आखिरकार वो हो ही गया जिसका अंदाजा पाकिस्तान के साथ साथ पूरी दुनिया को था. पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेता, इमरान खान को पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के लिए अदालत में पेश होने के दौरान गिरफ्तार किया गया. अपनी गिरफ़्तारी से पहले इमरान ने एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो में, उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात की, जिसे 'ब्रिगेडियर' या फि 'डर्टी हैरी' कहा जाता था. इमरान ने दावा किया कि डर्टी हैरी ही वो व्यक्ति था जो पूर्व में उन पर हुए हत्या के प्रयासों का जिम्मेदार है. अपने वीडियो में इमरान ने ये आरोप भी लगाए कि डर्टी हैरी ने ही पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या करवाई. अपनी बातों को वजन देने के लिए इमरान ने अरशद शरीफ की मां द्वारा लिखे एक पत्र का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने भी 'डर्टी हैरी' को जिम्मेदार ठहराया था.
बताते चलें कि शरीफ की मां रिफत आरा अल्वी ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने बेटे अरशद की हत्या की जांच के लिए एक उच्च अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध किया गया था.
पत्र उन विकट परिस्थितियों पर प्रकाश डालता है जिसके तहत पत्रकार अरशद शरीफ को पिछले साल अप्रैल में इमरान खान को अपदस्थ करने वाले 'अविश्वास प्रस्ताव' पर राजनीति में पाकिस्तान की सेना की भागीदारी के लिए आलोचना करने के बाद गोली मार दी गई थी.
अरशद शरीफ, जो पाकिस्तानी...
आखिरकार वो हो ही गया जिसका अंदाजा पाकिस्तान के साथ साथ पूरी दुनिया को था. पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेता, इमरान खान को पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के लिए अदालत में पेश होने के दौरान गिरफ्तार किया गया. अपनी गिरफ़्तारी से पहले इमरान ने एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो में, उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात की, जिसे 'ब्रिगेडियर' या फि 'डर्टी हैरी' कहा जाता था. इमरान ने दावा किया कि डर्टी हैरी ही वो व्यक्ति था जो पूर्व में उन पर हुए हत्या के प्रयासों का जिम्मेदार है. अपने वीडियो में इमरान ने ये आरोप भी लगाए कि डर्टी हैरी ने ही पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या करवाई. अपनी बातों को वजन देने के लिए इमरान ने अरशद शरीफ की मां द्वारा लिखे एक पत्र का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने भी 'डर्टी हैरी' को जिम्मेदार ठहराया था.
बताते चलें कि शरीफ की मां रिफत आरा अल्वी ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने बेटे अरशद की हत्या की जांच के लिए एक उच्च अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध किया गया था.
पत्र उन विकट परिस्थितियों पर प्रकाश डालता है जिसके तहत पत्रकार अरशद शरीफ को पिछले साल अप्रैल में इमरान खान को अपदस्थ करने वाले 'अविश्वास प्रस्ताव' पर राजनीति में पाकिस्तान की सेना की भागीदारी के लिए आलोचना करने के बाद गोली मार दी गई थी.
अरशद शरीफ, जो पाकिस्तानी सरकार के घोर आलोचक थे, उन्हें लगातार धमकियां थीं. जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया था. उनका ठिकाना सार्वजनिक रूप से ज्ञात नहीं था. केन्या में गोली लगने से पहले उनके ज्यादातर दोस्त केवल इतना जानते थे कि उन्होंने अरशद, दुबई और लंदन में रह रहे हैं. पत्र में 'शक्तिशाली सैन्य घेरे' का जिक्र है, जिसकी जांच तत्कालीन चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम और अरशद शरीफ कर रहे थे. नतीजतन, अरशद को ब्रिगेडियर मुहम्मद शफीक मलिक उर्फ 'गांजा शैतान', ब्रिगेडियर फहीन रजा और आईएसआई मेजर जनरल फैसल नसीर से मौत की धमकियां मिल रही थीं.
