पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान खुद पर हुए हमले में मिले जख्मों से उबर ही रहे थे. इसी बीच इमरान खान के कुछ पुराने जख्म फिर से उभर आए हैं. बात हो रही है तोशाखाना मामले की. जो फिर से सुर्खियों में छा गया है. और, इसकी वजह से इमरान खान का गुस्सा भी सातवें आसमान पर पहुंच चुका है. दरअसल, पाकिस्तानी मीडिया चैनल जिओ टीवी ने एक प्रोग्राम चलाया. जिसमें तोशाखाने के तोहफों को बेचने के लिए इमरान खान पर आरोप लगाया गया. इतना ही नहीं, सबूत के तौर पर दुबई के बिजनेसमैन उमर फारूक जहूर का भी इंटरव्यू लिया गया. जिसने ये तमाम तोहफे खरीदे थे. उमर फारूक जहूर ने जिओ टीवी पर बाकायदा इन तोहफों की नुमाइश भी की.
इस प्रोग्राम के सामने आने के बाद इमरान खान ने भड़कते हुए ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली. इमरान खान ने कहा कि 'बस बहुत हो गया. कल जिओ टीवी और शाहजेब खानजादा ने एक जालसाज और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वांछित अपराधी की आधारहीन कहानी के जरिये मुझे बदनाम किया. मैंने अपने वकीलों से बात की है. और, मैं जिओ, खानजादा और इस धोखेबाज के खिलाफ न केवल पाकिस्तान में बल्कि ब्रिटेन और यूएई में भी मुकदमा करने की योजना बना रहा हूं.'
वैसे, तोशाखाना मामला इमरान खान के लिए अमानत में खयानत का वो दाग हैं. जिसके आगे गोली से मिले जख्म भी गंभीर नजर नहीं आते हैं. आसान शब्दों में कहें, तो ये ऐसा जख्म है. जिसकी वजह से इमरान खान की संसद सदस्यता तक चली गई है. और, पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक तक लगा दी गई. क्योंकि, इमरान खान ने तोशाखाने में जमा किए जाने वाले तोहफों को लेकर गलत जानकारी दी थी. बता दें कि उमर फारूक जहूर ने Graff की महंगी घड़ी, एक कफलिंक का जोड़ा, एक पेन और एक अंगूठी इस प्रोग्राम में दिखाई थी. ये सभी तोहफे इमरान खान को सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिले थे.
तोशाखाना मामले में ही इमरान खान की संसद सदस्यता चली गई थी.
तोशाखाना मामले से इमरान की मुश्किलें क्यों बढ़ जाती हैं?
इमरान खान कहते रहे हैं कि उनकी सरकार को गिराने के लिए पाकिस्तानी सेना और विदेशी ताकतों ने मिलकर एक साजिश रची थी. लेकिन, जब भी तोशाखाना मामला उठता है. इमरान खान की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ जाती हैं. दरअसल, पाकिस्तान की सियासत में तोशाखाना का मामला राष्ट्रीय मुद्दा बनकर उभरा था. और, इसकी वजह से इमरान खान की छवि को काफी धक्का लगा था. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इमरान को कई रैलियों में 'घड़ी चोर' जैसे नारों का सामना करना पड़ा है. वैसे, उमर फारूक जहूर ने जिन तोहफों की नुमाइश जिओ टीवी पर आकर की थी. वो सारे उपहार इमरान खान को सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सुल्तान ने दिए थे. सऊदी अरब के प्रिंस ने इनमें से सबसे बेशकीमती सोने से बनी हीरों से जड़ी बेशकीमती घड़ियों के दो लिमिटेड एडिशन बनवाए थे. जिनमें से एक उन्होंने खुद के लिए और दूसरी इमरान खान को तोहफे के तौर पर दे दी थी.
