वैसे तो राहुल गांधी विदेशी धरती पर भारत और भाजपा सरकार के खिलाफ बोलते ही रहे हैं लेकिन अब उन्होंने लंदन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधते हुए कहा है कि RSS भारत की संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है और इसकी सोच अरब देशों की मुस्लिम ब्रदरहुड जैसी है. राहुल गांधी ने यह तुलना लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज में की.
लेकिन क्या वाकई आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की जा सकती है? क्या राहुल गांधी को जो एक देश के सबसे पुरानी पार्टी के अध्य्क्ष हैं और भावी प्रधानमंत्री के सपने भी देख रहे हैं विदेश में जाकर ऐसी बातें करना शोभा देता है? अगर वाकई में आरएसएस ऐसा है तो फिर अपने देश में उस पर कांग्रेस या राहुल गांधी ने प्रतिबंध लगाने की गुहार क्यों नहीं लगाई? क्या राहुल गांधी विदेश से अपने देश लौटने के बाद आरएसएस पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग करेंगे? शायद नहीं.
क्यों आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से नहीं की जा सकती?
* मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र का सबसे पुराना इस्लामिक संगठन है जिसकी स्थापना 1928 में हसन अल-बन्ना ने की थी. इस संगठन ने पूरी दुनिया में इस्लामिक आंदोलनों को प्रभावित किया. मिस्र में यह संगठन अवैध करार दिया जा चुका है, लेकिन इस संगठन ने कई दशक तक सत्ता पर काबिज रहे राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को बेदखल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लेकिन आरएसएस की स्थापना 1925 में भारत में हुई थी जो सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन के लिए काम करने का दावा करती है.
* मुस्लिम ब्रदरहुड का मकसद देशों में इस्लामी कानून यानी शरिया लागू करना है और इसपर हिंसक गतिविधियों में...
वैसे तो राहुल गांधी विदेशी धरती पर भारत और भाजपा सरकार के खिलाफ बोलते ही रहे हैं लेकिन अब उन्होंने लंदन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधते हुए कहा है कि RSS भारत की संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है और इसकी सोच अरब देशों की मुस्लिम ब्रदरहुड जैसी है. राहुल गांधी ने यह तुलना लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज में की.
लेकिन क्या वाकई आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की जा सकती है? क्या राहुल गांधी को जो एक देश के सबसे पुरानी पार्टी के अध्य्क्ष हैं और भावी प्रधानमंत्री के सपने भी देख रहे हैं विदेश में जाकर ऐसी बातें करना शोभा देता है? अगर वाकई में आरएसएस ऐसा है तो फिर अपने देश में उस पर कांग्रेस या राहुल गांधी ने प्रतिबंध लगाने की गुहार क्यों नहीं लगाई? क्या राहुल गांधी विदेश से अपने देश लौटने के बाद आरएसएस पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग करेंगे? शायद नहीं.
क्यों आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से नहीं की जा सकती?
* मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र का सबसे पुराना इस्लामिक संगठन है जिसकी स्थापना 1928 में हसन अल-बन्ना ने की थी. इस संगठन ने पूरी दुनिया में इस्लामिक आंदोलनों को प्रभावित किया. मिस्र में यह संगठन अवैध करार दिया जा चुका है, लेकिन इस संगठन ने कई दशक तक सत्ता पर काबिज रहे राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को बेदखल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लेकिन आरएसएस की स्थापना 1925 में भारत में हुई थी जो सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन के लिए काम करने का दावा करती है.
* मुस्लिम ब्रदरहुड का मकसद देशों में इस्लामी कानून यानी शरिया लागू करना है और इसपर हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं. वहीं आरएसएस भारत में हिंदुत्व की पक्षधर है तथा इसके हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के प्रमाण नहीं है.
* मुस्लिम ब्रदरहुड को इस्लाम और कट्टरवाद फैलाने के आरोप में इस संगठन को बहरीन, मिस्र, रूस, सीरिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है तथा 2012 में मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को सत्ता से बेदखल करने के पीछे भी इसका ही हाथ माना जाता है. जहां तक आरएसएस का सवाल है इसे अभी तक तीन बार प्रतिबंधित किया जा चुका है लेकिन हर बार इसपर से प्रतिबंध हटा लिया गया.
* मुस्लिम ब्रदरहुड धर्मनिरपेक्षता के बजाय कुरान को महत्व देता है. अरब के कई देशों में लोकतांत्रिक सरकारों के खिलाफ इसने आंदोलन छेड़े हैं. लेकिन आरएसएस का ऐसे कार्यों से कोई वास्ता नहीं रहा है.
मुस्लिम ब्रदरहुड का मकसद देशों में इस्लामी कानून लागू करना है
भाजपा का पलटवार
राहुल गांधी द्वारा आरएसएस की मुस्लिम ब्रदरहुड से तुलना करने पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आखिर वो क्या संदेश देना चाहते हैं? राहुल गांधी को शायद आरएसएस के गौरवशाली और वैभवशाली इतिहास के बारे में पता नहीं है? राहुल गांधी को ये समझ में नहीं आता है कि जिन शब्दावली का वो इस्तेमाल कर रहे हैं उसका अर्थ उन्हें पता है कि वो क्या बोल रहे हैं?
साफ़ है आरएसएस को मुस्लिम ब्रदरहुड से तुलना करना बेईमानी ही होगा.
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