बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐसी कड़वाहट आई कि पाकिस्तान ने भारत के लिए अपनी वायुसीमा को ही बैन कर दिया. पाकिस्तान का ऐसा करने के पीछे दो मकसद थे. एक तो ये कि कोई भी भारतीय विमान पाकिस्तान की वायुसीमा में ना घुस सके. और दूसरा ये कि इससे भारत का नुकसान हो. आपको बता दें कि पाकिस्तान की ओर से वायुसीमा पर बैन लगाने की वजह से भारत को अपनी उड़ानें डायवर्ट करनी पड़ीं, जिसमें सामान्य से ज्यादा खर्चा आया. पाकिस्तान को ये जानकर खुशी होगी कि भारत को इस वजह से करीब 550 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. लेकिन अब पाकिस्तान ने भारत के लिए अपनी वायुसीमा को खोल दिया.
यहां एक सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर अब ऐसी क्या मजबूरी पड़ गई कि उसने भारत को अपनी वायुसीमा में घुसने की इजाजत दे दी? दिलचस्प ये है कि 11 जुलाई को ही पाकिस्तान के एविएशन सेक्रेटरी शाहरुख नुसरत ने संसदीय कमेटी को साफ कह दिया था कि भारत के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस नहीं खोला जाएगा. लेकिन अब 5 दिन में ही पाकिस्तान ने यू-टर्न लेते हुए भारतीय विमानों को पाकिस्तानी वायुसीमा में आने की इजाजत दे दी है.
पाकिस्तान की ओर से बैन लगाने की वजह से बेशक भारत का काफी नुकसान हुआ, लेकिन भारत के इस नुकसान से काफी ज्यादा नुकसान खुद पाकिस्तान को हुआ. भारत जैसे देश को तो 550 करोड़ रुपए के नुकसान से कोई खास फर्क नहीं पड़ा, लेकिन पाई-पाई को मोहताज हो चुके पाकिस्तान की हालत और अधिक खराब ना हो, इसलिए उसने अब अपना एयर स्पेस खोल दिया है. वैसे भी, सिर्फ अपना एयरस्पेस दूसरे देशों के साथ शेयर कर के पाकिस्तान की मोटी कमाई होती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये अकेली वजह है. कई वजहों के एक साथ...
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐसी कड़वाहट आई कि पाकिस्तान ने भारत के लिए अपनी वायुसीमा को ही बैन कर दिया. पाकिस्तान का ऐसा करने के पीछे दो मकसद थे. एक तो ये कि कोई भी भारतीय विमान पाकिस्तान की वायुसीमा में ना घुस सके. और दूसरा ये कि इससे भारत का नुकसान हो. आपको बता दें कि पाकिस्तान की ओर से वायुसीमा पर बैन लगाने की वजह से भारत को अपनी उड़ानें डायवर्ट करनी पड़ीं, जिसमें सामान्य से ज्यादा खर्चा आया. पाकिस्तान को ये जानकर खुशी होगी कि भारत को इस वजह से करीब 550 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. लेकिन अब पाकिस्तान ने भारत के लिए अपनी वायुसीमा को खोल दिया.
यहां एक सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर अब ऐसी क्या मजबूरी पड़ गई कि उसने भारत को अपनी वायुसीमा में घुसने की इजाजत दे दी? दिलचस्प ये है कि 11 जुलाई को ही पाकिस्तान के एविएशन सेक्रेटरी शाहरुख नुसरत ने संसदीय कमेटी को साफ कह दिया था कि भारत के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस नहीं खोला जाएगा. लेकिन अब 5 दिन में ही पाकिस्तान ने यू-टर्न लेते हुए भारतीय विमानों को पाकिस्तानी वायुसीमा में आने की इजाजत दे दी है.
