पिछले दिनों ईरान (Iran) के तेहरान में यूक्रेन का एक विमान क्रैश (kraine Plane Crash) हो गया था. इस घटना में विमान में बैठे सभी यात्री और चालक दल समेत कुल 176 लोग मारे गए. बेहद दुखद घटना थी. जिसने भी सुना, उसने अफसोस जताया, लेकिन इस घटना ने बहुत सारे सवाल भी पैदा किए. हर कोई जानना चाहता था कि आखिर विमान में ऐसा क्या हुआ, जिसकी वजह से इतनी भयावह दुर्घटना हुई? पहले तो ईरान ना-नुकुर करता रहा, लेकिन आखिरकार उसने ये मान ही लिया कि यूक्रेन के उस विमान को ईरान ने ही गलती से मार गिराया था. ये भले ही मानवीय भूल थी, लेकिन इससे बहुत से लोगों ने अपनी जान गंवा दी. जैसे ही ईरान ने अपनी गलती मानी, वैसे ही उसने कुछ पुराने जख्म हरे कर दिए. पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, जब मानवीय भूल की वजह से एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया गया था. हाल ही में बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के बाद तो भारतीय सेना ने अपने ही हेलिकॉप्टर को मार गिराया (Mi-17 Helicopter accident) था. वहीं 1965 में पाकिस्तान ने भी एक मानवीय भूल की थी, जिसके लिए पाकिस्तानी पायलट ने 46 साल बाद माफी मांगी थी.
ईरान में क्या हुआ, पहले ये जानिए
पिछले बुधवार यानी 8 जनवरी को ईरान के तेहरान में यूक्रेन का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. देखते ही देखते वह विमान आग की लपटों में घिर गया और जमीन पर आ गिरा. विमान में उस वक्त ईरान, कनाडा और यूक्रेन के नागरिक और चालक दल समेत कुल 176 लोग मौजूद थे, जो सभी इस दुर्घटना में मारे गए. ईरान ने इसकी वजह तकनीकी खराबी बताई, लेकिन शंका इसलिए हुई क्योंकि इस घटना से कुछ घंटों पहले ही ईरान में इराक स्थित अमेरिकी दूतावास पर मिसाइल से हमला किया था....
पिछले दिनों ईरान (Iran) के तेहरान में यूक्रेन का एक विमान क्रैश (kraine Plane Crash) हो गया था. इस घटना में विमान में बैठे सभी यात्री और चालक दल समेत कुल 176 लोग मारे गए. बेहद दुखद घटना थी. जिसने भी सुना, उसने अफसोस जताया, लेकिन इस घटना ने बहुत सारे सवाल भी पैदा किए. हर कोई जानना चाहता था कि आखिर विमान में ऐसा क्या हुआ, जिसकी वजह से इतनी भयावह दुर्घटना हुई? पहले तो ईरान ना-नुकुर करता रहा, लेकिन आखिरकार उसने ये मान ही लिया कि यूक्रेन के उस विमान को ईरान ने ही गलती से मार गिराया था. ये भले ही मानवीय भूल थी, लेकिन इससे बहुत से लोगों ने अपनी जान गंवा दी. जैसे ही ईरान ने अपनी गलती मानी, वैसे ही उसने कुछ पुराने जख्म हरे कर दिए. पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, जब मानवीय भूल की वजह से एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया गया था. हाल ही में बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के बाद तो भारतीय सेना ने अपने ही हेलिकॉप्टर को मार गिराया (Mi-17 Helicopter accident) था. वहीं 1965 में पाकिस्तान ने भी एक मानवीय भूल की थी, जिसके लिए पाकिस्तानी पायलट ने 46 साल बाद माफी मांगी थी.
