मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (jjain) में गिरफ्तार हुए उत्तर प्रदेश के दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) को यूपी पुलिस ने कानपुर के पास एक एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) में मार गिराया है. विकास दुबे कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद से फरार चल रहा था, बता दें कि विकास दुबे और उसके आदमियों ने उसके घर दबिश देने आई पुलिस पर गोलियों की बौछार कर उन्हें मौत के घाट उतारा था. एनकाउंटर पर अपने तर्क पेश करते हुए यूपी पुलिस ने कहा है कि जैसे ही पुलिस विकास को लेकर कानपुर (Kanpur) पहुंची उसने भागने की कोशिश की. बता दें कि एनकाउंटर कानपूर के पास सचेंदी बॉर्डर पर हुआ है जिसमें दो पुलिस कॉन्स्टेबल्स को भी चोटें आई हैं. पुलिस की गोलियां विकास को लगीं जिनसे उसकी मौत हो गयी.
आइये नजर डालें विकास दुबे मामले की विस्तृत टाइमलाइन पर और ये समझे कि बीते एक सप्ताह से पुलिस की नाक में दम करने वाला विकास दुबे इस मुकाम पर पहुंचा तो पहुंचा कैसे?
3 जुलाई
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद विकास दुबे अपने गांव से फरार हो जाता है. करीब 60 अलग अलग गंभीर मामलों के लिए तलाशे जा रहे उत्तर प्रदेश के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को सूचना मिली थी कि उसे गिरफ्तार करने के लिए एक पुलिस टीम उसके गांव आ रही है. विकास को पकड़ने जैसे ही पुलिस उसके गांव पहुंची उसके साथियों ने उनपर फायरिंग शुरू कर दी जिससे पुलिस वालों की मौत हो गयी.
4 जुलाई
उत्तर प्रदेश पुलिस की अलग अलग 25 टीमों ने विकास दुबे की तलाश शुरू की.
पुलिस की तरफ से ये बयान भी आए कि एक अलग सर्विलांस टीम विकास दुबे से जुड़ी किसी भी...
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (jjain) में गिरफ्तार हुए उत्तर प्रदेश के दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) को यूपी पुलिस ने कानपुर के पास एक एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) में मार गिराया है. विकास दुबे कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद से फरार चल रहा था, बता दें कि विकास दुबे और उसके आदमियों ने उसके घर दबिश देने आई पुलिस पर गोलियों की बौछार कर उन्हें मौत के घाट उतारा था. एनकाउंटर पर अपने तर्क पेश करते हुए यूपी पुलिस ने कहा है कि जैसे ही पुलिस विकास को लेकर कानपुर (Kanpur) पहुंची उसने भागने की कोशिश की. बता दें कि एनकाउंटर कानपूर के पास सचेंदी बॉर्डर पर हुआ है जिसमें दो पुलिस कॉन्स्टेबल्स को भी चोटें आई हैं. पुलिस की गोलियां विकास को लगीं जिनसे उसकी मौत हो गयी.
आइये नजर डालें विकास दुबे मामले की विस्तृत टाइमलाइन पर और ये समझे कि बीते एक सप्ताह से पुलिस की नाक में दम करने वाला विकास दुबे इस मुकाम पर पहुंचा तो पहुंचा कैसे?
3 जुलाई
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद विकास दुबे अपने गांव से फरार हो जाता है. करीब 60 अलग अलग गंभीर मामलों के लिए तलाशे जा रहे उत्तर प्रदेश के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को सूचना मिली थी कि उसे गिरफ्तार करने के लिए एक पुलिस टीम उसके गांव आ रही है. विकास को पकड़ने जैसे ही पुलिस उसके गांव पहुंची उसके साथियों ने उनपर फायरिंग शुरू कर दी जिससे पुलिस वालों की मौत हो गयी.
4 जुलाई
उत्तर प्रदेश पुलिस की अलग अलग 25 टीमों ने विकास दुबे की तलाश शुरू की.
पुलिस की तरफ से ये बयान भी आए कि एक अलग सर्विलांस टीम विकास दुबे से जुड़ी किसी भी जानकारी या सूचना के लिए अलग अलग 500 मोबाइल फोन को स्कैन कर रही है.
शुरुआत में ही विकास दुबे पर 50,000 रुपए का ईनाम रख दिया गया साथ ही चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी को इसलिए ससपेंड कर दिया गया क्योंकि उन्होंने ही विकास दुबे से पुलिस टीम के आने की मुखबिरी की थी.
5 जुलाई
5 जुलाई को पुलिस की तरफ से कहा गया कि विकास दुबे इधर उधर घूमने के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल करता था, लखनऊ पुलिस ने अपनी छापेमारी में विकास दुबे के घर से एक सरकारी गाड़ी को बरामद भी किया. पुलिस के अनुसार विकास दुबे इस गाड़ी में इसलिए घूमता था ताकि वो लोगों को दिखा सके कि उसे सरकारी संरक्षण हासिल है और ये गाड़ी खुद उसे शासन ने मुहैया कराई है.
इस बीच खबर ये भी है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बड़ी साजिश बताया है और कहा है कि यूपी के जंगलराज में कोई भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने इस एनकाउंटर के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तीखी आलोचना की है.
