बात 2016 की है. पश्चिम बंगाल में चुनाव थे. क्या बंगाल की भूमि, क्या ट्विटर और फेसबुक. तब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया था. राहुल ने ममता पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. बंगाल में हुए 2500 करोड़ रुपए के शारदा चिट फंड घोटाले के लिए राहुल ने ममता को जिम्मेदार ठहराया था. और यहां तक कहा था कि ममता सरकार जनता का पैसा लूटने वाली सरकार है.
हालांकि, अब वही राहुल गांधी रविवार की रात CBI द्वारा कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पूछताछ़ करने पहुंची सीबीआई टीम के खिलाफ ममता सरकार की कार्रवाई को समर्थन देते हुए उनके साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं. जाहिर है, 2016 में बंगाल चुनाव में किस्मत आजमाने वाले राहुल गांधी ने ममता बनर्जी का अपना दुश्मन नंबर वन बनाया था, तो बंगाल सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली थी. और आज जब 2019 में सामने मोदी की चुनौती है तो वह ममता सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को भुलाकर उनका साथ देने में नहीं चूक रहे हैं.
ध्यान रहे कि पश्चिम बंगाल की एक चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को लुभावने ऑफर देकर करोड़ों का चूना लगाया था. शारदा चिटफंड ने लोगों को बेवकूफ बनाते हुए कहा था कि यदि वो अपना पैसा सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में इन्वेस्ट करते हैं तो उन्हें 34 गुना ज्यादा रिटर्न हासिल होगा. इसके लिए 25 साल का लॉकिंग पीरयड बताया गया था. बंगाल की जनता ने इस स्कीम को हाथो हाथ लिया और बाद में कंपनी निवेश करने वाले लोगों का पैसा लेकर भाग गई. ममता बनर्जी पार्ट आरोप था कि भगोड़े को उनका संरक्षण प्राप्त था और भागने और किसी भी तरह की कार्रवाई...
बात 2016 की है. पश्चिम बंगाल में चुनाव थे. क्या बंगाल की भूमि, क्या ट्विटर और फेसबुक. तब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया था. राहुल ने ममता पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. बंगाल में हुए 2500 करोड़ रुपए के शारदा चिट फंड घोटाले के लिए राहुल ने ममता को जिम्मेदार ठहराया था. और यहां तक कहा था कि ममता सरकार जनता का पैसा लूटने वाली सरकार है.
हालांकि, अब वही राहुल गांधी रविवार की रात CBI द्वारा कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पूछताछ़ करने पहुंची सीबीआई टीम के खिलाफ ममता सरकार की कार्रवाई को समर्थन देते हुए उनके साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं. जाहिर है, 2016 में बंगाल चुनाव में किस्मत आजमाने वाले राहुल गांधी ने ममता बनर्जी का अपना दुश्मन नंबर वन बनाया था, तो बंगाल सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली थी. और आज जब 2019 में सामने मोदी की चुनौती है तो वह ममता सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को भुलाकर उनका साथ देने में नहीं चूक रहे हैं.
ध्यान रहे कि पश्चिम बंगाल की एक चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को लुभावने ऑफर देकर करोड़ों का चूना लगाया था. शारदा चिटफंड ने लोगों को बेवकूफ बनाते हुए कहा था कि यदि वो अपना पैसा सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में इन्वेस्ट करते हैं तो उन्हें 34 गुना ज्यादा रिटर्न हासिल होगा. इसके लिए 25 साल का लॉकिंग पीरयड बताया गया था. बंगाल की जनता ने इस स्कीम को हाथो हाथ लिया और बाद में कंपनी निवेश करने वाले लोगों का पैसा लेकर भाग गई. ममता बनर्जी पार्ट आरोप था कि भगोड़े को उनका संरक्षण प्राप्त था और भागने और किसी भी तरह की कार्रवाई से बचाने के लिए उन्होंने उनकी मदद की थी. इस घोटाले में TMC के कई बड़े नेताओं के शामिल होने का आरोप है. इतना ही नहीं, सीबीआई के मुताबिक ममता सरकार के आदेश पर मामले की जांच करने वाले SIT चीफ राजीव कुमार ने तो इस मामले से जुड़े सबूत भी इधर-उधर कर दिए हैं.
उस वक़्त राहुल गांधी ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए थे. बावजूद इसके टीएमसी राज्य की 295 सीटों में से 2011 सीट जीतने में कामयाब हुईं और राज्य की मुख्यमंत्री बनीं. राजनीति अवसरवादिता का खेल है. जब बात निजी स्वार्थ की हो तो बेहतर होता है कि पुराने गिले शिकवे भुला लिए जाएं और शत्रुओं को गले लगा लिया जाए. 2019 का लोकसभा चुनाव नजदीक है. पूरे विपक्ष के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी चुनौती हैं. पीएम मोदी को हराने के लिए सभी दल एकजुट हो गए हैं. 2016 में ममता को घेर चुके और उनकी रातों की नींद और दिन का चैन हराम कर चुके राहुल गांधी आज उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े दिखाई दे रहे हैं और बता रहे हैं कि इस मुश्किल घड़ी में वो उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं.
हो सकता है राहुल अपनी बातें भूल गए हों मगर भाजपा ये बात नहीं भूली है और हमेशा की तरह एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर भाजपा, राहुल राहुल गांधी की निंदा में जुट गई है. राहुल पर आरोप लगाते हुए भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी को मल्टिपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर का शिकार बताया है. साथ ही भाजपा ने राहुल से ये भी कहा है कि अहम मौकों पर उन्हें अपनी बात याद रखनी चाहिए.
एक ऐसे वक़्त में जब लोकसभा चुनाव नजदीक है. राहुल का ये बड़ा यू टर्न साफ दर्शा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर दिखाने के लिए वो किसी भी सीमा तक जा सकते हैं. राहुल ने पूरे देश के सामने ये दर्शा दिया है कि मोदी विरोध में वो उन दुश्मनों को भी गले लगा सकते हैं जो कभी उन्हें फूटी आंख भी नहीं भाते थे.
ममता और बंगाल दोनों के मुकद्दर का फैसला आने वाला वक़्त करेगा. मगर जो वर्तमान है वो ये साफ दर्शा रहा है कि जैसे राहुल मोदी से जंग लड़ने के लिए पुराने दुश्मनों से तमाम गिले शिकवे भुलाकर दोस्ती रह रहे हैं आने वाला लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम मोदी विरोधियों का चुनाव है जिसमें मुख्य भूमिका राहुल गांधी निभा रहे हैं. राजनीतिक कारणों से भ्रष्टाचार के एक मामले में ममता का साथ देने वाले राहुल गांधी को यह भी साफ करना चाहिए कि यदि कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनी तो क्या वे शारदा चिटफंड घोटाले की CBI जांच रोक देंगे?
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