महाराष्ट्र में जो हुआ वो तो होना ही था, घमंड किसी के लिए भी सही नहीं होता. 'अपुन इच भगवान है' जैसे शब्द फिल्मों में ही सही लगते हैं. जब कोई खुद को सर्वेसर्वा समझने लगता है तो उसका घमंड ही उसे ले डूबता है. वैसे भी जब बात राजनीति की हो, तब तो पूछिए ही मत, क्योंकि इस क्षेत्र में तो सब जायज है. कोई नेता कब बागी बन जाए, यह किसी को नहीं पता.
वैसे भी महाराष्ट्र में इतनी उठक-पठक हुई है कि लोग तो असमंजस में ही पड़ गए थे आखिर यह हो क्या रहा है? करीब एक हफ्ते से सियासी ड्रामा चलने के बाद आखिरकार उद्धव ठाकरे की सरकार गिर ही गई. इस तरह महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोग से शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली. इसके अलावा "मैं समुंदर हूं लौट के आऊंगा" कहने वाले देवेंद्र फडणवीस डेप्युटी सीएम बनाए गए हैं.
मनुष्य बली नहीं होत है समय होत बलवान
सही कहते हैं कि लोग कभी भी सामने वाले को अपने सामने छोटा नहीं समझना चाहिए. कभी किसी का मजाक नहीं बनाना चाहिए. कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. कभी किसी की हंसी नहीं उड़ानी चाहिए क्योंकि समय का पहिया कब पलट जाए कोई नहीं जानता. समय सबका आता है इसलिए हमेशा सामने वाले को सम्मान देना चाहिए.
ट्वीटर पर उखाड़ दिया हैश टैग (#khaddiya) उद्धव ठाकरे और संजय राउत के कर्मो का फल है. कभी इन्होंने दूसरों का चोट पहुंचाई और आज खुद मुंह के बल गिर गए. यह कर्मा है. दूसरों के साथ आप जैसा व्यवहार करते हैं वह आपके पास लौटकर जरूर आता है. कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि सरकार होने के बावजूद जिस तरह शिवसेना ने "हनुमान चालीसा" का अपमान किया जबकि हनुमान जी शिव के 12वें अवतार माने जाते हैं. इसके बाद तो यह सब होना ही था. जब पाप बढ़ जाता है तो सर्वनाश होता है. मैनें पहले ही कहा था कि जनता का विश्वास तोड़ने वाले का एक दिन घमंड टूटेगा. याद है, जब उद्धव सरकार ने जब कंगना के ऑफिस पर बीएमसी की कार्रवाई की थी...
महाराष्ट्र में जो हुआ वो तो होना ही था, घमंड किसी के लिए भी सही नहीं होता. 'अपुन इच भगवान है' जैसे शब्द फिल्मों में ही सही लगते हैं. जब कोई खुद को सर्वेसर्वा समझने लगता है तो उसका घमंड ही उसे ले डूबता है. वैसे भी जब बात राजनीति की हो, तब तो पूछिए ही मत, क्योंकि इस क्षेत्र में तो सब जायज है. कोई नेता कब बागी बन जाए, यह किसी को नहीं पता.
वैसे भी महाराष्ट्र में इतनी उठक-पठक हुई है कि लोग तो असमंजस में ही पड़ गए थे आखिर यह हो क्या रहा है? करीब एक हफ्ते से सियासी ड्रामा चलने के बाद आखिरकार उद्धव ठाकरे की सरकार गिर ही गई. इस तरह महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोग से शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली. इसके अलावा "मैं समुंदर हूं लौट के आऊंगा" कहने वाले देवेंद्र फडणवीस डेप्युटी सीएम बनाए गए हैं.
मनुष्य बली नहीं होत है समय होत बलवान
सही कहते हैं कि लोग कभी भी सामने वाले को अपने सामने छोटा नहीं समझना चाहिए. कभी किसी का मजाक नहीं बनाना चाहिए. कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. कभी किसी की हंसी नहीं उड़ानी चाहिए क्योंकि समय का पहिया कब पलट जाए कोई नहीं जानता. समय सबका आता है इसलिए हमेशा सामने वाले को सम्मान देना चाहिए.
ट्वीटर पर उखाड़ दिया हैश टैग (#khaddiya) उद्धव ठाकरे और संजय राउत के कर्मो का फल है. कभी इन्होंने दूसरों का चोट पहुंचाई और आज खुद मुंह के बल गिर गए. यह कर्मा है. दूसरों के साथ आप जैसा व्यवहार करते हैं वह आपके पास लौटकर जरूर आता है. कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि सरकार होने के बावजूद जिस तरह शिवसेना ने "हनुमान चालीसा" का अपमान किया जबकि हनुमान जी शिव के 12वें अवतार माने जाते हैं. इसके बाद तो यह सब होना ही था. जब पाप बढ़ जाता है तो सर्वनाश होता है. मैनें पहले ही कहा था कि जनता का विश्वास तोड़ने वाले का एक दिन घमंड टूटेगा. याद है, जब उद्धव सरकार ने जब कंगना के ऑफिस पर बीएमसी की कार्रवाई की थी तो‘सामना’ में ‘उखाड़ दिया’ हेडलाइन छपी थी. अब वह शब्द उद्धव ठाकरे और संजय राउत के लिए हेडलाइन बन गई है.
यह वही संजय राउत है जिन्होने ईडी जांच पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'मुझसे पंगा मत लेना, मैं बालासाहेब का शिवसैनिक हूं. मेरा क्या उखाड़ लोगे?' अब लोग कह रहे हैं कि ढाई साल बाद आखिरकार महाराष्ट्र से महाविकास अघाड़ी सरकार को उखाड़ ही दिया गया.
इतना ही नहीं, नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा ने जब पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था, तो नवनीत राणा को करीब 14 दिनों तक मुंबई की भायखला जेल रही थीं. जिसके बाद उनकी तबियत भी खराब हो गई थी.
वहीं मराठी अभिनेत्री केतकी चितले को इसलिए गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उन पर शरद पवार के खिलाफ कविता शेयर का आरोप था. इस मामले में उनपर करीब 29 एफआईआर दर्ज किए गए. जब उन्हें पुलिस वैन में ले जाया जा रहा था तब एनसीपी के लोगों ने उन्हें घेर लिया, उनपर स्याही फेंकी गई और अभद्रता की गई. इसके बाद उन्हें करीब सवा महीने जेल में रहना पड़ा. अब कुछ लोगों का कहना है कि, उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के पीछे उनके ही कर्मों का दोष है, जैसी करनी वैसी भरनी...
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