इटली में हुए आम चुनावों में ब्रदर्स आफ इटली पार्टी ने करिश्मा रच दिया है कारण बनी हैं इसी पार्टी की नेता जियोर्जिया मेलोनी. चूंकि मेलोनी इटली के फासीवादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की विचारधारा को मानने वाली और इस्लामोफोबिक नेता हैं इसलिए इन्हें लोगों ने जमकर सपोर्ट किया.और अब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, यह पहला मौका होगा जब इटली जैसे देश में सत्ता पर किसी दक्षिणपंथी पार्टी का कब्ज़ा होगा और एक महिला ( जियोर्जिया मेलोनी) प्रधानमंत्री बनेगी. सत्ता में आने के बाद मेलोनी और उनकी पार्टी का क्या रवैया रहेगा? क्या ब्रदर्स आफ इटली पार्टी इटली के मुसलमानों का कुछ भला करेगी? जैसे सवालों पर बात करने से पहले हमारे लिए भारत पर बात कर लेना बहुत जरूरी है. भारत में जियोर्जिया मेलोनी के भाषण के वीडियो जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहे हैं. भारत में वीडियो को क्यों साझा किया जा रहा है अगर इसे समझना हो तो हमें उत्तर प्रदेश सरकार के उस फरमान को समझना होगा जिसमें पहले मदरसों फिर वक़्फ़ संपत्तियों के सर्वे की बात हुई है. चाहे वो एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन हों या फिर अलग अलग इदारों से जुड़े मुस्लिम धर्मगुरु सभी एक सुर में इस सर्वे को मुसलमानों के खिलाफ बड़ी साजिश बता रहे हैं. अब अगर हम वापस इटली चलें और मेलोनी की बातें सुनें तो मिलता है कि वो भी ऐसे ही सर्वे की पक्षधर हैं.
दरअसल पीएम बनने से पहले मेलोनी ने मर्सिआनों में आयोजित एक प्रोटेस्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. प्रोटेस्ट एक मस्जिद के खिलाफ था. मौके पर मौजूद मेलोनी ने कहा था कि हम किसी भी नयी मस्जिद का निर्माण नहीं होने देंगे. कोई भी नयी मस्जिद नहीं बनेगी जब तक हम नया कानून लेकर...
इटली में हुए आम चुनावों में ब्रदर्स आफ इटली पार्टी ने करिश्मा रच दिया है कारण बनी हैं इसी पार्टी की नेता जियोर्जिया मेलोनी. चूंकि मेलोनी इटली के फासीवादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की विचारधारा को मानने वाली और इस्लामोफोबिक नेता हैं इसलिए इन्हें लोगों ने जमकर सपोर्ट किया.और अब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, यह पहला मौका होगा जब इटली जैसे देश में सत्ता पर किसी दक्षिणपंथी पार्टी का कब्ज़ा होगा और एक महिला ( जियोर्जिया मेलोनी) प्रधानमंत्री बनेगी. सत्ता में आने के बाद मेलोनी और उनकी पार्टी का क्या रवैया रहेगा? क्या ब्रदर्स आफ इटली पार्टी इटली के मुसलमानों का कुछ भला करेगी? जैसे सवालों पर बात करने से पहले हमारे लिए भारत पर बात कर लेना बहुत जरूरी है. भारत में जियोर्जिया मेलोनी के भाषण के वीडियो जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहे हैं. भारत में वीडियो को क्यों साझा किया जा रहा है अगर इसे समझना हो तो हमें उत्तर प्रदेश सरकार के उस फरमान को समझना होगा जिसमें पहले मदरसों फिर वक़्फ़ संपत्तियों के सर्वे की बात हुई है. चाहे वो एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन हों या फिर अलग अलग इदारों से जुड़े मुस्लिम धर्मगुरु सभी एक सुर में इस सर्वे को मुसलमानों के खिलाफ बड़ी साजिश बता रहे हैं. अब अगर हम वापस इटली चलें और मेलोनी की बातें सुनें तो मिलता है कि वो भी ऐसे ही सर्वे की पक्षधर हैं.
दरअसल पीएम बनने से पहले मेलोनी ने मर्सिआनों में आयोजित एक प्रोटेस्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. प्रोटेस्ट एक मस्जिद के खिलाफ था. मौके पर मौजूद मेलोनी ने कहा था कि हम किसी भी नयी मस्जिद का निर्माण नहीं होने देंगे. कोई भी नयी मस्जिद नहीं बनेगी जब तक हम नया कानून लेकर नहीं आते. मेलोनी ने अपने इस नए कानून को सिटिज़न सेफ्टी का नाम दिया था. मेलोनी ने एक प्रोफेशनल रजिस्टर की मांग करते हुए कहा था कि इटली में कोई नयी मस्जिद तब तक नहीं बनेगी जब तक इमाम की सम्पूर्ण जानकारी न दी जाए. नमाज में क्या कहा जा रहा है ये न बताया जाए. मस्जिदों को फंडिंग कहां से हो रही है. नमाज इटैलियन भाषा में हो क्योंकि इटली मुल्क की राष्ट्रभाषा है.
मेलोनी ने जो कुछ भी कहा है उसे भारतीयों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है. और लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि भाजपा को मेलोनी और उनके दल से सबसे ज्यादा प्रेरणा लेनी चाहिए.
वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे भी तमाम लोग हैं जिनके तर्क न केवल दिलचस्प हैं बल्कि तमाम सवालों को सोचने पर मजबूर करते हैं.
मेलोनी और उनकी पार्टी के तेवर कितने तल्ख़ हैं? इसका अंदाजा उनके उस दूसरे वीडियो को देखकर बड़ी ही आसानी से लगाया जा सकता है जो ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर लगातार सुर्खियां बटोर रहा है.
वीडियो एक ऐसे प्रोग्राम का है जहां मेलोनी ने अपने भाषण के जरिये ये बताने का प्रयास किया कि अधिकारों की असली लड़ाई है क्या? अपने इस वीडियो के जरिये मेलोनी ने अलग अलग मुद्दों पर बात की है और बताया है कि मौजूदा वक़्त में इटली के लोगों के लिए एक होना क्यों जरूरी है. कह सकते हैं जैसा ये वीडियो है कहीं न कहीं ये जनता में राष्ट्रवाद की अलख भी जलाता हुआ नजर आता है.
लोग मेलोनी की बातों को पसंद कर रहे हैं और उनका ये तक मानना है कि उनकी बातों में इतनी सच्चाई है कि किसी के भी रौंगटे खड़े हो सकते हैं.
बहरहाल, बात जियोर्जिया मेलोनी को भारतीय आवाम द्वारा पसंद करने और उनके वीडियो वायरल करने की हुई है. तो ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्यों क्योंकि पहला तो सबसे बड़ा कारण इस्लमोफोबिया है इसके बाद दूसरा बड़ा कारण वो क्लैरिटी है जो लोगों को मेलोनी की बातों में मिली है. एक दक्षिणपंथी नेता के रूप में जियोर्जिया मेलोनी का कोई भी वीडियो उठा लिया जाए और उसे देखा जाए तो मिलता है कि अपने मकसद के लिए जियोर्जिया मेलोनी बिलकुल स्पष्ट हैं और उसमें कोई लाग लपेट नहीं है. एक राजनेता को हर हाल में इतना ही क्लियर होना चाहिए.
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