2014 के बाद से भाजपा द्वारा जीत दर्ज करने का जो सिलसिला शुरू हुआ है वो थमने का नाम नहीं ले रहा. विजय का परचम किन कारणों के तहत लहरा रहा है? इसका सीधा जवाब है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह. नरेंद्र मोदी एक कुशल वक्ता के तौर पर विपक्ष से मोर्चा लेते हैं तो वहीं रणनीति बनाने के मामले में अमित शाह का कोई जवाब नहीं है. पार्टी की विजय को लेकर जैसी रणनीति अमित शाह की है शायद ही आजके राजनीतिक परिदृश्य में उसका तोड़ किसी अन्य राजनेता के पास हो. राजनीति के प्रति जैसा रवैया अमित शाह का है और जैसे उनके अंदर जीत की भूख है एक बड़ा वर्ग उन्हें भाजपा के चाणक्य कीसंज्ञा देकर उनका महिमामंडन करता है. अब सवाल है कि अमित शाह के लिए क्या चाणक्य की भूमिका निभा पाना उतना ही आसान है जितना वो दिखाई देता है? जवाब है नहीं. वर्तमान राजनीति में जिस रोल में अमित शाह है उन्हें हर पल अपनी आंख और कान खुले रखने पड़ते है. अमित शाह ख़ुद बड़ी ही सख्ती के साथ इसका पालन करते हैं. अमित शाह की तमिलनाडु की एक रैली का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने बता दिया है कि चाणक्य का चैतन्य रहना जरूरी है. जबकि राहुल गांधी ऐसे ही मौकों पर मजाक बन जाते हैं.
चुनाव प्रचार के सिलसिले में तमिलनाडु के विलुप्पुरम में जनसभा को संबोधित करते हए अमित शाह ने डीएमके और कांग्रेस को खूब जमकर आड़े हाथों लिया. शाह ने 2G, 3G, 4G के जरिये मारन, करुणानिधि और कांग्रेस परिवार पर जमकर हमला बोला.मंच पर शाह हिंदी में भाषण दे रहे थे जिसका अनुवाद, अनुवादक तमिल में कर रहा था. अमित शाह चौकन्ने थे उन्हें महसूस हुआ कि उनके सामने ही उनकी कही पूरी बातों को जनता तक नहीं पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने ट्रांसलेटर...
2014 के बाद से भाजपा द्वारा जीत दर्ज करने का जो सिलसिला शुरू हुआ है वो थमने का नाम नहीं ले रहा. विजय का परचम किन कारणों के तहत लहरा रहा है? इसका सीधा जवाब है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह. नरेंद्र मोदी एक कुशल वक्ता के तौर पर विपक्ष से मोर्चा लेते हैं तो वहीं रणनीति बनाने के मामले में अमित शाह का कोई जवाब नहीं है. पार्टी की विजय को लेकर जैसी रणनीति अमित शाह की है शायद ही आजके राजनीतिक परिदृश्य में उसका तोड़ किसी अन्य राजनेता के पास हो. राजनीति के प्रति जैसा रवैया अमित शाह का है और जैसे उनके अंदर जीत की भूख है एक बड़ा वर्ग उन्हें भाजपा के चाणक्य कीसंज्ञा देकर उनका महिमामंडन करता है. अब सवाल है कि अमित शाह के लिए क्या चाणक्य की भूमिका निभा पाना उतना ही आसान है जितना वो दिखाई देता है? जवाब है नहीं. वर्तमान राजनीति में जिस रोल में अमित शाह है उन्हें हर पल अपनी आंख और कान खुले रखने पड़ते है. अमित शाह ख़ुद बड़ी ही सख्ती के साथ इसका पालन करते हैं. अमित शाह की तमिलनाडु की एक रैली का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने बता दिया है कि चाणक्य का चैतन्य रहना जरूरी है. जबकि राहुल गांधी ऐसे ही मौकों पर मजाक बन जाते हैं.
