पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि दहशतगर्द दोनों मुल्कों के बीच शांति प्रक्रिया को हमेशा ही पटरी से उतारने की कोशिश करते हैं. अगर पाकिस्तान के ट्विटर ट्रेंड पर गौर करें तो शरीफ वाकई मजबूर और बेबस नजर आते हैं. पाकिस्तान में भारत के खिलाफ सुनियोजित ढंग से सोशल मीडिया पर प्रोपेगैंडा चलाया जाता है - वो भी बाकायदा पहले से एलान करके.
ऐसे चलती है मुहिम
सोशल मीडिया पर भारत विरोधी मुहिम चलाने के लिए एडवांस प्लानिंग की जाती है. खूब सोच समझ कर एक हैशटैग तैयार किया जाता है. फिर सोशल मीडिया पर ही बाकायदा एलान किया जाता है कि किस दिन और कितने बजे इस मुहिम में जुट जाना है. सोशल मीडिया ट्रेंड पर थोड़ा रिसर्च करने पर पता चलता है कि कुछ ही लोगों का ग्रुप एक खास हैशटैग से लगातार ट्वीट करता है. उसी ग्रुप के लोग फिर उसे रीट्वीट करते हैं.
20 जनवरी को कुछ आत्मघाती हमलावरों ने पाकिस्तान में चारसद्दा के बाचा खान विश्वविद्यालय को निशाना बनाया. आतंकवादी विश्वविद्यालय में घुस गए और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में 20 लोगों की मौत हो गई जबकि तकरीबन 50 लोग जख्मी हुए. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर शहर के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर दूर ये विश्वविद्यालय है.
हमला सुबह करीब नौ बजे हुआ - और कई घंटे बाद - आधी रात के आस पास सोशल मीडिया पर घोषणा हुई कि अगले दिन 10 बजे #KharjiDovalNexus ट्विटर पर ट्रेंड करेगा.
जब ये हैशटैग ट्रेंड करने लगा तो उसे भी ट्वीट और फिर कई बार रीट्वीट किया गया.
पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि दहशतगर्द दोनों मुल्कों के बीच शांति प्रक्रिया को हमेशा ही पटरी से उतारने की कोशिश करते हैं. अगर पाकिस्तान के ट्विटर ट्रेंड पर गौर करें तो शरीफ वाकई मजबूर और बेबस नजर आते हैं. पाकिस्तान में भारत के खिलाफ सुनियोजित ढंग से सोशल मीडिया पर प्रोपेगैंडा चलाया जाता है - वो भी बाकायदा पहले से एलान करके. ऐसे चलती है मुहिम सोशल मीडिया पर भारत विरोधी मुहिम चलाने के लिए एडवांस प्लानिंग की जाती है. खूब सोच समझ कर एक हैशटैग तैयार किया जाता है. फिर सोशल मीडिया पर ही बाकायदा एलान किया जाता है कि किस दिन और कितने बजे इस मुहिम में जुट जाना है. सोशल मीडिया ट्रेंड पर थोड़ा रिसर्च करने पर पता चलता है कि कुछ ही लोगों का ग्रुप एक खास हैशटैग से लगातार ट्वीट करता है. उसी ग्रुप के लोग फिर उसे रीट्वीट करते हैं. 20 जनवरी को कुछ आत्मघाती हमलावरों ने पाकिस्तान में चारसद्दा के बाचा खान विश्वविद्यालय को निशाना बनाया. आतंकवादी विश्वविद्यालय में घुस गए और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में 20 लोगों की मौत हो गई जबकि तकरीबन 50 लोग जख्मी हुए. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर शहर के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर दूर ये विश्वविद्यालय है. हमला सुबह करीब नौ बजे हुआ - और कई घंटे बाद - आधी रात के आस पास सोशल मीडिया पर घोषणा हुई कि अगले दिन 10 बजे #KharjiDovalNexus ट्विटर पर ट्रेंड करेगा. जब ये हैशटैग ट्रेंड करने लगा तो उसे भी ट्वीट और फिर कई बार रीट्वीट किया गया. शरीफ को भी नहीं बख्शा पठानकोट हमले के बाद नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया. जब बाचा खान यूनिवर्सिटी पर आतंकवादी हमला हुआ तो प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पाकिस्तान के बाचा खान यूनिवर्सिटी पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. मृतकों के परिवार वालों के प्रति संवेदनाएं. घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं.’’ तरह तरह की तस्वीरों और वीडियो के साथ ट्वीट किये गये. ज्यादातर ट्वीट कुछ खास अकाउंट से ही किये जा रहे थे. इन ट्वीट में बताया गया कि हमले के पीछे भारत का हाथ है. सभी ट्वीट में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल को निशाना बनाया गया. आरोप लगा कि इस हमले में टीटीपी का हाथ है जिसे भारतीय खुफिया एजेंसी का सपोर्ट हासिल है. असल में, एक तालिबान नेता उमर मंसूर ने बीबीसी उर्दू को टेलीफोन करके दावा किया था कि उसके चार लड़ाकों ने हमले को अंजाम दिया है. उमर मंसूर का कहना था कि पेशावर स्कूल हमलावर सेना जबकि ये हमला देश के राजनीतिक नेतृत्व को संदेश देने के लिए किया गया. पिछले साल चारसद्दा से करीब 50 किलोमीटर दूर पेशावर के आर्मी स्कूल पर भी हमला हुआ था जिसमें 130 छात्रों की हत्या कर दी थी. लेकिन बाद में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के मुख्य प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने हमले को गैर इस्लामिक करार देते हुए टीटीपी का हाथ होने से इंकार कर दिया. हैशटैग #KharjiDovalNexus से ही नवाज शरीफ को भी टारगेट किया गया. नवाज के साथ साथ पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भी निशाना बनाया गया. कुछ ट्वीट में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयानों का भी जिक्र था और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की गई थी. साथ में ये भी कि सोशल मीडिया का पावर दिखा देना है. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |