चीन (China) की लद्दाख में घुस पैठ और उसके बाद भारतीय फौजियों के साथ गलवान घाटी में हुई झड़प ने देश में बॉयकॉट चाइना (Boycott China) की भावना को उफान पर ला दिया. चीन और उसकी नीतियों के विरोध में आए लोगों का दबाव था कि मोदी सरकार चीन को उसकी ही भाषा में जवाब दे और उससे सभी तरह के व्यापारिक रिश्ते तोड़ के उसे इस बात का एहसास करा दे कि उसने जो गलती की है उसे इसके गंभीर परिणाम चुकाने होंगे. लद्दाख सीमा के बाद भारत सरकार ने चीन को आर्थिक मोर्चों पर भी कड़े जवाब देने शुरू कर दिए हैं. देश में चीनी कंपनियों को आवंटित करोड़ों के ठेके पहले ही रद्द किए जा चुके थे. अब सरकार ने चीन से संचालित होने वाले 59 मोबाइल एप्लीकेशंस पर प्रतिबंध लगा दिया है. टिकटॉक के अलावा जिन चीनी ऐप्स को सरकार ने बैन किया है उसमें शेयरइट (Shareit), हैलो (Helo), यूसी ब्राउजर (C Browser), लाइकी और वीचैट (Vchat) जैसी लोकप्रिय ऐप्स शामिल हैं. भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार ये चीनी एप्स भारत की संप्रभुता, डेेेेटा सिक्योरिटी, और कानून व्यवस्था के लिए पूर्वाग्रह रखते हैं. हालांकि, चीन की ओर से इसे बदले की कार्रवाई ही माना गया है.
सरकार ने आईटी एक्ट की धारा 69 A के तहत इसे लागू करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रोसिजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग ऑफ एक्सेस ऑफ इंफॉरमेशन बाई पब्लिक नियम 2009 के तहत इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है. सरकार का मानना है कि इन ऐप्स को इसलिए बैन किया गया है ताकि देश की सुरक्षा, अखंडता और एकता न प्रभावित हो.
बताते चलें कि इस बैन से पहले सरकार का यही तर्क था कि चीन भारतीयों के डेटा में...
चीन (China) की लद्दाख में घुस पैठ और उसके बाद भारतीय फौजियों के साथ गलवान घाटी में हुई झड़प ने देश में बॉयकॉट चाइना (Boycott China) की भावना को उफान पर ला दिया. चीन और उसकी नीतियों के विरोध में आए लोगों का दबाव था कि मोदी सरकार चीन को उसकी ही भाषा में जवाब दे और उससे सभी तरह के व्यापारिक रिश्ते तोड़ के उसे इस बात का एहसास करा दे कि उसने जो गलती की है उसे इसके गंभीर परिणाम चुकाने होंगे. लद्दाख सीमा के बाद भारत सरकार ने चीन को आर्थिक मोर्चों पर भी कड़े जवाब देने शुरू कर दिए हैं. देश में चीनी कंपनियों को आवंटित करोड़ों के ठेके पहले ही रद्द किए जा चुके थे. अब सरकार ने चीन से संचालित होने वाले 59 मोबाइल एप्लीकेशंस पर प्रतिबंध लगा दिया है. टिकटॉक के अलावा जिन चीनी ऐप्स को सरकार ने बैन किया है उसमें शेयरइट (Shareit), हैलो (Helo), यूसी ब्राउजर (C Browser), लाइकी और वीचैट (Vchat) जैसी लोकप्रिय ऐप्स शामिल हैं. भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार ये चीनी एप्स भारत की संप्रभुता, डेेेेटा सिक्योरिटी, और कानून व्यवस्था के लिए पूर्वाग्रह रखते हैं. हालांकि, चीन की ओर से इसे बदले की कार्रवाई ही माना गया है.
सरकार ने आईटी एक्ट की धारा 69 A के तहत इसे लागू करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रोसिजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग ऑफ एक्सेस ऑफ इंफॉरमेशन बाई पब्लिक नियम 2009 के तहत इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है. सरकार का मानना है कि इन ऐप्स को इसलिए बैन किया गया है ताकि देश की सुरक्षा, अखंडता और एकता न प्रभावित हो.
