सियासत में ज़रूरी है रवादारी समझता है
वो रोज़ा तो नहीं रखता पर इफ्तारी समझता है
मशहूर शायर राहत इंदौरी द्वारा लिखी एक नज्म का ये शुरूआती शेर कुछ बताए न बताए लेकिन एक नेता के गुणों को, उसके चरित्र को बखूबी बयां करता है. अपने वक़्त में राहत ने ये नज्म और उस नज़्म में ये शेर क्यों लिखा होगा इसकी कोई ठीक ठीक जानकारी नहीं है लेकिन अगर आज ये शेर लिखा जाता तो जरूर ही इसकी वजह कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ही होते. कांग्रेस समर्थक इन बातों को सुनकर आहत हो सकते हैं. न हों तो ही बेहतर है. हुआ कुछ यूं है कि भारत जोड़ो यात्रा में रोहित वेमुला की मां की एंट्री हो गयी है. अब बस नजीब की अम्मी और अख़लाक़ की विधवा और आ जाएं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की स्क्रिप्ट पूरी हो जाएगी.
जी हां बिलकुल सही सुन रहे हैं आप. दरअसल भारत जोड़ो यात्रा के 55वें दिन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला के साथ दिखाई दिए, जिक्र रोहित वेमुला का हुआ है तो जानते हैं ठीक है, जो रोहित के नाम से नहीं अवगत हैं जान लें कि रोहित हैदराबाद यूनिवर्सिटी के वही छात्र हैं जिन्होंने कथित उत्पीड़न के बाद 2016 में आत्महत्या कर ली गई थी.
बताते चलें कि राधिका वेमुला ने तेलंगाना के शमशाबाद में राहुल गांधी को यात्रा में ज्वाइन किया और देश की एकजुटता बढ़ाने के उद्देश्य से कुछ समय उनके साथ चलीं. बाद में राधिका ने ट्वीट किया कि भारत जोड़ो यात्रा के प्रति एकजुटता, राहुल गांधी के साथ चली और कांग्रेस के जरिये संविधान को भाजपा-आरएसएस के हमले से बचाने का आह्वान...
सियासत में ज़रूरी है रवादारी समझता है
वो रोज़ा तो नहीं रखता पर इफ्तारी समझता है
मशहूर शायर राहत इंदौरी द्वारा लिखी एक नज्म का ये शुरूआती शेर कुछ बताए न बताए लेकिन एक नेता के गुणों को, उसके चरित्र को बखूबी बयां करता है. अपने वक़्त में राहत ने ये नज्म और उस नज़्म में ये शेर क्यों लिखा होगा इसकी कोई ठीक ठीक जानकारी नहीं है लेकिन अगर आज ये शेर लिखा जाता तो जरूर ही इसकी वजह कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ही होते. कांग्रेस समर्थक इन बातों को सुनकर आहत हो सकते हैं. न हों तो ही बेहतर है. हुआ कुछ यूं है कि भारत जोड़ो यात्रा में रोहित वेमुला की मां की एंट्री हो गयी है. अब बस नजीब की अम्मी और अख़लाक़ की विधवा और आ जाएं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की स्क्रिप्ट पूरी हो जाएगी.
जी हां बिलकुल सही सुन रहे हैं आप. दरअसल भारत जोड़ो यात्रा के 55वें दिन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला के साथ दिखाई दिए, जिक्र रोहित वेमुला का हुआ है तो जानते हैं ठीक है, जो रोहित के नाम से नहीं अवगत हैं जान लें कि रोहित हैदराबाद यूनिवर्सिटी के वही छात्र हैं जिन्होंने कथित उत्पीड़न के बाद 2016 में आत्महत्या कर ली गई थी.
बताते चलें कि राधिका वेमुला ने तेलंगाना के शमशाबाद में राहुल गांधी को यात्रा में ज्वाइन किया और देश की एकजुटता बढ़ाने के उद्देश्य से कुछ समय उनके साथ चलीं. बाद में राधिका ने ट्वीट किया कि भारत जोड़ो यात्रा के प्रति एकजुटता, राहुल गांधी के साथ चली और कांग्रेस के जरिये संविधान को भाजपा-आरएसएस के हमले से बचाने का आह्वान किया. वहीं ट्वीट में इस बात का भी जिक्र था कि रोहित वेमुला को न्याय मिले. रोहित अधिनियम पारित हो और उच्च न्यायपालिका और हायर एजुकेशन में में दलितों, उत्पीड़ित वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़े.
और अब क्योंकि आपदा में अवसर ढूढ़ लेना एक नेता का प्राथमिक गुण होता है. मौके पर राधिका वेमुला को देखकर राहुल गांधी भी कहां ही चूकने वाले थे. राहुल ने भी इसका भरपूर फायदा उठाया और वो किया जिसके लिए वो मशहूर हैं. राहुल ने ट्वीट किया कि रोहित वेमुला, सामाजिक भेदभाव और अन्याय के विरुद्ध मेरे संघर्ष का प्रतीक है, और रहेगा. रोहित की माताजी से मिल कर, यात्रा के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे कदमों को नया साहस, और मन को नई शक्ति मिली.
गौरतलब है कि पदयात्रा शमशाबाद से शुरू हुई जो जल्द ही हैदराबाद पहुंचेगी. रैली के दौरान राहुल गांधी शमशाबाद में स्थानीय कलाकारों के साथ ढोल बजाते भी नजर आए.
चूंकि नेहरू-गांधी परंपरा को आगे ले जाने की जिम्मेदारी खुद राहुल गांधी ने अपने कन्धों पर ले ली है इसलिए बताया ये भी जा रहा है कि राहुल गांधी चारमीनार से राष्ट्रीय ध्वज भी फहराएंगे. बताते चलें कि 19 अक्टूबर 1990 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने चारमीनार से अपनी सद्भावना यात्रा की शुरुआत की थी.
बहरहाल बात रोहित वेमुला की मां के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से हुई है. साथ ही नजीब की अम्मी और अख़लाक़ की विधवा का भी जिक्र हुआ है. तो ये यूं ही नहीं कहा गया है. जब राहुल गांधी आपदा में अवसर खोज रहे हैं और इस यात्रा के नाम पर एक अलग किस्म का तुष्टिकरण करने पर उतारू हैं तो यदि कल की तारीख में हम नजीब और अख़लाक़ के घर वालों को राहुल गांधी के साथ आते देख लें तो हमें बिलकुल भी हैरत नहीं होनी चाहिए.
खैर एक राजनेता के रूप में, भारत जोड़ो के नामपर कांग्रेस के लिए यात्रा करने वाले राहुल गांधी को इस बात को समझना होगा कि, सिर्फ लोगों को जोड़ लेना और उनके साथ तस्वीरें क्लिक कराकर ट्विटर पर पोस्ट कर देना राजनीति नहीं है. अगर वो राजनीति को साधना मान रहे हैं तो सबसे पहले तो उन्हें इन छोटी-छोटी खुशियों पर खुश होना और उन्हें ट्वीट कर देना बंद कर देना चाहिए. साथ ही उन्हें ये भी याद रखना चाहिए कि जिस मुद्दे को लेकर वो सड़क पर हैं वो सच में बहुत बड़ा है.
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