विकास दुबे (Vikas Dubey Encounter) को जन्म देने वाले माता पिता तो श्मशान से भी दूर रहे, लेकिन उसकी पत्नी रिचा दुबे कानपुर के भैरव घाट पहुंची थी. मीडिया के सवालों के जवाब में रिचा ने ये तो माना कि विकास का जिस तरह अंत हुआ वो ठीक था, लेकिन फिर भड़क भी गयी. मीडियाकर्मियों को अपशब्द भी कहे और सबके साथ हिसाब बराबर करने की बात करने लगी.
रिचा दुबे (Richa Dubey) ने यहां तक कह डाला कि अगर जरूरत पड़ी तो वो बंदूक (Gun for Revenge) भी उठा सकती है!
कानपुर शूटआउट के बाद जब विकास दुबे फरार चल रहा था तो यूपी पुलिस की एसटीएफ ने रिचा को भी हिरासत में ले रखा था. दरअसल, रिचा को भी विकास दुबे के कारनामों में भागीदार माना जा रहा था. हालांकि, जब विकास दुबे को एनकाउंटर में मार दिया गया, करीब 16 घंटे बाद एसटीएफ ने विकास दुबे के गुनाहों में रिचा का हाथ न होने की बात कह कर उसे छोड़ दिया था.
अब जबकि रिचा बंदूक तक उठाने की बात करने लगी है - आखिर वे कौन लोग हैं जो उसके निशाने पर हैं और वो उनसे बदला लेना चाहती है.
कौन है रिचा के निशाने पर?
कानपुर के भैरव घाट पर विकास दुबे का अंतिम संस्कार हुआ जिसमें पत्नी रिचा और छोटे बेटे के अलावा कुछ रिश्तेदार भी शामिल हुए. उसी दौरान रिचा ने मीडिया के सवालों के जवाब दिये. शुरुआती सवालों के बाद उसका गुस्सा बढ़ता गया और वो अपशब्द भी कहने लगी.
रिचा से पूछा गया - 'क्या विकास दुबे के साथ जो हुआ वो सही हुआ?'
रिचा का जवाब था - 'हां सही हुआ.'
जब कुछ और सवाल हुए तो वो भड़क गयी. बोली, 'पहले मरवाते हो फिर मुंह चलाने आते हो.'
एक और सवाल था - 'विकास ने मर्डर नहीं किये थे क्या?'
ये सवाल सुन कर रिचा आपे से बाहर हो गयी, 'करेगा तो... तू कौन होता है बोलने वाला.'
फिर बोली, 'जिसने गलती करी उसे सजा मिलेगी, ये मैं कह रही हूं... वक्त आने पर मैं सबका हिसाब करूंगी... सबको ठीक करूंगी - जरूरत पड़ने पर बंदूक भी उठाऊंगी.'
विकास दुबे के पिता रामकुमार दुबे बिकरू गांव...
विकास दुबे (Vikas Dubey Encounter) को जन्म देने वाले माता पिता तो श्मशान से भी दूर रहे, लेकिन उसकी पत्नी रिचा दुबे कानपुर के भैरव घाट पहुंची थी. मीडिया के सवालों के जवाब में रिचा ने ये तो माना कि विकास का जिस तरह अंत हुआ वो ठीक था, लेकिन फिर भड़क भी गयी. मीडियाकर्मियों को अपशब्द भी कहे और सबके साथ हिसाब बराबर करने की बात करने लगी.
रिचा दुबे (Richa Dubey) ने यहां तक कह डाला कि अगर जरूरत पड़ी तो वो बंदूक (Gun for Revenge) भी उठा सकती है!
कानपुर शूटआउट के बाद जब विकास दुबे फरार चल रहा था तो यूपी पुलिस की एसटीएफ ने रिचा को भी हिरासत में ले रखा था. दरअसल, रिचा को भी विकास दुबे के कारनामों में भागीदार माना जा रहा था. हालांकि, जब विकास दुबे को एनकाउंटर में मार दिया गया, करीब 16 घंटे बाद एसटीएफ ने विकास दुबे के गुनाहों में रिचा का हाथ न होने की बात कह कर उसे छोड़ दिया था.
अब जबकि रिचा बंदूक तक उठाने की बात करने लगी है - आखिर वे कौन लोग हैं जो उसके निशाने पर हैं और वो उनसे बदला लेना चाहती है.
कौन है रिचा के निशाने पर?
कानपुर के भैरव घाट पर विकास दुबे का अंतिम संस्कार हुआ जिसमें पत्नी रिचा और छोटे बेटे के अलावा कुछ रिश्तेदार भी शामिल हुए. उसी दौरान रिचा ने मीडिया के सवालों के जवाब दिये. शुरुआती सवालों के बाद उसका गुस्सा बढ़ता गया और वो अपशब्द भी कहने लगी.
रिचा से पूछा गया - 'क्या विकास दुबे के साथ जो हुआ वो सही हुआ?'
रिचा का जवाब था - 'हां सही हुआ.'
जब कुछ और सवाल हुए तो वो भड़क गयी. बोली, 'पहले मरवाते हो फिर मुंह चलाने आते हो.'
एक और सवाल था - 'विकास ने मर्डर नहीं किये थे क्या?'
ये सवाल सुन कर रिचा आपे से बाहर हो गयी, 'करेगा तो... तू कौन होता है बोलने वाला.'
फिर बोली, 'जिसने गलती करी उसे सजा मिलेगी, ये मैं कह रही हूं... वक्त आने पर मैं सबका हिसाब करूंगी... सबको ठीक करूंगी - जरूरत पड़ने पर बंदूक भी उठाऊंगी.'