बताते चलें कि इस बैन से पहले सरकार का यही तर्क था कि चीन भारतीयों के डेटा में सेंधमारी कर रहा है जो एक देश के रूप में भारत के लिए सही नहीं है.
किन किन ऐप्स को किया है सरकार ने बैन
जिन 59 ऐप्स को सरकार ने बैन किया है उनमें जो ऐप्स शामिल हैं वो इस प्रकार हैं: TikTok, Shareit, Kwai, C Browser, Baidu map, Shein, Clash of Kings, D battery saver, Helo, Likee, YouCam makeup, Mi Community, CM Browers, Virus Cleaner, APS Browser, ROMWE, Club Factory, Newsdog, Beutry Plus, WeChat, C News, QQ Mail, Weibo, Xender, QQ Music, QQ Newsfeed, Bigo Live, SelfieCity, Mail Master Parallel Space, Mi Video Call – Xiaomi, WeSync, ES File Explorer, Viva Video – Q Video Inc, Meitu, Vigo Video, New Video Status, D Recorder, Vault- Hide, Cache Cleaner D App studio, D Cleaner, D Browser, Hago Play With New Friends, Cam Scanner, Clean Master – Cheetah Mobile, Wonder Camera, Photo Wonder, QQ Player, We Meet, Sweet Selfie, Baidu Translate, Vmate, QQ International, QQ Security Center, QQ Launcher, Video, V fly Status Video, Mobile Legends, D Privacy.
हिंदुस्तान का माहौल बिगाड़ रहा था चीन
ये बात भले ही सुनने में विचलित कर जाए मगर सच यही है कि चीनी ऐप्स में ऐसे कंटेंट की भरमार थी जो किसी भी क्षण तिल को ताड़ बना सकते हैं और देश का माहौल ख़राब कर सकते हैं. बात समझने के लिए हम बीते दिनों तमिलनाडु में हुई एक घटना का अवलोकन कर सकते हैं. तमिलनाडु में पुलिस कस्टडी में पिता पुत्र की मौत हुई है और चीनी ऐप्स द्वारा इस घटना को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा रहा है.
चाहे helo ऐप हो या अन्य वीडियो ऐप्स ये घटना टॉप पर है. साफ़ है कि इन घटनाओं को दिखाकर चीन भारत के खिलाफ प्रोपोगेंडा स्थापित कर रहा है. वहीं बात अगर ऐसे कंटेंट की हो जिसमें कोई हिंदुस्तानी यूजर चीन की आलोचना करता है तो चीन तत्काल प्रभाव से एक्शन लेते हुए यूजर की नकेल कस देता है.
पूर्व में कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जहां चीन की तरफ से कंटेंट डिलीट किया गया और कई बार तो यूजर्स के अकाउंट तक सस्पेंड हुए. अब चीन के इस रवैये का अगर अवलोकन किया जाए तो साफ़ है कि चीन अपनी गतिविधियों से हिंदुस्तान का माहौल खराब करने का भरसक प्रयास कर रहा है.
चीनी ऐप्स चले जातेे हैं तो क्या विकल्प रहेंगे
अब चूँकि चीनी ऐप्स पर सरकार अपना फैसला सुना चुकी है ऐसे में जो सबसे बड़ा सवाल हमारे सामने खड़ा होता है वो ये कि अब हिंदुस्तानी यूजर्स क्या करेंगे ? सवाल वाजिब भी है. ध्यान रहे कि जब भी हम कोई ऐप अपने मोबाइल में इंस्टाल करते हैं तो हमें अपनी जानकारी साझा करनी होती है जो कि चीन जाती है. चीन इस जानकारी का इस्तेमाल भारत के खिलाफ भ्रामक प्रचार के लिए करता है.
बहरहाल, अब जबकि सरकार ने चीनी ऐप्स को बैन कर दिया है हमें सरकार की इस पहल का समर्थन करते हुए इस फैसले का स्वागत करना चाहिए सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से चीन की अर्थव्यवस्था कितनी प्रभावित होती है उसका फैसला वक़्त करेगा लेकिन जो वर्तमान है वो ये साफ़ बता रहा है कि भारत ने चीन पर बड़ी चोट की है जिससे चीन को आने वाले वक़्त में बड़ा नुकसान होने वाला है.
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