नागरिकता संशोधन कानून के विरोध (CAA Protest) के बीच ये आप पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain AAP) जैसों का ही खूनी डिजाइन था, जिसने उत्तर पूर्वी दिल्ली को दंगे (Delhi Riots) की चपेट में ले लिया. ताहिर के घर को दंगे का हेडक्वार्टर बना दिया था. जहां गिन-गिनक हिंदुओं को पकड़कर लाया गया, और उनकी हत्या की गई. आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा को जिस तरह मौत के घाट उतारा गया (Ankit Sharma murder), वह रोंगटे खड़े कर देता है. ताहिर हुसैन के कथित अपराधों की जो रिपोर्ट मीडिया में आई है, और अंकित शर्मा की हत्या को लेकर जो एफआईआर (Ankit Sharma Tahir Hussain FIR details) दायर की गई है वह दरिंदगी का क्रूरतम चेहरा दिखाने के लिए काफी है.
ताहिर हुसैन के कथित गुनाहों पर विस्तार से बात करेंगे, लेकिन दिल्ली दंगे में हुई मौतों का आंकड़ा (Delhi riots latest update) 35 तक पहुंच गया है. करीब 200 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. शुरुआती जांच में पता चला है कि एक बड़ी साजिश के तहत दिल्ली में ये दंगे करवाए गए हैं और दिल्ली का माहौल ख़राब करने की कोशिश की गई है. आइबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) के अंकित शर्मा की हत्या में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के पार्षद ताहिर हुसैन की भूमिका प्रमुख संदिग्ध के रूप में सामने आई है. अंकित के पिता और भाई इस हत्या के लिए पार्षद ताहिर हुसैन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. ताहिर के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर में इस हत्या का एक बड़ी साजिश का परिणाम बताया गया है. अंकिक की मौत साधारण भीड़ की हिंसा से नहीं हुई, बल्कि उसे निशाना बनाकर मारा गया है.
क्या हुआ था अंकित शर्मा के साथ
अंकित शर्मा के पिता रविंदर...
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध (CAA Protest) के बीच ये आप पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain AAP) जैसों का ही खूनी डिजाइन था, जिसने उत्तर पूर्वी दिल्ली को दंगे (Delhi Riots) की चपेट में ले लिया. ताहिर के घर को दंगे का हेडक्वार्टर बना दिया था. जहां गिन-गिनक हिंदुओं को पकड़कर लाया गया, और उनकी हत्या की गई. आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा को जिस तरह मौत के घाट उतारा गया (Ankit Sharma murder), वह रोंगटे खड़े कर देता है. ताहिर हुसैन के कथित अपराधों की जो रिपोर्ट मीडिया में आई है, और अंकित शर्मा की हत्या को लेकर जो एफआईआर (Ankit Sharma Tahir Hussain FIR details) दायर की गई है वह दरिंदगी का क्रूरतम चेहरा दिखाने के लिए काफी है.
ताहिर हुसैन के कथित गुनाहों पर विस्तार से बात करेंगे, लेकिन दिल्ली दंगे में हुई मौतों का आंकड़ा (Delhi riots latest update) 35 तक पहुंच गया है. करीब 200 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. शुरुआती जांच में पता चला है कि एक बड़ी साजिश के तहत दिल्ली में ये दंगे करवाए गए हैं और दिल्ली का माहौल ख़राब करने की कोशिश की गई है. आइबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) के अंकित शर्मा की हत्या में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के पार्षद ताहिर हुसैन की भूमिका प्रमुख संदिग्ध के रूप में सामने आई है. अंकित के पिता और भाई इस हत्या के लिए पार्षद ताहिर हुसैन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. ताहिर के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर में इस हत्या का एक बड़ी साजिश का परिणाम बताया गया है. अंकिक की मौत साधारण भीड़ की हिंसा से नहीं हुई, बल्कि उसे निशाना बनाकर मारा गया है.
क्या हुआ था अंकित शर्मा के साथ
अंकित शर्मा के पिता रविंदर शर्मा, जो खुद आईबी में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं, ने दंगों के दौरान अपने पुत्र की मौत का जिम्मेदार ताहिर हुसैन को ठहराया है. ताहिर पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए शर्मा ने कहा है कि मंगलवार शाम 4.30 बजे अंकित घर आया. वह दंगे की वजह से अपने भाई अंकुर को देखने जैसे ही घर से बाहर निकला, उसे घसीटकर ताहिर हुसैन के घर ले जाया गया. और उसकी हत्या की गई. उसकी लाश को क्षत-विक्षत करके हमारे घर से 200 मीटर दूर ही एक नाले में फेंक दिया गया. अंकित की बहन और भाई प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताते हैं कि ताहिर के घर में इसी तरह कई हिंदू लड़कों को पकड़कर लाया गया, और उनकी हत्या कर लाश नाले में फेंकी गई. अंकित के पिता कहते हैं कि उनके बेटे की हत्या के लिए ताहिर ने खासतौर पर लोगों को उकसाया था.
