'जिस थाली में खाना, उसी में छेद करना.' होने को तो ये कहावत है. जिसे बनाने वाले ने जब बनाया होगा तो ख्याल रैंडम रहा होगा. लेकिन अब जबकि एक मुल्क के रूप में पाकिस्तान हमारे सामने है और जैसी उसकी हरकतें हैं यकीनन ये कहावत पूरी तरह उस पर फिट बैठती है. क्यों? वजह है पाकिस्तान का अपने आका के आगे आंखें तरेरना और अपनी औकात भूल जाना. मामला पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सऊदी अरब से जुड़ा है. दरअसल हुआ कुछ यूं है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी क्रिटिक्स के अलावा समर्थकों तक के निशाने पर हैं. कुरैशी ने अभी बीते दिन ही अपने आका सऊदी अरब के विदेश मंत्री से भेंट की. तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. तस्वीरों पर गौर करें तो मिलता है कि सऊदी के विदेश मंत्री के आगे कुरैशी न केवल अपमानजनक तरीके से अकड़कर बैठे हैं बल्कि उनका जूता भी सऊदी विदेश मंत्री की तरफ है.
कुरैशी का इस तरह बैठना भर था खुद पाकिस्तान के लोग इसे हिकारत की निगाह से देख रहे हैं. माना जा रहा है कि अपनी इस हरकत से कुरैशी ने सऊदी का अपमान किया है. बताते चलें कि ये कोई पहली बार नहीं है कि एक विदेश मंत्री के रूप में शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब- पाकिस्तान संबधों की लंका लगाई है. सोशल मीडिया पर एक बड़ा वर्ग है जिसका मानना है कि शाह महमूद की इस हरकत का खामियाजा पाकिस्तान को आने वक़्त में भुगतना होगा.
ध्यान रहे कि पाकिस्तान के अलावा शाह महमूद का ये अंदाज सऊदी अरब को भी नागवार गुजरा है. कहा यही जा रहा है कि जिस मुल्क ने संकट के समय पाकिस्तान की मदद की उसी के विदेश मंत्री नवाफ़ बिन सैद अल मलकी के सामने इस्लामाबाद में अकड़कर बैठे पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बता दिया है कि मित्र देशों के आगे उसका असली चाल, चरित्र और चेहरा क्या है.
बात इस मुलाकात की हो तो इस मुलाकात को लेकर कहा यही जा रहा है कि इसमें दोनों ही देशों के विदेश मंत्रियों ने इलाके के ताजा हालात पर चर्चा तो की ही है साथ ही सऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्तों की समीक्षा भी की है.
जैसा कि हम बता चुके हैं पाकिस्तान के साथ साथ सऊदी में भी शाह महमूद का ये अंदाज लोगों के बीच चर्चा का विषय है. सोशल मीडिया पर यूजर्स इस बात को दोहराते नजर आ रहे हैं कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सऊदी विदेश मंत्री का बहुत ही गलत तरीके से स्वागत किया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री के सऊदी विदेश मंत्री का इस तरह से स्वागत करने का अगर कोई बड़ा कारण (मेडिकल) नहीं है तो यह राजनयिक प्रोटोकॉल के मूलभूत सिद्धांतों के प्रति बेशर्मी, मूर्खता और अज्ञानता की हद है.
वहीं ऐसे भी यूजर्स हैं जिन्होंने शाह महमूद के अकड़कर बैठने और सऊदी को जूते की नोक दिखाने को पर्सनल ले लिया है. ट्विटर पर तमाम लोग ऐसे हैं जिनका कहना है कि यदि वो सऊदी विदेशी मंत्री की जगह होते तो ऐसी मुलाकात से उठकर चले जाते. मामले में दिलचस्प ये है कि जहां एक तरफ शाह महमूद अपने अंदाज के चलते लानत मलामत का सामना कर रहे हैं. तो वहीं यूजर्स सऊदी के विदेश मंत्री के शिष्टाचार की जबरदस्त तारीफ कर रहे हैं.
यूजर्स का कहना है कि यह पाकिस्तानी विदेश मंत्री का सऊदी अरब के विदेश मंत्री के प्रति अशिष्ट, मूर्खतापूर्ण और गैर राजनयिक व्यवहार है. सऊदी विदेश मंत्री ने जिस तरह से इस अपमान को चुपचाप सह लिया, उससे दुनिया उनकी फैन हो गई है.
ग़ौरतलब है कि सऊदी पाकिस्तान की केवल आर्थिक मदद नहीं कर रहा बल्कि दोनों ही देशों के बीच गहरे राजनयिक और सैन्य संबंध हैं जो पाकिस्तान की बेवकूफी के कारण हर बीतते दिन के साथ खराब हो रहे हैं. ऐसा क्यों हो रहा है इसकी एक बड़ी वजह चीन को माना जा रहा है. मामले के मद्देनजर राजनीतिक विश्लेषकों का यही कहना है कि पाकिस्तान किसी भी सूरत में अपने आका चीन को नाराज नहीं करना चाहता.
तो सऊदी से इस तरह का बर्ताव क्यों कर रहा है पाकिस्तान
अब जबकि सऊदी अरब के प्रति हम पाकिस्तान का ये गैर जिम्मेदाराना रवैया देख चुके हैं तो एक बड़ा सवाल जो हमारे सामने हैं वो ये कि वो सऊदी अरब जिसने प्रमुख मोर्चों पर पाकिस्तान की मदद की है उसके साथ इस तरह की ओछी हारकर आखिर क्यों कर कर रहा है पाकिस्तान? यूं तो इस सवाल के तमाम जवाब हो सकते हैं जो जो सबसे बड़ा जवाब है वो कश्मीर मुद्दा है.
जी हां भले ही ये बात आपको हैरत में डाल दे लेकिन सच यही है. असल में अभी बीते दिनों ही पाकिस्तान ने अपने नए बने दोस्त तुर्की और चीन के इशारे पर सऊदी अरब को कश्मीर मुद्दे के मद्देनजर बड़ी धमकी दी थी. कश्मीर मसले पर कुंठाग्रस्त पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (OIC) को धमकाया था तब कुरैशी ने कहा था कि ओआईसी कश्मीर पर अपने विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक बुलाने में हीलाहवाली बंद करे.
बात तबकी हो तो तो कुरैशी ने ये भी कहा था कि, 'मैं एक बार फिर से पूरे सम्मान के साथ ओआईसी से कहना चाहता हूं कि विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है. यदि आप इसे बुला नहीं सकते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह कहने के लिए बाध्य हो जाऊंगा कि वह ऐसे इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं.'
बहरहाल अब जबकि शाह महमूद कुरैशी की ये तस्वीर हमारे सामने आ ही गयी है तो ये कहना गलत नहीं है कि पाकिस्तान का शुमार उन चुनिंदा मुल्कों में है जो अपने फायदे के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है और काम निकलने के बाद उसे थाली में छेद करने में कोई विशेष दिक्कत नहीं है. चाहे वो शाह महमूद कुरैशी हों या खुद इमरान खान दोनों को ही इस बात को समझना होगा कि सत्ता तो आनी जानी है ऐसी हरकतें विश्व पटल पर एक मुल्क के रूप में पाकिस्तान का भट्टा बैठा रही हैं.
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