कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के निशाने पर आमतौर पर भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी ही रहते हैं. लेकिन, अब राहुल गांधी ने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भी आरोपों की झड़ी लगा दी है. राहुल गांधी का मानना है कि ट्विटर उनके साथ भेदभाव कर रहा है. और, मोदी सरकार के दबाव में जानबूझकर उनके फॉलोअर्स की संख्या को बढ़ने नहीं दे रहा है. वैसे, इस मामले को लेकर राहुल गांधी ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को बीते महीने एक पत्र भी लिखा था. राहुल गांधी की इन्हीं चिंताओं को लेकर वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) में ट्विटर सीईओ को लिखे गए पत्र के हवाले से एक रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है. वहीं, अब इस मामले पर ट्विटर की ओर भी जवाब देते हुए कहा गया है कि 'फॉलोअर्स की संख्या सार्वजनिक होती है और ट्विटर इससे कोई छेड़छाड़ नहीं करता है.' वैसे, राहुल गांधी ने ट्विटर को लिखे पत्र में कई समस्याएं उठाई हैं. आइए जानते हैं वो क्या हैं...
उनके ट्वीट पर रिस्पांस घट रहे हैं: राहुल गांधी ने ट्विटर सीईओ को लिखे एक पत्र में अपने ट्विटर अकाउंट के डेटा की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता शशि थरूर के साथ की है. वैसे, यहां बताना जरूरी हो जाता है कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ग्लोबल लीडर्स की लिस्ट में 71 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के कई प्रभावी नेताओं को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष पर काबिज हुए थे. बीते साल भी इसी लिस्ट में वह शीर्ष पर रहे थे. लेकिन, राहुल गांधी ने पत्र में बताया है कि 'मैंने किसानों और कई अन्य मानवाधिकार मुद्दों पर सरकार से लड़ाई लड़ी. मेरा एक वीडियो (जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का दावा किया था) भारत में किसी भी राजनीतिक नेता द्वारा ट्विटर पर डाले गए सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो में से एक है.'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के निशाने पर आमतौर पर भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी ही रहते हैं. लेकिन, अब राहुल गांधी ने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भी आरोपों की झड़ी लगा दी है. राहुल गांधी का मानना है कि ट्विटर उनके साथ भेदभाव कर रहा है. और, मोदी सरकार के दबाव में जानबूझकर उनके फॉलोअर्स की संख्या को बढ़ने नहीं दे रहा है. वैसे, इस मामले को लेकर राहुल गांधी ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को बीते महीने एक पत्र भी लिखा था. राहुल गांधी की इन्हीं चिंताओं को लेकर वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) में ट्विटर सीईओ को लिखे गए पत्र के हवाले से एक रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है. वहीं, अब इस मामले पर ट्विटर की ओर भी जवाब देते हुए कहा गया है कि 'फॉलोअर्स की संख्या सार्वजनिक होती है और ट्विटर इससे कोई छेड़छाड़ नहीं करता है.' वैसे, राहुल गांधी ने ट्विटर को लिखे पत्र में कई समस्याएं उठाई हैं. आइए जानते हैं वो क्या हैं...
उनके ट्वीट पर रिस्पांस घट रहे हैं: राहुल गांधी ने ट्विटर सीईओ को लिखे एक पत्र में अपने ट्विटर अकाउंट के डेटा की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता शशि थरूर के साथ की है. वैसे, यहां बताना जरूरी हो जाता है कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ग्लोबल लीडर्स की लिस्ट में 71 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के कई प्रभावी नेताओं को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष पर काबिज हुए थे. बीते साल भी इसी लिस्ट में वह शीर्ष पर रहे थे. लेकिन, राहुल गांधी ने पत्र में बताया है कि 'मैंने किसानों और कई अन्य मानवाधिकार मुद्दों पर सरकार से लड़ाई लड़ी. मेरा एक वीडियो (जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का दावा किया था) भारत में किसी भी राजनीतिक नेता द्वारा ट्विटर पर डाले गए सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो में से एक है.'