यहां मामला थोड़ा अलग हो जाता है. दरअसल, इमरान खान ने तोशाखाने से ये तोहफे औने-पौने दामों पर खरीद लिए थे. और, इस खरीद-फरोख्त को इमरान खान ने बाकायदा सरकारी अनुमति के साथ खरीदा था. लेकिन, इमरान की पत्नी बुशरा बीबी उर्फ पिंकी पीरनी ने अपनी करीबी फरहत शहजादी के हाथों इन तोहफों का सौदा करवा दिया. फरहत शहजादी ने इन तोहफों को कथित तौर पर दुबई के बिजनेसमैन उमर फारूक जहूर को बेचा था. बताना जरूरी है कि इमरान खान की सरकार गिरते ही फरहत शहजादी पाकिस्तान छोड़कर विदेश चली गई थी. उस दौरान फरहत शहजादी उर्फ फराह खान की एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी. जिसमें एक प्राइवेट जेट में फरहत के बगल में 68 लाख की कीमत का हैंडबैग रखा हुआ था.
फरहत शहजादी उर्फ फराह खान और उमर फारूक जहूर.
कहा जाता है कि इमरान खान की सरकार के दौरान फरहत शहजादी की दौलत में बेतहाशा उछाल आया था. दावा किया जाता है कि फरहत शहजादी इमरान खान के काले धन को सफेद करने का काम भी करती थीं. वैसे, इमरान खान की मुश्किलें बढ़ने की असली वजह ये है कि उन्होंने इन तोहफों को बेच दिया था. और, वो इस बात से इनकार भी नहीं कर सकते हैं. क्योंकि, अब वो तोहफे उनके पास नहीं है. और, ये तोहफे किस तरीके से जहूर के पास पहुंचे, इसे लेकर भी उनके पास कोई वाजिब जवाब नजर नहीं आता है. इतना ही नहीं, इमरान खान पर बहुत से तोहफों को बिना कोई कीमत चुकाए ही ले जाने का आरोप भी लगा है.
कैसे खुला तोशाखाना का राज?
पाकिस्तान की एक्टर और मॉडल खुशबख्त मिर्जा उर्फ सोफिया मिर्जा की एक शिकायत पर बिजनेसमैन उमर फारूक जहूर पर राष्ट्रीय एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए थे. बता दें कि खुशबख्त मिर्जा और कोई नहीं बल्कि उमर फारूक जहूर की पूर्व पत्नी हैं. और, जिओ टीवी के साथ अपने इंटरव्यू में उमर फारूक जहूर ने ये आरोप लगाया है कि उनके पास इमरान खान की करीबी फरहत शहजादी से तोशाखाना के तोहफे खरीदने का सबूत है. फरहत शहजादी को फराह गोगी के नाम से भी जाना जाता है. पाकिस्तानी मूल के बिजनेसमैन जहूर के मुताबिक, उन्होंने 7.5 मिलियन दिरहम नगद देकर एक दुर्लभ घड़ी और तोशाखाने के तीन अन्य उपहार खरीदे थे. उमर फारूक जहूर का आरोप है कि पूर्व पत्नी सोफिया मिर्जा की मांगें नहीं मानने पर उन्हें ब्लैकमैल किया गया. और, इमरान खान सरकार के पूर्व मंत्री शहजाद अकबर के इशारे पर मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी मुकदमे लगाए गए.
क्या है तोशाखाना मामला?
दरअसल, राष्ट्राध्यक्षों, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को विदेशी दौरों पर मिलने वाले तोहफों को पाकिस्तान के तोशाखाना में जमा कराया जाता है. पाकिस्तान सरकार का ये विभाग इन बेशकीमती उपहारों को सहेज कर रखता है. नियम के तहत सभी तोहफों को तोशाखाना में जमा करना जरूरी होता है. हालांकि, यह वापस लिए जा सकते हैं. लेकिन, उससे पहले उनकी कीमत का अंदाजा लगाया जाता है. और, कीमत के हिसाब से ही तोशाखाने खरीदा भी जा सकता है. इमरान खान को भी विदेशी दौरों पर कई महंगे और बेशकीमती उपहार मिले थे. जिन्हें उन्होंने तोशाखाने में जमा नहीं किया था. इमरान खान का कहना था कि ये उन्हें निजी तौर पर दिए गए तोहफे हैं. और, वह इनका इस्तेमाल अपने हिसाब से करने के लिए आजाद हैं.
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