कर्नाटक में सरकार द्वारा विधानसभा हाॅल में वीर सावरकर की तस्वीर लगाने को लेकर, राज्य में विपक्ष की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा काटा, और सरकार के इस फैसले की आलोचना की .
क्या है मामला ?
कर्नाटक राज्य में बीजेपी की सरकार है. और हाल ही में विधानसभा की भी शुरुआत होने वाली है, लेकिन सत्र शुरु होने से पहले ही प्रदेश की राज्य सरकार और विपक्ष में नोक झोंक शुरु हो गई है. और इस नोक झोंक का कारण बनी है, कर्नाटक विधानसभा हाॅल में लगी सावरकर की तस्वीर.
कांग्रेस का कहना है कि गांधी की हत्या में शामिल व्यक्ति की तस्वीर विधानसभा हाॅल में नहीं लगाई जा सकती। कांग्रेस का यह भी कहना है कि हमारे देश में और भी महापुरुष हैं. सरकार वीर सावरकर की ही क्यों लगाती है. इसी के चलते कांग्रेस नेताओं ने अनेकों महापुरुषों की तस्वीरों को लेकर सरकार से मांग की कि वो इन तस्वीरों को भी विधानसभा हाॅल में लगाए .
बीजेपी के इस फैसले के पीछे के सियासी कारण ?
2023 विधानसभा चुनाव :
अगले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं, और प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को एंटी इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ सकता है. और सरकार के ऊपर करपशन से लेकर भ्रष्टाचार तक के आरोप विपक्ष लगा रहा है, और विपक्ष इस मैसेज को जनता तक पहुंचाने में कहीं न कहीं सफल नजर आता है, और इसी के चलते बीजेपी सावरकर की तस्वीर को मुद्दा बना पूरी बहस को अलग रूप देना चाहती है.
प्रदेश में माहौल बनाना:
जिस तरीके से बीजेपी ने गुजरात चुनाव से पहले, बिलकिस बानो केस के दोषियों को रिहा...
कर्नाटक में सरकार द्वारा विधानसभा हाॅल में वीर सावरकर की तस्वीर लगाने को लेकर, राज्य में विपक्ष की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा काटा, और सरकार के इस फैसले की आलोचना की .
क्या है मामला ?
कर्नाटक राज्य में बीजेपी की सरकार है. और हाल ही में विधानसभा की भी शुरुआत होने वाली है, लेकिन सत्र शुरु होने से पहले ही प्रदेश की राज्य सरकार और विपक्ष में नोक झोंक शुरु हो गई है. और इस नोक झोंक का कारण बनी है, कर्नाटक विधानसभा हाॅल में लगी सावरकर की तस्वीर.
कांग्रेस का कहना है कि गांधी की हत्या में शामिल व्यक्ति की तस्वीर विधानसभा हाॅल में नहीं लगाई जा सकती। कांग्रेस का यह भी कहना है कि हमारे देश में और भी महापुरुष हैं. सरकार वीर सावरकर की ही क्यों लगाती है. इसी के चलते कांग्रेस नेताओं ने अनेकों महापुरुषों की तस्वीरों को लेकर सरकार से मांग की कि वो इन तस्वीरों को भी विधानसभा हाॅल में लगाए .
बीजेपी के इस फैसले के पीछे के सियासी कारण ?
2023 विधानसभा चुनाव :
अगले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं, और प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को एंटी इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ सकता है. और सरकार के ऊपर करपशन से लेकर भ्रष्टाचार तक के आरोप विपक्ष लगा रहा है, और विपक्ष इस मैसेज को जनता तक पहुंचाने में कहीं न कहीं सफल नजर आता है, और इसी के चलते बीजेपी सावरकर की तस्वीर को मुद्दा बना पूरी बहस को अलग रूप देना चाहती है.
प्रदेश में माहौल बनाना:
जिस तरीके से बीजेपी ने गुजरात चुनाव से पहले, बिलकिस बानो केस के दोषियों को रिहा करके, अपने हिंदू वोट बैंक को साधने के प्रयास के साथ-साथ, प्रदेश में एक माहौल को जन्म देने की कोशिश की थी, और इसका परिणाम नतीजों में साफ दिखाई पड़ा. और अब वैसे ही बीजेपी, कर्नाटक में सावरकर की तस्वीर के द्वारा एक माहौल बनाने की जद्दोजहद में है, ताकी जनता काम और विकास की जगह उसी में व्यस्त रहे की तस्वीर लगानी चाहिए या नहीं .
महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद के मुद्दे को फोकस से हटाना :
कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में, बीजेपी की सरकार है. और दिन प्रतिदिन विवाद बढ़ता ही जा रहा है, और विपक्ष इस मुद्दे को लगातार जनता के बीच भुना रहा है, और इसको लेकर बीजेपी की केंद्र सरकार भी चिंतित है कि, किसकी सुने महाराष्ट्र की या कर्नाटक की. और केंद्र की एक भूल, विपक्ष को सत्ता की चाभी दिला सकती है. और इसलिए बीजेपी सावरकर की तस्वीर के मुद्दे को उछाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद के मुद्दे को दबाना चाहती है, क्योंकि अगले साल कर्नाटक में चुनाव है.
इस विवाद पर कांग्रेस का क्या कहना है ?
कांग्रेस का कहना है कि सरकार नहीं चाहती कि विधानसभा में सदन की कार्यवाही चले, इसलिए प्रदेश में मौजूदा बीजेपी सरकार खुद सदन की कार्यवाही में अशांति का माहौल बनाना चाहती है. कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक डीके शिवकुमार ने कहा कि, हम सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले उठाना चाहते थे, इसलिए सरकार वीर सावरकर की तस्वीर को लेकर आ गई है, जिससे साफ पता चलता है की सरकार को विकास के मुद्दों से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है.
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