भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ राहुल गांधी की ही नहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की भी आंख की किरकिरी हैं. 2024 के आम चुनाव में भाजपा को चुनौती देनी है इसलिए के चंद्रशेखर राव ने अभी से तैयारी तेज कर दी है. माना जा रहा है कि राव जल्द ही राष्ट्रीय पार्टी की घोषणा कर सकते हैं. पार्टी का स्वरूप क्या होगा? 2024 के लिहाज से इसकी क्या रणनीति रहेगी? इस पर चर्चा अभी शुरू भी नहीं हुई थी कि जो कुछ भी वारंगल से टीआरएस नेता राजनाला श्रीहरि ने किया है उसने आम से लेकर खास तक हर एक को हैरत में डाल दिया है. राजनाला श्रीहरि का एक वीडियो इंटरनेट पर जंगल में लगी आग की तरफ वायरल हो रहा है जिसमें वो स्थानीय लोगों को शराब की बोतलें और ज़िंदा मुर्गा बांटते हुए नजर आ हैं. इस वीडियो का सामने आना भर था राजनाला श्रीहरि के साथ साथ पार्टी टीआरएस और पार्टी सुप्रीमो के चंद्रशेखर राव भी सवालों के घेरे में आ गए हैं. सोशल मीडिया पर जैसी प्रतिक्रियाएं हैं कहा जा रहा है कि टीआरएस लोगों को रिझाने के लिए नीचता पर उतर आई है.
जैसा कि हम बता चुके हैं वीडियो इंटरनेट पर वायरल है इसलिए जब हम वीडियो को देखते हैं तो साफ़ दिख रहा है कि टीआरएस नेता राजनाला श्रीहरि और उनके समर्थक खड़े हैं. उनके बगल में एक लॉरी है जिसमें ज़िंदा मुर्गे हैं. वहीं उनके सामने जो टेबल है उसपर शराब की बोतलें हैं. वीडियो में सबसे मजेदार पक्ष लोगों की वो लंबी कतार है जो नेता जी के हाथ से शराब और जिन्दा मुर्गा लेने के लिए मौके पर पहुंची है।
ध्यान रहे पूर्व में ही तेलंगाना में केसीआर ने...
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ राहुल गांधी की ही नहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की भी आंख की किरकिरी हैं. 2024 के आम चुनाव में भाजपा को चुनौती देनी है इसलिए के चंद्रशेखर राव ने अभी से तैयारी तेज कर दी है. माना जा रहा है कि राव जल्द ही राष्ट्रीय पार्टी की घोषणा कर सकते हैं. पार्टी का स्वरूप क्या होगा? 2024 के लिहाज से इसकी क्या रणनीति रहेगी? इस पर चर्चा अभी शुरू भी नहीं हुई थी कि जो कुछ भी वारंगल से टीआरएस नेता राजनाला श्रीहरि ने किया है उसने आम से लेकर खास तक हर एक को हैरत में डाल दिया है. राजनाला श्रीहरि का एक वीडियो इंटरनेट पर जंगल में लगी आग की तरफ वायरल हो रहा है जिसमें वो स्थानीय लोगों को शराब की बोतलें और ज़िंदा मुर्गा बांटते हुए नजर आ हैं. इस वीडियो का सामने आना भर था राजनाला श्रीहरि के साथ साथ पार्टी टीआरएस और पार्टी सुप्रीमो के चंद्रशेखर राव भी सवालों के घेरे में आ गए हैं. सोशल मीडिया पर जैसी प्रतिक्रियाएं हैं कहा जा रहा है कि टीआरएस लोगों को रिझाने के लिए नीचता पर उतर आई है.
जैसा कि हम बता चुके हैं वीडियो इंटरनेट पर वायरल है इसलिए जब हम वीडियो को देखते हैं तो साफ़ दिख रहा है कि टीआरएस नेता राजनाला श्रीहरि और उनके समर्थक खड़े हैं. उनके बगल में एक लॉरी है जिसमें ज़िंदा मुर्गे हैं. वहीं उनके सामने जो टेबल है उसपर शराब की बोतलें हैं. वीडियो में सबसे मजेदार पक्ष लोगों की वो लंबी कतार है जो नेता जी के हाथ से शराब और जिन्दा मुर्गा लेने के लिए मौके पर पहुंची है।
ध्यान रहे पूर्व में ही तेलंगाना में केसीआर ने ये घोषणा की थी कि 2024 के लोकसभा चुनाव के तहत वो एक राष्ट्रीय पार्टी बनाएंगे जिसके नाम की घोषणा दशहरा के दिन यानी 5 अक्टूबर को होगी। लेकिन अब जबकि ये वीडियो हमारे सामने आ गया है लोगों को केसीआर और उनकी पार्टी से कोई मतलब नहीं है. फ़िलहाल सवाल यही हो रहा है कि क्या जनता जो अपने से जोड़ने का माध्यम शराब और मुर्गा वो भी ज़िंदा मुर्गा है?
इस वीडियो के सामने आने के बाद तमाम तरह की बातें हो रही हैं. वीडियो के पक्ष और विपक्ष में भी कई तर्क दिए जा सकते हैं. लेकिन सवाल फिर वही है कि क्या हमारे नेता इस बात को गांठ बांध चुके हैं कि आम जनता की प्राथमिकता क्या हैं?
सोशल मीडिया पर तमाम लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस वीडियो ने हंसने और मजाक करने का मौका दे दिया है. ऐसे लोगों से हम बस इतना ही कहेंगे कि यदि इतने गंभीर मसले पर भी उन्हें हंसी आ रही है तो उन्हें अपने गिरेबान में झांकना होगा और पूरी ईमानदारी के साथ अपना आत्मसात करना होगा। कह सकते हैं कि ये 'हंसी' ही वो कारण है जिसके चलते चाहे वो वारंगल के नेता राजनाला श्रीहरि हों या फिर कोई और नेता उन्हें हमारा, हमारी गरीबी और मज़बूरी का उपहास करने का मौका मिलता है.
बहरहाल, करीब 2 मिनट और 51 सेकंड का ये वीडियो इस बात का एहसास कराने के लिए काफी है कि जिन्हें हम अपना नेता मानते हैं जिन्हें हम बतौर जनप्रतिनिधि चुनते हैं उनकी नजर में हमारी वैल्यू एक भीड़ से ज्यादा ज्यादा नहीं है. नेता जानता है कि भीड़ को खिलाओ पिलाओ खुश रखो बदले में वोट तो मिल ही जाएगा। कुल मिलाकर तेलंगाना से से आया शराब और जिन्दा मुर्गे का ये वीडियो शर्मसार करने वाला है.
खैर अब वो वक़्त आ गया है जब हमें अपने नेताओं को इस बात का एहसास कराना होगा कि हमारा वोट बिकाऊ नहीं है और उसकी कीमत शराब और मुर्गा को हरगिज नहीं है.
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