योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ने दूसरी बार यूपी की बागडोर संभाली है. उत्तर प्रदेश की राजनीति में दोबारा सत्ता हांसिल करना इतना आसान नहीं है.
प्रदेश में पूर्ण बहुमत से दोबारा सरकार बनाने का यह कीर्तिमान, सीएम योगी ने जनता के विश्वास से ही स्थापित किया है. इस कैबिनेट में योगी सहित कुल 53 दिग्गज हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या सिर्फ 5 है. इस सूची में दो डिप्टी सीएम, 16 मंत्री, 14 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्यमंत्री हैं.
चलिए हम इन महिला मंत्रियों बेबी रानी मौर्या, गुलाब देवी, प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी और विजयलक्ष्मी गौतम के बारे में जान लेते हैं.
बेबी रानी मौर्या
पहले तो बेबी रानी मौर्या को डिप्टी सीएम का पद देने की भी चर्चा खूब हुई, लेकिन केशव प्रसाद मौर्या को दोबारा से डिप्टी सीएम बनाया गया. वहीं ब्रजेश पाठक नए डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. बेबी रानी मौर्य यूपी में भाजपा का बड़ा दलित चेहरा मानी जाती हैं. कई बार उनकी तुलना बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती से हुई है. बेबी रानी मौर्या ने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से वर्ष 1990 में की थी. इसके बाद वे साल 1995 में आगरा की पहली महिला मेयर बनीं. इन्होंने उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवा दी. इसके बाद उन्होंने सितंबर 2021 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद संभाला. इस बार बीजेपी के टिकट पर बेबी रानी आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं हैं. साल 2007 में वे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ी थीं, हालांकि तब वे बसपा प्रत्याशी नारायण सिंह सुमन ने चुनाल हार गईं थीं. बेबी रानी ने बाताया था कि वे मौर्य जाटव समाज से आती हैं. जाटव अनुसूचित जाति वर्ग में ही आते हैं. जहां उनकी ससुराल है, वहां जाटव लोग मौर्य लिखते...
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ने दूसरी बार यूपी की बागडोर संभाली है. उत्तर प्रदेश की राजनीति में दोबारा सत्ता हांसिल करना इतना आसान नहीं है.
प्रदेश में पूर्ण बहुमत से दोबारा सरकार बनाने का यह कीर्तिमान, सीएम योगी ने जनता के विश्वास से ही स्थापित किया है. इस कैबिनेट में योगी सहित कुल 53 दिग्गज हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या सिर्फ 5 है. इस सूची में दो डिप्टी सीएम, 16 मंत्री, 14 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्यमंत्री हैं.
चलिए हम इन महिला मंत्रियों बेबी रानी मौर्या, गुलाब देवी, प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी और विजयलक्ष्मी गौतम के बारे में जान लेते हैं.
बेबी रानी मौर्या
पहले तो बेबी रानी मौर्या को डिप्टी सीएम का पद देने की भी चर्चा खूब हुई, लेकिन केशव प्रसाद मौर्या को दोबारा से डिप्टी सीएम बनाया गया. वहीं ब्रजेश पाठक नए डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. बेबी रानी मौर्य यूपी में भाजपा का बड़ा दलित चेहरा मानी जाती हैं. कई बार उनकी तुलना बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती से हुई है. बेबी रानी मौर्या ने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से वर्ष 1990 में की थी. इसके बाद वे साल 1995 में आगरा की पहली महिला मेयर बनीं. इन्होंने उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवा दी. इसके बाद उन्होंने सितंबर 2021 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद संभाला. इस बार बीजेपी के टिकट पर बेबी रानी आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं हैं. साल 2007 में वे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ी थीं, हालांकि तब वे बसपा प्रत्याशी नारायण सिंह सुमन ने चुनाल हार गईं थीं. बेबी रानी ने बाताया था कि वे मौर्य जाटव समाज से आती हैं. जाटव अनुसूचित जाति वर्ग में ही आते हैं. जहां उनकी ससुराल है, वहां जाटव लोग मौर्य लिखते हैं.
