राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के गृह जिले जोधपुर में सोमवार की रात भड़का सांप्रदायिक तनाव (Communal Tension) थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार रात में ही भीषण सांप्रदायिक तनाव के बीच पत्थरबाजी (Stone Pelting) और झड़प की घटनाएं हुई थी. हालांकि, पुलिस ने लाठी भांज कर माहौल को बिगड़ने से बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन, सांप्रदायिक तनाव के बीच दूसरे दिन ईद (Eid) की नमाज के बाद ही फिर से पत्थरबाजी और झड़प हो गई. उपद्रवियों ने आगजनी और पत्थरबाजी कर माहौल बिगाड़ दिया. जोधपुर (Jodhpur) में बिगड़ते हालातों को देखते हुए 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. जो 4 मई की रात तक जारी रहेगा. वहीं, इंटरनेट सेवा बंद करते हुए हिंसा के इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. आइए जानते हैं कि आखिर ईद से पहले ऐसा क्या हुआ, जो हिंसा (Violence) की आग में जलने लगा जोधपुर?
जालोरी गेट पर झंडे से शुरू हुआ विवाद
जोधपुर के जालोरी गेट इलाके में दो दिन पहले परशुराम जयंती को लेकर भगवा झंडे लगाए गए थे. 2 मई की शाम को स्थानीय प्रशासन ने भाजपा नेताओं और नगर निगम की सहमति के साथ तय किया गया कि ईद के त्योहार को हर साल की तरह मनाया जाएगा. इसकी अनुमति केवल एक दिन के लिए ही दी गई थी. सोमवार यानी 2 मई को शाम 7 बजे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की तैयारियां करने के लिए जालोरी गेट पर इस्लामिक प्रतीकों वाले झंडे और लाउडस्पीकर लगाए. सोमवार की रात अफवाह फैल गई कि जोधपुर में पाकिस्तान के झंडे लगाए गए. कुछ स्थानीय पत्रकार वहां गए. दावा किया जा रहा है कि रात 12 बजे कथित रूप से पत्रकारों ने भाजपा नेताओं को मामले की जानकारी दी कि स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति को काले टेप से लपेट दिया गया है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के गृह जिले जोधपुर में सोमवार की रात भड़का सांप्रदायिक तनाव (Communal Tension) थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार रात में ही भीषण सांप्रदायिक तनाव के बीच पत्थरबाजी (Stone Pelting) और झड़प की घटनाएं हुई थी. हालांकि, पुलिस ने लाठी भांज कर माहौल को बिगड़ने से बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन, सांप्रदायिक तनाव के बीच दूसरे दिन ईद (Eid) की नमाज के बाद ही फिर से पत्थरबाजी और झड़प हो गई. उपद्रवियों ने आगजनी और पत्थरबाजी कर माहौल बिगाड़ दिया. जोधपुर (Jodhpur) में बिगड़ते हालातों को देखते हुए 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. जो 4 मई की रात तक जारी रहेगा. वहीं, इंटरनेट सेवा बंद करते हुए हिंसा के इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. आइए जानते हैं कि आखिर ईद से पहले ऐसा क्या हुआ, जो हिंसा (Violence) की आग में जलने लगा जोधपुर?
जालोरी गेट पर झंडे से शुरू हुआ विवाद
जोधपुर के जालोरी गेट इलाके में दो दिन पहले परशुराम जयंती को लेकर भगवा झंडे लगाए गए थे. 2 मई की शाम को स्थानीय प्रशासन ने भाजपा नेताओं और नगर निगम की सहमति के साथ तय किया गया कि ईद के त्योहार को हर साल की तरह मनाया जाएगा. इसकी अनुमति केवल एक दिन के लिए ही दी गई थी. सोमवार यानी 2 मई को शाम 7 बजे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की तैयारियां करने के लिए जालोरी गेट पर इस्लामिक प्रतीकों वाले झंडे और लाउडस्पीकर लगाए. सोमवार की रात अफवाह फैल गई कि जोधपुर में पाकिस्तान के झंडे लगाए गए. कुछ स्थानीय पत्रकार वहां गए. दावा किया जा रहा है कि रात 12 बजे कथित रूप से पत्रकारों ने भाजपा नेताओं को मामले की जानकारी दी कि स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति को काले टेप से लपेट दिया गया है.
जिसके बाद मेयर और भाजपा नेता विनीता सेठ समेत बड़ी संख्या में भाजपा समर्थक वहां पहुंच गए. और, इन लोगों ने मुस्लिमों द्वारा लगाए गए इस्लामिक झंडों और लाउडस्पीकर को हटा दिया. जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ. कथित रूप से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जालोरी गेट पर करीब 1 बजे इकट्ठा हो गए और पत्थरबाजी करने लगे. पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किए और आंसू गैस के गोले छोड़े.
