कांग्रेस में प्रियंका गांधी वाड्रा की ओपनिंग पारी शानदार बनाने के लिए राहुल गांधी मेगा इवेंट की तैयारी में जुटे हैं. इसके लिए प्रयागराज कुंभ से बेहतरीन स्थान और अवसर फिलहाल हो भी क्या सकता है? यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा कुंभ को सियासी रूप देने के बाद कांग्रेस वहीं से बीजेपी को टारगेट पर लेने की कोशिश में है. प्रियंका गांधी बीजेपी के खिलाफ पहला शॉट कैसे खेलती हैं ये ठीक ठीक तो उसी वक्त समझ में आएगा. ये देखना भी दिलचस्प होगा कि कुंभ की पिच से प्रियंका गांधी राम मंदिर पर बीजेपी के आरोपों पर कैसे पलटवार करती हैं?
कुंभ मेला होगा प्रियंका गांधी के लिए कांग्रेस का लांच पैड
पहले दिवाली मनाने और फिर फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या और इलाहाबाद को प्रयागराज बनाने के बाद योगी सरकार ने कुंभ में पूरी ताकत झोंक दी है - और अब वहां धर्म संसद की तैयारी है जिसमें संत समाज राम मंदिर निर्माण पर फैसला लेने वाला है.
कांग्रेस को भी कुंभ में आने वाले चुनाव के हिसाब से मौका और दस्तूर दोनों नजर आ रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए कुंभ को ही लांच पैड बनाने का फैसला किया है.
कांग्रेस की ओर से पहले ही बता दिया गया था कि प्रियंका गांधी वाड्रा फरवरी के पहले सप्ताह अपना कार्यभार संभालेंगी. अब तारीख भी आ गयी है - 4 फरवरी, 2019. उसी दिन मौनी अमावस्या है और कुंभ में डूबकी लगाने का खास मौका भी.
अब तक यही अपडेट है कि प्रियंका गांधी वाड्रा अपने भाई राहुल गांधी के साथ मौनी अमावस्या को कुंभ में शामिल होने वाली हैं. 18 साल बाद गांधी परिवार की ओर से कोई व्यक्ति इस बार कुंभ पहुंच रहा है. 2001 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुंभ मेले में हिस्सा लिया था और - और स्नान भी किया था.
2001 में सोनिया गांधी पहुंची थी कुंभ मेले में
कहा ये भी जा रहा है कि अगर मौनी अमावस्या पर संभव न हुआ तो प्रियंका गांधी तीसरे शाही स्नान के दौरान कुंभ में डुबकी लगा सकती हैं. तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी को होगा जो 10 फरवरी को है.
2014 में राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ चुकीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहले शाही स्नान के दौरान ही कुंभ स्नान कर चुकी हैं. मकर संक्रांति के मौके पर 15 जनवरी को पहला शाही स्नान हुआ था.
पहले शाही स्नान पर कुंभ पहुंची थीं स्मृति ईरानी
कमजोर नस बीजेपी की है, तो कांग्रेस की भी
आम चुनाव के हिसाब से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण संघ परिवार, विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी के लिए प्रमुख मुद्दा है. 31 जनवरी और 1 फरवरी को वीएचपी की अगुवाई में होने जा रही धर्म संसद में संत समाज राम मंदिर निर्माण पर फैसला लेने वाला है.
बीजेपी के खिलाफ कैसे हमला बोलती हैं प्रियंका गांधी देखना दिलचस्प होगा
प्रियंका गांधी की कांग्रेस में औपचारिक दाखिले के लिए ये खास मुहूर्त भी सोच समझ कर चुना गया है. धर्म संसद के बाद प्रियंका की कुंभ में भागीदारी अपने आप में राजनीति रूप से काफी महत्वपूर्ण है. राहुल की मौजूदगी में कुंभ में डुबकी लगाकर प्रियंका भाई के सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगी. लेकिन, उनके सामने कपिल सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में दलील को डिफेंड करने की भी जिम्मेदारी होगी, जिसमें वे राम मंदिर मामले की सुनवाई लोकसभा चुनाव से पहले न करने की दलील दे आए थे.
कांग्रेस के प्रति विशेष भाव रखने के लिए जाने जाने वाले स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी प्रियंका के प्रस्तावित कुंभ दौरे का स्वागत किया है. अखाड़ा परिषद को भी प्रियंका के कुंभ में आने पर कोई आपत्ति नहीं हैं. परिषद की ओर से कहा गया हैे कि ऐसा हुआ तो उन्हें आशीर्वाद ही मिलेगा.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने प्रयागराज में 'आजतक' से बातचीत में कहा कि प्रियंका गांधी में उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि दिखती है और अगर वह कुंभ में स्नान करने आती हैं तो उन्हें साधु महात्माओं का आशीर्वाद जरूर मिलेगा. इंदिरा गांधी को याद करते हुए नरेंद्र गिरी कहते हैं जब भी वो कुंभ के दौरान इलाहाबाद आतीं, हेलीकॉप्टर में बैठ कर साधु-संतों पर पुष्प वर्षा करती थीं.
कुंभ मेले के मंच से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता मोदी सरकार को घेर रहे हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम बीजेपी नेता कांग्रेस पर राम मंदिर निर्माण में रोड़ा लगाने का कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं. वीएचपी प्रमुख आलोक कुमार ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर कांग्रेस अपने मैनिफेस्टों में मंदिर निर्माण का वादा करे तो वो समर्थन पर विचार कर सकते हैं. हालांकि, बाद में वो पलट गये और कहने लगे कि समर्थन नहीं स्वागत करेंगे.
ये तो साफ है कि कांग्रेस ने खूब सोच विचार कर कुंभ मेले में प्रियंका गांधी वाड्रा का कार्यक्रम बनाया है, ये देखना सबसे ज्यादा दिलचस्प होगा कि प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी राम मंदिर पर क्या स्टैंड लेते हैं?
ताजा अपडेट: सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर केस की 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई टाल दी गई है. ऐसा जस्टिस एसए बोबड़े की अनुपलब्धता के कारण हुआ है. पिछली सुनवाई जस्टिस यूयू ललित के इस केस से हट जाने के कारण टाली गई थी. बार-बार सुनवाई टलने से राम मंदिर फैसले में हो रही देरी से अधीर हुए लोगों में बेचैनी और बढ़ेगी. और फिर इस पर सियासत भी. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का ताजा बयान ताे यही है कि सुप्रीम कोर्ट विवादास्पद ढांचे पर जल्द ही कोई फैसला करे, अन्यथा हम इसे 24 घंटे के भीतर सुलझा लेंगे.
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