गुलाब देवी
योगी सरकार की कैबिनेट में गुलाब देवी को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का शपथ लिया है. गुलाब देवी पिछली योगी सरकार में भी राज्यमंत्री थीं. इन्होंने चंदौसी से लगातार 5वीं बार जीत हासिल की है. यह संभल जिले की आरक्षित सीट है. इस बार चुनाव में गुलाब देवी ने समाजवादी पार्टी की विमलेश कुमारी को हराया था. 2022 चुनाव की शुरुआत में बतौर प्रत्याशी गुलाब देवी कुछ असहज दिखी थीं, क्योंकि उन्हें टिकट मिलने से भाजपा का अंदरूनी विरोध तेज था. हालांकि चुनाव जीतकर उन्होंने बता दिया कि राजनीति में उनका पड़ला भारी है.
प्रतिभा शुक्ला
यूपी में प्रतिभा शुक्ला बीजेपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा है. पोस्ट ग्रेजुएट प्रतिभा शुक्ला को इस बार उन्हें योगी सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है. इन्होंने अकबरपुर-रनिया से दूसरी बार जीत का परचम लहराया है. इसके पहले 2007 में बीएसपी के टिकट से ये विधायक रह चुकी हैं. इनके पति अनिल शुक्ला भी बसपा से सांसद रह चुके हैं.
रजनी तिवारी
रजनी तिवारी ने यूपी के हरदोई जिले की शाहाबाद क्षेत्र से चौथी बार विधायक बनने का रिकार्ड बनाया. रजनी तिवारी ने बीएसपी के आसिफ खान को हराया था. रजनी ग्रेजुएट हैं और शाहाबाद क्षेत्र से पूर्व मंत्री रामौतार दीक्षित के बाद दूसरी नेता हैं जो मंत्री बनी हैं. उन्होंने अपने पति पूर्व विधायक स्वर्गीय उपेंद्र तिवारी की राजनीतिक विरासत संभाली थी.
विजय लक्ष्मी गौतमविजय लक्ष्मी ने साल 1992 में बीजेपी के साथ राजनीति की शुरुआत की थी. वे देवरिया शहर के देवरिया खास मोहल्ले की रहने वाली हैं. उन्होंने समाजशास्त्र से एमए किया है. विजय लक्ष्मी ने सलेमपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है. वे महिला मोर्चा की देवरिया नगर की अध्यक्ष और बीजेपी जिला मंत्री भी रहीं हैं. साल 2012 में बीजेपी ने उन्हें सलेमपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह सपा प्रत्याशी मनबोध प्रसाद से चुनाव हार गईं. साल 2017 चुनाव में भाजपा के टिकट काटने से वे नाराज होकर सपा में शामिल हो गईं. सपा ने उन्हें सलेमपुर से प्रत्याशी बनाया, लेकिन भाजपा प्रत्याशी काली प्रसाद से चुनाव हार गईं थीं. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले फरवरी में पुनः भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. इस बार वे चुनाव जीत गईं. विजय लक्ष्मी के पति बैंक में अधिकारी हैं. वहीं विजय लक्ष्मी कोटेदार के रूप में काम करने के साथ राजनीतिक काफी सक्रिय हैं.
यह बात जग जाहिर है कि योगी को सीएम बनाने में यूपी का महिलाओं की बड़ी भूमिका है. योगी को क्या हिंदू क्या मुस्लिम, लगभग सभी जाति की महिलाओं ने भर-भर के वोट किया है. कई महिलाओं ने अपने पतियों के खिलाफ जाकर सीएम योगी को अपना मुख्यमंत्री चुना है. ऐसे में महिला मंत्रियों की यह संख्या थोड़ी संतोषजनक तो नहीं लग रही. खैर, देखते हैं कि महिलाओं की सीएम योगी से जो उम्मीदें हैं, वे कितनी पूरी होती हैं?
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