2 मई को देर रात तक हंगामा चलता रहा. लेकिन, पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया. इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने भाजपा नेताओं और मुस्लिम समुदाय के बीच समझौता कर दिया. जिसके बाद तय हुआ कि सुबह ईद की नमाज शांति से आयोजित की जाएगी. लेकिन, मंगलवार यानी 3 मई को सुबह 8:30 बजे ईद की नमाज के बाद एक बार फिर से माहौल बिगड़ गया. क्योंकि, जालोरी गेट पर भगवा झंडा लहराया गया था. जिससे माहौल बिगड़ गया और पत्थरबाजी के साथ ही आगजनी भी की गई. इसी बीच स्थानीय भाजपा विधायक के घर के बाहर उपद्रवियों ने बाइकों में आग लगा दी. भाजपा नेता सुबह 10 बजे मौके पर पहुंचे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी वहां पहुंचे और इस दौरान अशोक गहलोत के खिलाफ नारेबाजी हुई.
भाजपा की ओर से किया जा रहा विरोध-प्रदर्शन दोपहर तक चलता रहा. और, इस बीच मुस्लिम बहुल इलाकों में खबर फैल गई कि उन्हें जानबूझकर ईद का त्योहार मनाने से रोका जा रहा है. दोनों समुदायों के बीच हुई इन झड़पों के बाद जोधपुर के 10 पुलिस थाना क्षेत्रों में 2 बजे कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया. अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है.
जोधपुर की मेयर ने क्या कहा?
सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पर जोधपुर पश्चिम की मेयर विनीता सेठ का कहना है कि जालोरी गेट पर मुस्लिम समुदाय के लोग ईद के झंडे लगा रहे थे. इससे पहले वहां परशुराम जयंती के लिए झंडे लगे हुए थे. पुलिस ने बाजार के लोगों से ईद के त्योहार का हवाला देते हुए बातचीत की. जिस पर झंडे हटा लिए गए. और, स्वतंत्रता सेनानी बालमुकंद बिस्सा की मूर्ति पर एक झंडा रहने दिया गया. देर रात मुस्लिम समुदाय के लड़कों ने बिस्सा जी की मूर्ति के ऊपर लगा झंडा हटा दिया और टेप चिपका दी. जिसे हटाने पर मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हो गए. और, पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया.
मुस्लिम समुदाय का क्या कहना है?
मुस्लिम समुदाय की ओर से कहा गया है कि पुलिस ने पहले से ही बाजार के लोगों से बातचीत कर सब तय कर लिया था. लेकिन, भाजपा के नेताओं ने जालोरी गेट पर लगाए गए झंडे और लाउडस्पीकर हटा दिए. वहीं, जब इस घटना का वीडियो लोगों के पास पहुंचा, तो बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जालोरी गेट पहुंचे और पत्थरबाजी हो गई. हालांकि, देर रात पुलिस ने भाजपा नेताओं और मुस्लिमों के बीच समझौता करा दिया. लेकिन, सुबह ईद की नमाज के बाद एक बार फिर से माहौल बिगड़ गया. क्योंकि, बिस्सा सर्किल पर भगवा झंडा लगा था.
पत्थरबाजी और आगजनी में कितना नुकसान?
सोमवार की देर रात से शुरू हुई पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं दूसरे दिन भी हुईं. इस दौरान दर्जनों गाड़ियों के शीशे फोड़ दिए गए. भाजपा विधायक सूर्यकांत व्यास के घर के बाहर उपद्रवियों ने बाइकों में आग लगा दी. अन्य जगहों पर भी आगजनी की घटनाएं हुईं. दुकानों में तोड़-फोड़ के साथ ही लोगों के साथ मारपीट की घटनाओं को भी अंजाम दिया गया.
आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू
जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति के बाद कांग्रेस ने माहौल बिगाड़ने का आरोप भाजपा पर लगाया है. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि जहां भी चुनाव होने वाले हैं, भाजपा वहां का माहौल खराब कर अपनी जीत के ख्वाब देख रही है. वहीं, जोधपुर हिंसा मामले में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर नमाज में ऐसा क्या हुआ, जो लोग भड़क गए. इन लोगों को किसने उकसाया? ये पूरी तरह से गहलोत सरकार और स्थानीय प्रशासन के विफलता की वजह से हुआ है.
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