इस बारे में ट्विटर ने राहुल गांधी को सलाह देते हुए साफ किया है कि 'ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर हेरफेर और स्पैम (फेक अकाउंट्स) के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है. हम बड़े पैमाने पर स्पैम और दुर्भावनापूर्ण स्वचालन (बॉट यूजर्स) के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. ट्विटर प्लेटफॉर्म पर हमारी नीतियों का उल्लंघन करने की वजह से हम हर हफ्ते लाखों अकाउंट्स हटाते रहते हैं. इसकी वजह से फॉलोअर्स की संख्या घटना-बढ़ना चलता रहता है. आप इस संदर्भ में ट्विटर ट्रांसपेरेंसी सेंटर के ताजा अपडेट देख सकते हैं.'
ट्विटर फ्री स्पीच को दबा रहा है: बीते साल अगस्त में राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट दिल्ली की एक बलात्कार पीड़िता के परिवार की तस्वीर डालने की वजह से आठ दिनों तक बंद रहा था. उस दौरान भी राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर उनका अकाउंट बंद करने का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने अभिव्यक्ति की आजादी का नारा बुलंद करते हुए इसे अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का विषय बना लिया था. और, रेप पीड़िता के परिवार की तस्वीर को शेयर करने के अपने स्टैंड को सही साबित करने में तुल गए थे.
उस दौरान राहुल गांधी ने इंस्टाग्राम पर लिखा था कि 'अगर किसी के प्रति दया या सहानुभूति दिखाना अपराध है, तो मैं अपराधी हूं. अगर रेप-मर्डर पीड़ित के लिए न्याय मांगना गलत है, तो मैं दोषी हूं. वो हमें एक प्लेटफॉर्म पर लॉक कर सकते हैं. लेकिन, लोगों के लिए उठने वाली हमारी आवाज बंद नहीं कर सकते हैं.' इन आरोपों में भी राहुल गांधी का ध्यान पूरी तरह से इसी ओर था कि किसी भी तरह से भाजपा और मोदी सरकार को इसके लिए दोषी ठहराया जा सके.
वैसे, रेप या ऐसे ही किसी अन्य जघन्य अपराधों से पीड़ित लोगों की निजता का ध्यान रखने के लिए ट्विटर की नीति है कि ऐसे किसी भी मामले पर वह अकाउंट को हमेशा के लिए सस्पेंड कर सकती है. तो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने राहुल गांधी के अकाउंट को टेंपरेरी सस्पेंड किया था. र वही किया था. हालांकि, जब यह मामला विवाद में आने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था, तो ट्विटर की ओर से राहुल गांधी का अकाउंट फिर से बहाल करने को लेकर बताया गया था कि कांग्रेस की ओर से उसे पीड़ित परिवार द्वारा फोटो शेयर करने को लेकर सहमति पत्र दिया गया है. वहीं, राहुल गांधी का वो ट्वीट हटा दिया गया है.
ट्विटर प्यादा बन गया है: राहुल गांधी ने रेप पीड़िता के परिवार की तस्वीर शेयर की थी, जिस पर उनका अकाउंट टेंपरेरी सस्पेंड किया गया था. हालांकि, उन्होंने इस पत्र में लिखा कि 'मेरा अकाउंट कुछ दिनों के लिए बिना किसी वैध कारण के ब्लॉक कर दिया गया था. सरकार समेत कई अन्य ट्विटर हैंडल भी थे, जिन्होंने उन्हीं लोगों की इसी तरह की तस्वीरें ट्वीट की थीं. उनमें से किसी भी अकाउंट को ब्लॉक नहीं किया गया था. सिर्फ मेरे ही अकाउंट को टारगेट किया गया.' राहुल गांधी ने अपने इस पत्र में दावा किया है कि ट्विटर इंडिया पर मोदी सरकार की ओर से उनकी आवाज को चुप कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. राहुल गांधी ने लिखा है कि 'मैं आपको एक अरब से अधिक भारतीयों की ओर से लिख रहा हूं कि ट्विटर को भारत के विचार के विनाश में मोहरा न बनने दें.'
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.