अब जबकि अंकित की हत्या के मामले में ताहिर का नाम सामने आ गया है तो ताहिर का बैक ग्राउंड जान लेना जरूरी हो जाता है. साथ ही उन्होंने ऐसा क्या किया जिसके चलते आज उनके कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी दोनों को शर्मिंदा होना पड़ रहा है.
कौन है ताहिर हुसैन (Who is Tahir Hussain)
नेहरू विहार (Nehru Vihar) से आम आदमी पार्टी का पार्षद ताहिर हुसैन इलाके में खासा रसूख रखता है. उसका घर नेहरू विहार के करावल नगर में है. वह पैसे के लिहाज से भी काफी मजबूत हैं. उसके घर की छत से जिस तरह पेट्रोल बम, बड़ी संख्या में पत्थर आदि बरामद हुए हैं, साफ जाहिर करता है कि वह दंगे की पूरी तैयारी करके बैठा था. चुनाव आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ताहिर हुसैन करीब 18 करोड़ की संपत्ति का मालिक है. उसकी एक फैक्ट्री तो पुलिस ने गुरुवार को ही सील की है. आठवीं पास ताहिर ने 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा था और चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र के अनुसार उस पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था.
अपनी सफाई में क्या कहता है ताहिर हुसैन:
अंकित के परिवार वालों ने अपने बेटे की मौत का जिम्मेदार ताहिर को माना है लेकिन ताहिर इसे सिरे से नकारता है. उसके मुताबिक ये सब आरोप गलत और पूर्णतः निराधार हैं. ताहिर ने कहा है कि जिस समय हिंसा ने दंगों का रूप लिया मेरे घर पर तमाम लोग हमला करने के लिए आ गए थे. इसे देखते हुए पुलिस ने वहां से मुझे हटा दिया था. हमने खुद पुलिस बल की मौजूदगी की मांग की थी. ताहिर ने अपने को बेगुनाह बताते हुए कहा है कि, मैं सांप्रदायिक सौहार्द का पक्षधर रहा हूं. मैंने जीवन भर अमन-चैन और भाईचारे के लिए काम किया है.
ताहिर हुसैन के खिलाफ गवाही दे रहे हैं तमाम वीडियो:
अपने ऊपर लगे आरोपों के बाद भले ही आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन खुद को बेगुनाह बता रहा हो मगर जो सबूत उनके निर्माणाधीन मकान की छत से मिले हैं उन्होंने ताहिर के दावों को कठघरे में खड़ा कर दिया है. सोशल मीडिया पर ऐसे भी वीडियो तैर रहे हैं जिनमें खुद ताहिर हुसैन हाथों में डंडा लेकर अपने मकान की छत पर घूम रहा है.
ताहिर की छत के जो वीडियो आये हैं उनमें भारी मात्रा में पत्थर, पेट्रोल बम, बोलतें, डंडे शामिल हैं.
दिल्ली में भड़की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी ताहिर हुसैन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कपिल मिश्रा ने ताहिर के घर को क्राइम सीन कहा है जहां सिर्फ अंकित की नहीं बल्कि तीन और हत्याएं हुई हैं.
ताहिर के बचाव में आम आदमी पार्टी:
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार संजय सिंह ने बयान तो दिया है मगर जैसा उनका अंदाज था साफ़ बता चल रहा था कि वो कहीं न कहीं ताहिर हुसैन का बचाव कर रहे हैं. संजय सिंह ने कहा है कि पहले दिन से आम आदमी पार्टी कह रही है कि कोई भी व्यक्ति हो, किसी भी पार्टी या धर्म से हो, अगर दोषी है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. संजय सिंह ने ये भी कहा है कि, ताहिर हुसैन पहले ही अपना बयान दे चुके हैं जिसमें उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान उनके घर में घुसने के बारे में उन्होंने पुलिस और मीडिया को सारी जानकारी दी. उसने पुलिस से सुरक्षा मांगी थी. पुलिस 8 घंटे देरी से आई और उसे और उसके परिवार को उसके घर से बचाया.
चाहे अंकित की हत्या हो या फिर दंगे में भूमिका... ताहिर दोषी है या नहीं... इन सभी सवालों के जवाब वक़्त की गर्त में छिपे हैं. मगर जो एक के बाद एक सबूत मिल रहे हैं वो जरूर ताहिर हुसैन के चरित्र पर सवालिया निशान लगा रहे हैं. प्रारंभिक तफ्तीश में जो चीजें निकल कर सामने आ रही हैं उनको देखते हुए इतना तो साफ़ हो गया है कि यहां दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी की पूरी दाल ही काली है.
ये भी पढ़ें -
Delhi violence: दिल्ली के दंगों से निपटने में पुलिस क्यों नाकाम रही, जानिए...
Delhi Riots में दंगाई और दंगा पीड़ित, दोनों ही दंगों के शिकार हैं!
Delhi riots live: अब मामला CAA protester vs पुलिस नहीं, हिंदू बनाम मुस्लिम हो गया है
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.