इमरान खान और डर्टी हैरी उर्फ़ फैसल नसीर क्यों दुश्मन हुए? इसकी वजह भी कम रोचक नहीं है. दरअसल इमरान खान ने पिछले साल नवंबर में पंजाब प्रांत के वजीराबाद में अपनी हत्या के प्रयास को अंजाम देने के लिए सार्वजनिक रूप से फैसल नसीर के अलावा के अलावा प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह पर आरोप लगाया था, बता दें कि इस हमले में इमरान के पैर में तीन गोलियां लगी थीं. इमरान ने आरोप लगाया है कि 'शीर्ष आईएसआई अधिकारी', जिसने उन्हें दो बार मारने की कोशिश की, पत्रकार अरशद शरीफ की नृशंस हत्या में भी शामिल था. इससे पहले उन्होंने यह भी कहा था कि सेना प्रमुख पाकिस्तान की राजनीति में सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं और देश के "भ्रष्ट माफियाओं" का पक्ष लेने के लिए सैन्य "सर्कल" को आदेश देते हैं. हर कोई उनके फैसलों का पालन करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह सत्ता में वापस न आए.
क्या है 'डर्टी हैरी' की पावर में आने की कहानी
फैसल नसीर को 1992 में पाकिस्तानी सेना में नियुक्त किया गया था. उन्हें हाल ही में ब्रिगेडियर रैंक से मेजर जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया था. बलूचिस्तान और सिंध में अपनी भूमिका के लिए नसीर को 'सुपर स्पाई ' के रूप में भी जाना जाता था. पिछले साल मेजर जनरल फैसल को डीजी (सी) नियुक्त किया गया था, जो आईएसआई के दूसरे नंबर के कमांडर हैं, जो आंतरिक सुरक्षा और प्रतिवाद संबंधी मामलों को संभालते हैं. वर्तमान में, फैसल डीजी आईएसआई के बाद पाकिस्तानी सैन्य खुफिया में सर्वोच्च रैंक पर हैं.
फैसला नसीर का नाम पहली बार पीटीआई नेता इमरान खान द्वारा तब लिया गया, जब उनके करीबी सहयोगी शाहबाज़ गिल को अगस्त 2022 को इस्लामाबाद में गिरफ्तार किया गया था. उसी समय, इमरान खान ने पहली बार 'डर्टी हैरी' का जिक्र किया था और कहा था कि यही वो शख्स है जो कथित रूप से 'फासीवादी आयातित सरकार' के पीछे है.
हाल ही में, पीटीआई नेताओं द्वारा तोशखाना मामले में इमरान खान के खिलाफ आरोपों के पीछे होने का आरोप लगाने के बाद फैसल नसीर का नाम फिर से सुर्खियों में आया था. पिछले साल पद से हटाए जाने के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ लंबित दर्जनों मामलों में से यह एक मामला है.
यह आरोप लगाया जाता है कि आधिकारिक यात्राओं के दौरान इमरान खान को अमीर अरब शासकों से महंगे उपहार मिले थे जो राज्य के भंडार तोशखाना में जमा किए गए थे. बाद में, उन्होंने कानून का पालन करते हुए उन्हें कम दरों पर खरीदा और उन्हें भारी मुनाफे पर बेच दिया. उन पर कीमती उपहारों की बिक्री से आय छिपाने का आरोप लगाया गया था.
जिक्र डर्टी हैरी का हुआ है तो बताना जरूरी है कि डर्टी हैरी या ये कहें कि फैसल नसीर की आड़ लेकर इमरान खान ने एक बड़ा दांव चला है. ये कितना कामयाब होता है इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन जैसा जनसमर्थन गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में इमरान खान को मिला है कहना गलत नहीं है कि अगर पाकिस्तान में हाल फिलहाल में चुनाव होते हैं तो इमरान को प्रचंड बहुमत मिलना तय माना जा रहा है.
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