पाकिस्तान की ओर से बैन लगाने की वजह से बेशक भारत का काफी नुकसान हुआ, लेकिन भारत के इस नुकसान से काफी ज्यादा नुकसान खुद पाकिस्तान को हुआ. भारत जैसे देश को तो 550 करोड़ रुपए के नुकसान से कोई खास फर्क नहीं पड़ा, लेकिन पाई-पाई को मोहताज हो चुके पाकिस्तान की हालत और अधिक खराब ना हो, इसलिए उसने अब अपना एयर स्पेस खोल दिया है. वैसे भी, सिर्फ अपना एयरस्पेस दूसरे देशों के साथ शेयर कर के पाकिस्तान की मोटी कमाई होती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये अकेली वजह है. कई वजहों के एक साथ सामने आ जाने की वजह से पाकिस्तान ने मजबूरी में अपनी वायुसीमा को भारत के लिए खोला है.
भारत की किस एयरलाइन को कितना हुआ नुकसान?
3 जुलाई को राज्य सभा में सिविल एविशन मिनिस्टर हरदीप पुरी ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से वायुसीमा पर बैन लगाने की वजह से भारत को करीब 550 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. इसमें 491 करोड़ रुपए का नुकसान एयर इंडिया को हुआ, 30.73 करोड़ रुपए का नुकसान स्पाइसजेट को हुआ, 25.1 करोड़ रुपए का नुकासन इंडिगो को हुआ और 2.1 करोड़ रुपए का नुकसान गोएयर को हुआ.
कितना नुकसान हुआ पाकिस्तान का?
भारत का नुकसान होता देख पाकिस्तान ऊपर-ऊपर भले ही खुश दिखे, लेकिन अंदर से वह बहुत अधिक दुखी है. इसकी वजह ये है कि भारत से अधिक नुकसान तो पाकिस्तान का हुआ. भारत को तो 550 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन पाकिस्तान को करीब 685 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जो पाकिस्तानी करंसी के हिसाब से करीब 16 अरब रुपए बनते हैं.
आपको बता दें कि पाकिस्तान सिर्फ रूट नेविगेशन और एयरपोर्ट चार्जेज के जरिए ही मोटी कमाई करता है. विमान पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर मेंटेनेंस या फिर तेल भरवाने के लिए उतरते हैं, जिससे पाकिस्तान की इकोनॉमी में काफी पैसा आता है. ये चार्ज भी विमान के क्लास और साइज पर निर्भर करते हैं. एक रेगुलर बोइंग 737 पैसेंजर एयरक्राफ्ट के लिए पाकिस्तान अपने एयरपोर्ट और एयरस्पेस इस्तेमाल करने के लिए 600-700 डॉलर प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज लेता है. रोजाना पाकिस्तान से करीब 400 फ्लाइट गुजरती हैं, जिनसे वह प्रति दिन करीब 3 लाख डॉलर कमाता है. अब आप ही सोचिए, जिस देश की हालत इतनी खराब है कि वह कर्ज पर जिंदा है, उसका इतना सारा नुकसान हो तो वह अपने एयरस्पेस को कितने दिनों तक बंद रखेगा.
अमेरिका का दबाव भी है वजह
पाकिस्तान का हो रहा आर्थिक नुकसान तो एक वजह है ही कि पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस खोल दिया है, लेकिन अमेरिका का दबाव भी एक बड़ी वजह है. अमेरिका और ईरान के बीच राजनीति तनाव के बीच अमेरिका ने सभी देशों को ये सलाह दी है कि वह समुद्र के ऊपर वाले तेहरान फ्लाइट इफॉर्मेशन रीजन के इलाके से दूर ही रहें, क्योंकि अमेरिका और ईरान के बीच सैन्य गतिविधियां भी हो सकती हैं. यहां आपको बता दें कि यह वही रूट है, जिसका इस्तेमाल भारत सेंट्रल एशिया और यूरोप जाने के लिए करता है. हाल ही में पीएम मोदी किर्गिस्तान में हुए शांघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन सम्मेलन में हिस्सा लेने इसी रूट से गए थे. वैसे, बताया जा रहा है कि भले ही पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस खोल दिया है, लेकिन पीएम मोदी इस रूट से यात्रा नहीं करेंगे.
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