उसी दिन विकास दुबे की मां सरला देवी ने कहा कि विकास जहां कहीं भी है उसे ढूंढकर मार दिया जाए. इसी दिन पुलिस ने विकास दुबे के एक करीबी दया शंकर अग्निहोत्री को भी उस वक़्त गिरफ्तार किया जब वो गोली लगने के बाद घायल हुआ.
6 जुलाई
विकास दुबे के करीबी दया शंकर अग्निहोत्री ने पुलिस से कन्फर्म किया कि घटना (पुलिस छापे ) से पहले उसके पास एक फ़ोन आया था जिसमें इस बात की जानकारी थी कि उसके घर कुछ ही देर बाद पुलिस छापा डालने वाली है.
पड़ताल में पुलिस को इस बात की भी जानकरी मिली कि चौबेपुर के एसओ ने विकास दुबे को इस बात की जानकारी दी कि वो इलाके की लाइट काट दें जिससे पुलिस टीम विकास दुबे और उनके साथियों पर फायरिंग न कर पाए.
इस बात की तस्दीख होने के बाद कि चौबेपुर के एसओ ने मुखबिरी की है, चौबेपुर थाने के अद्धिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और उनपर जांच बैठा दी गई. इस समय तक विकास दुबे के सिर पर रखा ईनाम भी बढ़ाकर 2.5 लाख कर दिया गया.
7 जुलाई
पुलिस ने विकास दुबे के भाई की पत्नी, पड़ोसी और कामवाली को गिरफ्तार किया. जिनकी पहचान शामा, सुरेश और रेखा के रूप में हुई. पुलिस से प्राप्त जानकरी पर अगर यकीन करें तो मिलता है कि जिस वक़्त विकास के गांव में शूट आउट हुआ उस वक़्त ये सभी लोग विकास के साथ उसी के घर पर मौजूद थे. बताया जा रहा है कि विकास दुबे से संबंध रखने के कारण पुलिस ने 200 पुलिसवालों पर जांच शुरू कर दी है.
8 जुलाई
विकास दुबे ने धर पकड़ करने गयी पुलिस को उस वक़्त छला जब वो फरीदाबाद स्थित होटल से भागा. यूपी एसटीएफ को सूचना मिली कि विकास दुबे अपने साथियों के साथ फरीदाबाद के एक होटल में छिपा है जब तक एसटीएफ के लोग मौके पर पहुंचते विकास दुबे वहां से फरार हो गया.
इसी बीच पुलिस ने विकास के एक साथी को गिरफ्तार किया जिसने पुलिस को बताया कि फरारी से पहले विकास दुबे वहीं फरीदाबाद के होटल में मौजूद था. इसी बीच पुलिस ने विकास दुबे के करीबी अमन दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया.
इस समय तक विकास दुबे के सिर पर रखे ईनाम को बढ़ाकर 5 लाख कर दिया। साथ ही पुलिस ने चौबेपुर के एसएचो और एस आई को विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया. इसी दिन पुलिस ने मध्य प्रदेश में विकास दुबे के भाई को भी गिरफ्तार किया.
9 जुलाई
विकास दुबे के दो और करीबियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जिनकी पहचान प्रभात मिश्रा और रणबीर शुक्ला के रूप में हुई जिन्हें पुलिस ने अलग अलग एनकाउंटर में मार गिराया। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने भी भागने की कोशिश की थी.
घटना के 6 दिन बाद बड़े ही नाटकीय ढंग से विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया. यहां भी दुबे ने पुलिस को यही बताया कि कि उसे पुलिस के ही सूत्रों से जानकारी मिली थी कि कानपूर स्थित उसके घर पर पुलिस छापा मारने वाली है.
प्रारंभिक पूछताछ में विकास दुबे ने पुलिस को ये भी बताया कि उसने छापा मारने आई पुलिस टीम पर गोली इसलिए चलाई क्योंकि उसे इस बात का शक था कि उसका एनकाउंटर हो जाएगा. विकास ने पुलिस को ये भी बताया कि उसने मारे पुलिस वालों की बॉडी को ठिकाने लगाया. साथ ही उसका प्लान उन्हें जलाने का भी था पर उसे समय नहीं मिला.
यूपी पुलिस ने एमपी पुलिस से विकास को अपनी कस्टडी में लिया ताकि वो उसे कानपुर ला सकें. उधर लखनऊ पुलिस ने विकास की पत्नी, बेटे और नौकर को भी गिरफ्तार किया. विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे को यूपीएसटीएफ ने लखनऊ के कृष्णा नगर से गिरफ्तार किया. पुलिस ने कहा कि इन लोगों पर विकास देने के चार्ज लगाए गए हैं.
10 जुलाई
विकास दुबे जिसे उज्जैन से गिरफ्तार किया गया उसने कानपुर के पास भागने की कोशिश की जिसपर एक्शन लेते हुए पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया. बताया जा रहा है कि जिस वाहन से विकास को यूपीएसटीएफ द्वारा कानपुर वापस लाया जा रहा था उसने अपना नियंत्रण खो दिया जिसपर विकास को भागने का मौका मिल गया मगर पुलिस ने भी चुस्ती दिखाते हुए उसे मार गिराया.
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