चुनाव प्रचार के सिलसिले में तमिलनाडु के विलुप्पुरम में जनसभा को संबोधित करते हए अमित शाह ने डीएमके और कांग्रेस को खूब जमकर आड़े हाथों लिया. शाह ने 2G, 3G, 4G के जरिये मारन, करुणानिधि और कांग्रेस परिवार पर जमकर हमला बोला.मंच पर शाह हिंदी में भाषण दे रहे थे जिसका अनुवाद, अनुवादक तमिल में कर रहा था. अमित शाह चौकन्ने थे उन्हें महसूस हुआ कि उनके सामने ही उनकी कही पूरी बातों को जनता तक नहीं पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने ट्रांसलेटर को बीच में ही टोका फिर जाकर ट्रांसलेटर ने पूरी बात जनता तक पहुंचाई.
इंटरनेट पर जो वीडियो वायरल हुआ है उसका अवलोकन करें तो मिलता है कि मंच पर मौजूद अमित शाह विपक्ष और पूर्व की राज्य सरकारों पर रीखे हमले कर रहे हैं. वीडियो में जनता से मुखातिब हुए अमित शाह कह रहे हैं कि वैसे देखे तो 2जी, 3जी, 4जी सारा आपके तमिलनाडु के अंदर है. 2जी मतलब मारन परिवार की दो पीढ़ियां, 3जी मतलब करुणानिधि परिवार की तीन पीढ़ियां और 4जी का मतलब गांधी परिवार की 4 पीढ़ियां, सारा का सारा हमें यहां तमिलनाडु में मिलता है. इसके बाद अनुवादक अमित शाह की इन बातों का अनुवाद तो करते हैं लेकिन वो बातें नहीं कहते जो अमित शाह ने कहीं.
इस दौरान अमित शाह बहुत चौकन्ने थे उन्होंने मंच से ही अनुवादक को टोका और सही सही अनुवाद करने को बोला. वीडियो में अमित शाह अनुवादक से कह रहे हैं कि, आप ठीक से ट्रांसलेशन करो भाई.अमित शाह के इस अंदाज ने अनुवादक को भी सकते में डाल दिया फिर उसने अमित शाह की बातों को सही तरह से जनता के सामने पेश किया.
ध्यान रहे अमित शाह गुजराती हैं. तमिल भाषा से उनका दूर दूर तक कोई नाता नहीं है. फिर भी जिस तरह से अमित शाह ने अनुवादक की गलतियों को न केवल पकड़ा बल्कि उसे सही कराया वो उनको गंभीरता दर्शाता है. अमित शाह के इस वीडियो पर भांति भांति की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और लोग यही कह रहे हैं कि इसी चैतन्य के कारण अमित शाह मोटा भाई कहलाते हैं.
यूजर्स ने अमित शाह के इस वीडियो को आधार बनाकर कांग्रेस पार्टी के पूर्वाध्यक्ष और वर्तमान में पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गांधी को भी नसीहत की है कि उन्हें शाह से सीख लेनी चाहिए. ऐसे ही मौकों पर राहुल गांधी मजाक बन जाते हैं.
तमिलनाडु में जल्द ही चुनाव होने हैं और जिस तरह राहुल गांधी से लेकर अमित शाह का दौरा चल रहा है और जिस तरह दोनों ही दल आरोप प्रत्यारोप की रराजनीति कर रहे हैं साफ़ हो जाता है कि चाहे भाजपा हो या फिर कांग्रेस कोई किसी से उन्नीस नहीं दिखना चाहता। बाकी बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की हुई है तो जिस तरह उन्होंने ट्रांसलेटर की गलती पकड़ी ये खुद में साफ़ है कि किसी अन्य राज्य की तरह शाह तमिलनाडु चुनाव के प्रति गंभीर और बहुत संभल-संभल कर खेल रहे हैं.
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