क्योंकि किसी हिंदू को भी ये पद सिर्फ हिंदू होने के नाते नहीं मिला है.
रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार बेन कार्सन का कहना है कि किसी मुसलमान को अमेरिका का राष्ट्रपति नहीं बनने देना चाहिए. कार्सन उसी देश के नागरिक हैं, जहां के राष्ट्र पति ओबामा हमें धार्मिक सहिष्णुता का पाठ पढ़ाकर गए थे. खैर, यदि कार्सन को साध्वी प्राची की श्रेणी में रख भी दिया जाए, तो ये सवाल तो बनता ही है कि क्या कोई मुसलमान भारत का प्रधानमंत्री बन सकता है?
मैं तो जोर देकर कहूंगा कि भारत में कोई भी मुसलमान नहीं बन सकता पीएम. जी हां, कोई भी मुसलमान मतलब 'कोई भी' मुसलमान. और बनना भी नहीं चाहिए.
क्या नरेंद्र मोदी को हिंदू होने के नाते जनता ने देश का पीएम चुन लिया? अगर ऐसा होता तो 1991 के बाद लाल कृष्ण आडवाणी भी तो 'हिंदू हृदय सम्राट' के तौर पर ही उभरे थे, वो क्यों वेटिंग-लिस्ट में ही रह गए? क्या कलाम साहब मुसलमान थे, सिर्फ इसलिए राष्ट्रपति बन गए? लेकिन इस तर्क से तो बुखारी को काफी पहले भारत का पहला नागरिक बन जाना चाहिए था - है कि नहीं! अब्दुल्ला परिवार को जम्मू-कश्मीर की सत्ता सौंपने में क्या किसी भी हिंदू ने वोट नहीं दिया था? सोचने के लिए और भी उदाहरण हैं - जरा सोचिए.
पार्टियां भी कहां ढूंढ पातीं सिर्फ मुस्लिम नेता 'कोई भी मुसलमान नहीं बन सकता पीएम' का रोना मतदाता से ज्यादा नेता रोते हैं. अफसोस कि ऐसी पार्टियां पीएम तो छोड़िए, सीएम पद तक के लिए अपने बीवी-बेटे से आगे तक नहीं देख पाते. इनके आंसूओं पर न जाएं, भावनाओं को समझें. ये सब चुनावी मेढ़क हैं, चुनाव बाद ये हैं हमारी-आपकी तरह आम इंसान - हाड़-मांस से बने.
सोचिए जरा... भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिए हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई के आगे अगर 'कोई भी' लगाने की मानसिकता हावी हो जाए तो पीएम पद के एक्सक्लुसिवनेस का क्या होगा? कोई राजनीति से, कोई अर्थशास्त्र के रास्ते, कोई मार्केटिंग कर, तो कोई परिवार के एक्सक्लुसिवनेस के कारण इस पद पर...
क्योंकि किसी हिंदू को भी ये पद सिर्फ हिंदू होने के नाते नहीं मिला है.
रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार बेन कार्सन का कहना है कि किसी मुसलमान को अमेरिका का राष्ट्रपति नहीं बनने देना चाहिए. कार्सन उसी देश के नागरिक हैं, जहां के राष्ट्र पति ओबामा हमें धार्मिक सहिष्णुता का पाठ पढ़ाकर गए थे. खैर, यदि कार्सन को साध्वी प्राची की श्रेणी में रख भी दिया जाए, तो ये सवाल तो बनता ही है कि क्या कोई मुसलमान भारत का प्रधानमंत्री बन सकता है?
मैं तो जोर देकर कहूंगा कि भारत में कोई भी मुसलमान नहीं बन सकता पीएम. जी हां, कोई भी मुसलमान मतलब 'कोई भी' मुसलमान. और बनना भी नहीं चाहिए.
क्या नरेंद्र मोदी को हिंदू होने के नाते जनता ने देश का पीएम चुन लिया? अगर ऐसा होता तो 1991 के बाद लाल कृष्ण आडवाणी भी तो 'हिंदू हृदय सम्राट' के तौर पर ही उभरे थे, वो क्यों वेटिंग-लिस्ट में ही रह गए? क्या कलाम साहब मुसलमान थे, सिर्फ इसलिए राष्ट्रपति बन गए? लेकिन इस तर्क से तो बुखारी को काफी पहले भारत का पहला नागरिक बन जाना चाहिए था - है कि नहीं! अब्दुल्ला परिवार को जम्मू-कश्मीर की सत्ता सौंपने में क्या किसी भी हिंदू ने वोट नहीं दिया था? सोचने के लिए और भी उदाहरण हैं - जरा सोचिए.
पार्टियां भी कहां ढूंढ पातीं सिर्फ मुस्लिम नेता 'कोई भी मुसलमान नहीं बन सकता पीएम' का रोना मतदाता से ज्यादा नेता रोते हैं. अफसोस कि ऐसी पार्टियां पीएम तो छोड़िए, सीएम पद तक के लिए अपने बीवी-बेटे से आगे तक नहीं देख पाते. इनके आंसूओं पर न जाएं, भावनाओं को समझें. ये सब चुनावी मेढ़क हैं, चुनाव बाद ये हैं हमारी-आपकी तरह आम इंसान - हाड़-मांस से बने.
सोचिए जरा... भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिए हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई के आगे अगर 'कोई भी' लगाने की मानसिकता हावी हो जाए तो पीएम पद के एक्सक्लुसिवनेस का क्या होगा? कोई राजनीति से, कोई अर्थशास्त्र के रास्ते, कोई मार्केटिंग कर, तो कोई परिवार के एक्सक्लुसिवनेस के कारण इस पद पर पहुंचता है... तभी तो पीएम एकलौता होता है... 'कोई भी' जोड़कर इसके एक्सक्लुसिवनेस को खत्म करने की साजिश या झांसे में न आएं. 'कोई भी' मुसलमान / हिंदू / सिख / ईसाई कैसे बन जाएगा सबसे बड़े लोकतंत्र का पीएम... खेल है क्या!!!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.