ईरान में क्या हुआ, पहले ये जानिए
पिछले बुधवार यानी 8 जनवरी को ईरान के तेहरान में यूक्रेन का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. देखते ही देखते वह विमान आग की लपटों में घिर गया और जमीन पर आ गिरा. विमान में उस वक्त ईरान, कनाडा और यूक्रेन के नागरिक और चालक दल समेत कुल 176 लोग मौजूद थे, जो सभी इस दुर्घटना में मारे गए. ईरान ने इसकी वजह तकनीकी खराबी बताई, लेकिन शंका इसलिए हुई क्योंकि इस घटना से कुछ घंटों पहले ही ईरान में इराक स्थित अमेरिकी दूतावास पर मिसाइल से हमला किया था. अमेरिका और कनाडा ने तो विमान को मार गिराए जाने का दावा तक कर दिया गया था. हालांकि, शनिवार यानी 11 जनवरी को ईरान ने भी ये स्वीकार कर लिया कि मानवीय भूल की वजह से ईरान ने यूक्रेन के विमान को निशाना बना लिया. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी इस दुर्घटना पर खेद जताते हुए जांच के बाद दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
भारत ने मार गिराया था अपना ही हेलिकॉप्टर
जब कभी मानवीय भूल की वजह से किसी विमान के मार गिराए जाने की बात होगी तो लोगों के जेहन में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई जरूर याद आएगी. दरअसल, इस जवाबी कार्रवाई के दौरान भारत ने गलती से अपने ही एक हेलिकॉप्टर को मार गिराया था, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी. खुद एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने माना था कि पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष के बीच भारतीय सेना ने 27 फरवरी को अपने ही MI-17 वी5 हेलिकॉप्टर को मार गिराया था. घटना में विमान में मौजूद 6 लोग मारे गए थे, जबकि एक नागरिक भी इस हादसे की वजह से मारा गया था. उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी. साथ ही उन्होंने कहा था कि दोषी व्यक्ति के खिलाफ जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी. दो के खिलाफ कार्रवाई हुई भी थी.
पाकिस्तान ने भी की थी ऐसी मानवीय भूल
ये बात 1965 की है. उस दौरान पाकिस्तान की ओर से पायलट कैस हुसैन ने भुज के पास एक भारतीय विमान को मार गिराया था. इस विमान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंतराव मेहता, उनकी पत्नी और अन्य 6-7 लोग मौजूद थे. उनका विमान अभी कुछ ही दूर गया था कि पाकिस्तान की ओर से एक फाइटर जेट को उसके पीछे भेज दिया गया, क्योंकि वह पाकिस्तानी सीमा के काफी पास था. पाकिस्तान को शक था कि वह विमान सीमा की तस्वीरें ले रहा है. इसकी शक में पाकिस्तान की ओर से पायलट कैस हुसैन ने आदेश का पालन करते हुए भारत के सिविलियन एयरक्राफ्ट को निशाना बनाकर मार गिराया. हालांकि, बाद में ये साफ हो गया कि ये मानवीय भूल थी. पायलट कैस हुसैन को तो कार्रवाई करते वक्त भी लग रहा था कि वह गलत कर रहे हैं, लेकिन आदेश की नाफरमानी नहीं की जा सकती है, जो सेना का नियम है. हालांकि, कैस हुसैन ने करीब 46 साल बाद जो कहा, उसने सारे रहस्यों से परदा उठा दिया.
46 साल बाद कैस हुसैन ने मांगी माफी
कैस हुसैन ने 1965 में तो पाकिस्तानी सेना के आदेश पर बलंवतराव मेहता का विमान मार गिराया था, लेकिन 46 साल बाद उन्होंने उनकी बेटी फरीदा सिंह से माफी मांगी. फरीदा ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए माफ किया और कैस हुसैन के दिल से एक बड़ा बोझ उतर गया. कैस बताते हैं कि जब वह विमान पर निशाना साध रहे थे, तो वह विमान अपने विंग्स को हिला रहा था, जिसका मतलब होता है 'हैव मर्सी ऑन मी (मुझ पर रहम करो).' उस समय तो कैस हुसैन को अंदाजा भी नहीं था कि विमान में गुजरात के मुख्यमंत्री थे. ये पहला मौका था कि भारत और पाकिस्तान की लड़ाई के बीच एक असैनिक विमान को निशाना बनाया गया था. बता दें कि 1965 और 1971 दोनों ही लड़ाइयों में भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही कई सैन्य गतिविधियों के लिए सिविलियन एयरक्राफ्ट इस्तेमाल किए थे और इसी वजह से बलवंतराव मेहता के विमान को लेकर भी संदेह हुआ. आपको बता दें कि बलवंतराय मेहता भारत के पहले राजनीतिज्ञ थे, जो सीमा पर एक सैनिक एक्शन में मारे गए थे.
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