विकास दुबे के पिता रामकुमार दुबे बिकरू गांव में ही रहते हैं और मकान ढहाने से पहले उनको बाहर जाने को बोल दिया गया था. विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पत्रकारों से बोले, 'हां तो ठीक किया... मान लो जब तुम दीवार में सिर दे मारोगे...तो सिर ही फूटेगा, दीवार थोड़े गिरेगी...'
विकास दुबे का बड़ा बेटा दादी से मिलने लखनऊ पहुंचा था. घर में वो जा पाता उससे पहले ही पुलिस ने उठा लिया, लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ भी दिया. कहते हैं वो विदेश में कहीं एमबीबीएस कर रहा है. विकास के छोटे बेटे को भी पुलिस उसकी पत्नी रिचा के साथ ही पकड़ कर ले गयी थी, लेकिन बाद में छोड़ भी दिया. पुलिस के मुताबिक विकास दुबे के आपराधिक कृत्यों में परिवार का कोई हाथ नहीं है. पुलिस का ये दावा भी थोड़ा अटपटा लगता है.
साथ ही, रिचा का ये कहना कि सबको ठीक कर देंगे, हिसाब बराबर करेंगे और जरूरत पड़ी तो बंदूक भी उठाएंगे - कई तरह के सवाल खड़े करता है.
हिसाब बराबर करने का मतलब क्या है
कानपुर शूटआउट को लेकर लिखी गई पहली एफआईआर में 21 लोग नामजद हैं, जबकि 60-70 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस की कार्रवाई में अब तक विकास दुबे सहित 6 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं और दो पुलिसकर्मियों विनय तिवारी और के के शर्मा सहित 14 लोग जेल भेजे गये हैं.
एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबकि विकास दुबे गैंग के 12 बदमाशों की पुलिस को अब भी तलाश है, जिनमें दो के ऊपर एक-एक लाख का इनाम है, जबकि बाकी 10 अपराधियों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया गया है. यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर के रहने वाले ऐसे दो लोगों को गिरफ्तार किया जिन पर आरोप है कि विकास दुबे के फरार साथी शशिकांत और शिवम दुबे को पनाह देने वाले ये लोग ही थे.
रिचा जिस तरह की बातें कर रही है वो किसी डील में किसी के पीछे हट जाने का इशारा करता है. निश्चित तौर पर रिचा विकास दुबे के एनकाउंटर तक पहुंचने के लिए भी कइयों को जिम्मेदार मानती होगी, लेकिन वो उसे सही भी ठहरा रही है. शायद इसलिए क्योंकि पहले उसे ये सब पसंद नहीं था. 2001 में जब विकास दुबे ने थाने में घुस कर बीजेपी नेता संतोष शुक्ला की हत्या की थी, रिचा को ठीक नहीं लगा और वो मायके चली गयी थी. बताते हैं उस दौरान रिचा के भाई ने उसे भड़काया भी कि विकास दुबे हत्या के मामले में जेल गया है और उम्रकैद की सजा तो होनी ही, ऐसे में उसका लौटना मुश्किल है.
मगर, उसका उलटा हो गया. विकास दुबे कोर्ट से बरी होकर लौटा और पाया कि उसका साला उसकी संपत्तियां बेचने लगा है. फिर विकास के धमकाने पर रिचा भी लौट आयी और तब से साथ रहने लगी. हालांकि, बाद में रिचा लखनऊ के कृष्णानगर में रहने लगी थी, जबकि विकास दुबे कानपुर के बिकरू गांव से अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहा.
एनकाउंटर से पहले तक विकास दुबे के भीतर डर जैसी कोई चीज किसी ने महसूस नहीं की. महाकाल मंदिर की सिक्योरिटी इंचार्ज रुबी यादव का तो यही मानना था. वो ये भी बताता रहा कि उसके पास बहुत पैसा है. उज्जैन से कानपुर के रास्ते में भी विकास दुबे रास्ते भर पुलिसवालों को धमकाता रहा कि कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा.
विकास दुबे को एसटीएफ ने 2017 में एक हत्या और एक अफसर की पिटाई के सिलसिले में पकड़ा था. रिचा ने एसटीएफ की रेड का वीडियो बना लिया था. जब उसे लगा कि एसटीएफ विकास का एनकाउंटर कर देगी तो उसने वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया. ये वीडियो के वायरल होने का ही असर हो सकता है कि अगले ही दिन विकास को जेल भेज दिया गया. रिचा को लेकर पुलिस का दावा भी विकास दुबे के एनकाउंटर की कहानी जैसा ही लगता है. पहले पुलिस सूत्रों के जरिये ही खबर आयी थी कि विकास दुबे के घर में कई सीसीटीवी कमरे लगे थे और वे विकास दुबे और रिचा के मोबाइल से जुड़े थे. ये सारे इंतजाम विकास दुबे ने अपनी सुरक्षा के साथ साथ एनकाउंटर वैक्सीन के तौर पर कर रखा था. जब पुलिस ने बिकरू गांव में विकास दुबे का मकान ढहा दिया तो सीसीटीवी भी उसी में खत्म हो गये और उसका रिकॉर्डर भी पुलिस के हाथ नहीं लगा. हो सकता है पुलिस ने उस ऐंगल से दूरी बना ली हो और रिचा को छोड़ दिया हो.
विकास को राजनीतिक संपर्को की जरूरत तो खुद के लिए रक्षा कवच जैसी ही होगी, लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी रही होंगी. रिचा की भी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं निश्चित तौर पर रही होंगी. चुनाव तो वो लड़ ही चुकी है. हो सकता है आगे की भी तैयारी हो लेकिन ये सब पहले ही हो गया - और बंदूक उठाने की बातें ऐसी ही चीजों से जुड़ी हुई हो सकती हैं.
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