मसूद अजहर पर जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बैन लगाया तो सबसे अधिक खुशी भारत को हुई. 25 सालों से जो हमारे देश को बर्बाद करने की साजिशें रच रहा था, आखिरकार उसे वैश्विक आंतकी घोषित कर ही दिया गया. लेकिन संयुक्त राष्ट्र को ऐसा नहीं लगता है कि मसूद का असली टारगेट भारत है. पुलवामा हमले के बाद पूरी दुनिया में इसी बात का शोर का था मसूद अजहर के संगठन ने ये किया है.
जैश-ए-मोहम्मद ने तो पुलवामा हमले के बाद उसकी जिम्मेदारी तक ली, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के पीछे कुछ और ही तर्क दिए हैं. उसकी लिस्ट में भारत का तो कोई जिक्र ही नहीं है. यानी हमें लग रहा था कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होना भारत की जीत है, लेकिन असलियत में देखा जाए तो भारत को अभी भी न्याय नहीं मिला है. चीन और पाकिस्तान ने मिलकर पुलवामा हमले के इसमें शामिल नहीं होने दिया है. ऐसे में भारत को अब ये कोशिश करनी चाहिए कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के नाम दर्ज कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र से बात करे.
क्या लिखी है वैश्विक आतंकी घोषित करने की वजह?
संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के पीछे अल-कायदा के साथ उसके संबंध होना वजह बताया है. रिजॉल्यूशन 2368 के पैराग्राफ 2 और 4 (2017) में ये लिखा है कि मसूद को अलकायदा के साथ जुड़े होने के चलते बैन किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार मसूद अजहर अल-कायदा के नाम पर या उसकी ओर से या उसके साथ मिलकर अल-कायदा के लिए पैसों का इंतजाम करता था, योजनाएं बनाता था, ट्रेनिंग...
मसूद अजहर पर जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बैन लगाया तो सबसे अधिक खुशी भारत को हुई. 25 सालों से जो हमारे देश को बर्बाद करने की साजिशें रच रहा था, आखिरकार उसे वैश्विक आंतकी घोषित कर ही दिया गया. लेकिन संयुक्त राष्ट्र को ऐसा नहीं लगता है कि मसूद का असली टारगेट भारत है. पुलवामा हमले के बाद पूरी दुनिया में इसी बात का शोर का था मसूद अजहर के संगठन ने ये किया है.
जैश-ए-मोहम्मद ने तो पुलवामा हमले के बाद उसकी जिम्मेदारी तक ली, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के पीछे कुछ और ही तर्क दिए हैं. उसकी लिस्ट में भारत का तो कोई जिक्र ही नहीं है. यानी हमें लग रहा था कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होना भारत की जीत है, लेकिन असलियत में देखा जाए तो भारत को अभी भी न्याय नहीं मिला है. चीन और पाकिस्तान ने मिलकर पुलवामा हमले के इसमें शामिल नहीं होने दिया है. ऐसे में भारत को अब ये कोशिश करनी चाहिए कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के नाम दर्ज कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र से बात करे.
क्या लिखी है वैश्विक आतंकी घोषित करने की वजह?
संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के पीछे अल-कायदा के साथ उसके संबंध होना वजह बताया है. रिजॉल्यूशन 2368 के पैराग्राफ 2 और 4 (2017) में ये लिखा है कि मसूद को अलकायदा के साथ जुड़े होने के चलते बैन किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार मसूद अजहर अल-कायदा के नाम पर या उसकी ओर से या उसके साथ मिलकर अल-कायदा के लिए पैसों का इंतजाम करता था, योजनाएं बनाता था, ट्रेनिंग की व्यवस्था करता था, हथियार सप्लाई करता था और भर्तियां करता था.
ये भी लिखा है कि मसूद अजहर पहले एक आतंकी ग्रुप हरकत-उल-मुजाहिदीन का मुखिया था. इसके सभी सदस्य बाद में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गए, जिनका मुखिया मसूद अजहर था. 2008 में अफगानिस्तान में पश्चिमी सेनाओं के खिलाफ भर्तियों के जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर में लिखा था कि मसूज अजहर को लोगों के जरूरत है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र ने भारत की बात सिर्फ इस संदर्भ में की है कि 1999 में उसे 159 बंधक यात्रियों के बदले भारत सरकार ने रिहा किया था.
भारत के संदर्भ में गुनाहों की लिस्ट लंबी है
संयुक्त राष्ट्र की वजह देखकर तो ये लग रहा है कि मसूद अजहर कोई मामूली सा आतंकी था, लेकिन उसका असली और भयानक चेहरा तो भारत ने देखा है. ये वो शख्स है, जिसने भारत को एक-दो बार नहीं, बल्कि कई बार जख्म दिए. ये लिस्ट उसके गुनाहों की दास्तां बयां करने के लिए काफी है.
- सबसे पहले मसूद अजहर 1994 में पहली बार जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां करते हुए पकड़ा गया था. भारतीय सेना ने उसे गिरफ्तार कर के जेल में डाल दिया था.
- दिसंबर 1999 में उसके साथियों ने भारत के एक हवाई जहाज को हाईजैक कर लिया और यात्रियों के बदले में मसूद अजहर की रिहाई मांगी. उसकी मांग के आगे भारत को झुकना पड़ा.
- दोबारा पाकिस्तान पहुंच कर मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद संगठन बनाया. इससे पहले उसका संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन के नाम से चलता था.
- उसके बाद जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में आतंक फैलाना शुरू किया. सबसे पहले 2000 में बदामी बाग स्थित भारतीय सेना के मुख्यालय पर हमला किया.
- अक्टूबर 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला किया.
- दिसंबर 2001 में संसद पर हमला हुआ.
- 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सेना के जवानों के काफिले पर हमला किया, जिसमें सेना के करीब 40 जवान शहीद हो गए.
चीन ने गाया पाकिस्तान का गुणगान
सोशल मीडिया पर अब इसे लेकर भी एक बहस छिड़ गई है. कुछ लोगों का कहना है कि भारत का मकसद पूरा हो गया है अब इस तरह के ट्वीट कर के मामले को न भटकाएं. वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ये तक कहने लगे हैं कि जबरदस्ती इसका श्रेय लिया जा रहा है. लेकिन इन सबके बीच सबसे अधिक दिलचस्प बयान है चीन का, जो उसने पाकिस्तान के संदर्भ में दिया है. चीन ने कहा है कि वह इस बात पर जोर देना चाहता है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ने में बहुत बड़ा योगदान दिया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी में सही से पेश किया जाना चाहिए. चीन की ओर से आतंकवाद और चरमपंथी सेनाओं से लड़ने में पाकिस्तान को हर संभव मदद दी जाएगी.
खैर, अच्छी बात ये है कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया है. कम से कम कुछ दिनों तक तो वो शांत बैठेगा और भारत चैन की सांस लेगा. हां ये बात अलग है कि पाकिस्तान का चहेता मसूद अजहर ज्यादा दिनों तक चुप नहीं रहेगा. इस समय भारत के लिए जरूरी है कि वह आने वाले समय में संयुक्त राष्ट्र के सामने मसूद अजहर के गुनाहों की लिस्ट भारत के संदर्भ में रखे, ताकि उसे भारत में आतंक फैलाने का भी गुनहगार माना जाए.
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