अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (S Presidential Elections) नज़दीक है. सियासत अपने पूरे शबाब पर पहुंच चुकी है. मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने उलूल जुलूल बयानों के चलते पूरे कार्यकाल के दौरान सुर्खियों में छाए रहे हैं. अब चुनाव प्रचार के दौरान भी डोनाल्ड ट्रंप की अकड़ और घमंड साफतौर पर देखने को मिल रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर देने के लिए सामने जो बाइडेन (Joe Biden) हैं. सर्वे में वे डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ते हुए भी नज़र आ रहे हैं जिससे ट्रंप आगबबूला हो बैठे हैं. एक तरफ जहां जो बाइडेन राष्ट्रपति ट्रंप को कोरोना वायरस (Coronavirus) की रोकथाम में लापरवाही का जिम्मेदार बता रहे हैं और ट्रंप की नीतियों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं तो दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप तीखी बयानबाजी से जो बाइडेन पर व्यक्तिगत हमला कर रहे हैं. ट्रंप ने हालिया प्रेस कांफ्रेंस में बाइडेन पर हमला बोलते हुए कहा कि जो बाइडेन दिमागी तौर पर थके हुए हैं, वह इस लायक नहीं हैं कि अमेरिका की कमान संभाल सकें.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नवंबर में होने हैं. कोरोना वायरस महामारी के चलते रैलियों पर रोक लगी हुयी है. चुनाव प्रचार मीडिया, सोशल माडिया के माध्यम से ही हो रहा है. डोनाल्ड ट्रंप अपनी जीत के लिए पूरी तरह से आश्वस्त नज़र आ रहे हैं. जबकि उनके खिलाफ बाइडेन कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं. बाइडेन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगातार नाकाम राष्ट्रपति के तौर पर दिखाने में लगे हुए हैं. जबकि डोनाल्ड ट्रंप खुद को सबसे बेहतर राष्ट्रपति बता रहे हैं.
जब पत्रकारों ने सर्वे में जो बाइडेन को मिल रही बढ़त के बारे मे पूछा तो डोनाल्ड ट्रंप...
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (S Presidential Elections) नज़दीक है. सियासत अपने पूरे शबाब पर पहुंच चुकी है. मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने उलूल जुलूल बयानों के चलते पूरे कार्यकाल के दौरान सुर्खियों में छाए रहे हैं. अब चुनाव प्रचार के दौरान भी डोनाल्ड ट्रंप की अकड़ और घमंड साफतौर पर देखने को मिल रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर देने के लिए सामने जो बाइडेन (Joe Biden) हैं. सर्वे में वे डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ते हुए भी नज़र आ रहे हैं जिससे ट्रंप आगबबूला हो बैठे हैं. एक तरफ जहां जो बाइडेन राष्ट्रपति ट्रंप को कोरोना वायरस (Coronavirus) की रोकथाम में लापरवाही का जिम्मेदार बता रहे हैं और ट्रंप की नीतियों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं तो दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप तीखी बयानबाजी से जो बाइडेन पर व्यक्तिगत हमला कर रहे हैं. ट्रंप ने हालिया प्रेस कांफ्रेंस में बाइडेन पर हमला बोलते हुए कहा कि जो बाइडेन दिमागी तौर पर थके हुए हैं, वह इस लायक नहीं हैं कि अमेरिका की कमान संभाल सकें.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नवंबर में होने हैं. कोरोना वायरस महामारी के चलते रैलियों पर रोक लगी हुयी है. चुनाव प्रचार मीडिया, सोशल माडिया के माध्यम से ही हो रहा है. डोनाल्ड ट्रंप अपनी जीत के लिए पूरी तरह से आश्वस्त नज़र आ रहे हैं. जबकि उनके खिलाफ बाइडेन कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं. बाइडेन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगातार नाकाम राष्ट्रपति के तौर पर दिखाने में लगे हुए हैं. जबकि डोनाल्ड ट्रंप खुद को सबसे बेहतर राष्ट्रपति बता रहे हैं.
जब पत्रकारों ने सर्वे में जो बाइडेन को मिल रही बढ़त के बारे मे पूछा तो डोनाल्ड ट्रंप आगबबूला हो बैठे और कहा कि यह सारे सर्वे फर्जी हैं, हमने खुद सर्वे करा रखा है और उसमें हम बड़ी जीत दर्ज करने जा रहे हैं. डोनाल्ड ट्रम्प ने इसी के आगे ये भी कह दिया की आप सब जिस तरह से मुझसे सवाल पूछ ले रहे हैं वैसे सवाल कभी जो बाइडेन से पूछिए वह जवाब में मम्मी-मम्मी चिल्लाने लगेंगें और घर भाग जाएंगें.
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह अति-उत्साह बतलाता है कि वह अपनी जीत पक्की मान रहे हैं और अपने खिलाफ जो बाइडन को कमजोर उम्मीदवार मान रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति का यूं तो मीडिया वालों से छत्तीस का आंकड़ा रहता है लेकिन वह मीडिया में रहकर जो बाइडन पर हमला बोलने का मौका हाथ से नहीं जाने देते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति की मानें तो उनसे बेहतर उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए है ही नहीं.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर पूरे विश्व की नज़रें रहा करती है लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के लोगों का भी बहुत बड़ा योगदान रहता है. इसीलिए अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के वोटर्स को लुभावने की कोशिश में लगे रहते हैं. मौजूदा वक्त में भारतीय मूल के वोटर्स के लिए उम्मीदवारों को चुनना आसान नहीं होगा.
ऐसा इसलिए क्योंकि एक ओर मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं जिनके संबंध भारत से अच्छे रहे हैं और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खासमखास रहे हैं. तो दूसरी ओर जो बाइडन हैं जो H1B1 वीज़ा पर लगे प्रतिबंध को हटाने की बात कर रहे हैं. जिसका फायदा अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को होगा.
2016 के अमेरिकी चुनाव में 16 लाख भारतीय मूल के लोगों ने वोट डाला था जिसमें 84 प्रतिशत लोगों ने ट्रंप के खिलाफ वोट डाला था लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने जीत दर्ज की थी. इस वक्त ट्रंप की स्थिति उस समय जैसी नहीं है इसलिए ट्रंप भी भारतीय मूल के वोटरों को अपने साथ रखना चाहते हैं.
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