 'बिहार एक्सप्रेस' और 'बाढ़ एक्सप्रेस' भी तो हो सकते थे. आखिर ट्रेनों के नाम 'अर्चना एक्सप्रेस' और 'उपासना एक्सप्रेस' क्यों दिये गये?
कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन टीवी पर रोज कहा करते हैं - अब जवाब देने का वक्त आ गया है. तेजस्वी ने भी नीतीश कुमार को यही मैसेज देने की कोशिश की है.
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