साल 2020 की शुरुआत ही थी कि तीसरे विश्वयुद्ध (Third Worldwar) की चर्चाएं होने लगी थी. अमेरिका (America) ने ईरान (Iran) के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) की हत्या कर दी थी. अमेरिका और ईरान (Iran) दोनों ही देश एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं. आंशका उठने लगी थी कि यह तीसरे विश्वयुद्ध की शुरूआत है. अमेरिका ने ईरान को छेड़ दिया है जिसका बदला ईरान ज़रूर लेगा. ईरान ने अपने जनरल के अंतिम संस्कार से पहले ही ईराक स्थित अमेरिकी ऐयरबेस पर राकेट दाग दिए. ईरान ने कहा यह तो बदले की शुरुआत है वह अपने जनरल की शहादत का बदला और बड़े रूप में लेगा. यह घटना जनवरी महीने की थी. तनाव बढ़ा हुआ था. लेकिन उसके बाद चीन और फिर ईरान में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने तबाही मचानी शुरू कर दी. यह दोनों ही देश कुछ संभल पाते कि इस वायरस ने कई अन्य देशों के साथ अमेरिका में भी अपना पैर पसार लिया. अमेरिका ने इस वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा दिया. चीन (China) और अमेरिका के रिश्तों में भी दरार आनी शुरू हो गयी. दोनों ही देश आरोप-प्रत्यारोप में उलझ गए.
अमेरिका ने तो विश्व स्वास्थ्य संगठन पर ही आरोप लगा दिया कि वह चीन की भाषा बोल रहा है और इस चीन ने ही इस वायरस को पैदा किया है. यह वायरस चीन के वुहान शहर के एक लैब में तैयार किया गया है. चीन पर पहले तो सिर्फ अमेरिका ही इल्जाम लगा रहा था लेकिन धीरे-धीरे कई देशों ने चीन को घेर लिया. चीन बौखला गया. चीन ने भारत, ताइवान, अमेरिका सबसे एक साथ जंग लड़ने का मानों सपना देख डाला हो.
ताइवान और भारत की सीमा पर चीन ने तनाव की स्थिति पैदा कर दी. जबकि अमेरिका से सामना करने के लिए उसने ईरान जैसे देशों से नज़दीकियां बढ़ानी शुरू कर दी. अब सवाल...
साल 2020 की शुरुआत ही थी कि तीसरे विश्वयुद्ध (Third Worldwar) की चर्चाएं होने लगी थी. अमेरिका (America) ने ईरान (Iran) के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) की हत्या कर दी थी. अमेरिका और ईरान (Iran) दोनों ही देश एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं. आंशका उठने लगी थी कि यह तीसरे विश्वयुद्ध की शुरूआत है. अमेरिका ने ईरान को छेड़ दिया है जिसका बदला ईरान ज़रूर लेगा. ईरान ने अपने जनरल के अंतिम संस्कार से पहले ही ईराक स्थित अमेरिकी ऐयरबेस पर राकेट दाग दिए. ईरान ने कहा यह तो बदले की शुरुआत है वह अपने जनरल की शहादत का बदला और बड़े रूप में लेगा. यह घटना जनवरी महीने की थी. तनाव बढ़ा हुआ था. लेकिन उसके बाद चीन और फिर ईरान में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने तबाही मचानी शुरू कर दी. यह दोनों ही देश कुछ संभल पाते कि इस वायरस ने कई अन्य देशों के साथ अमेरिका में भी अपना पैर पसार लिया. अमेरिका ने इस वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा दिया. चीन (China) और अमेरिका के रिश्तों में भी दरार आनी शुरू हो गयी. दोनों ही देश आरोप-प्रत्यारोप में उलझ गए.
अमेरिका ने तो विश्व स्वास्थ्य संगठन पर ही आरोप लगा दिया कि वह चीन की भाषा बोल रहा है और इस चीन ने ही इस वायरस को पैदा किया है. यह वायरस चीन के वुहान शहर के एक लैब में तैयार किया गया है. चीन पर पहले तो सिर्फ अमेरिका ही इल्जाम लगा रहा था लेकिन धीरे-धीरे कई देशों ने चीन को घेर लिया. चीन बौखला गया. चीन ने भारत, ताइवान, अमेरिका सबसे एक साथ जंग लड़ने का मानों सपना देख डाला हो.
ताइवान और भारत की सीमा पर चीन ने तनाव की स्थिति पैदा कर दी. जबकि अमेरिका से सामना करने के लिए उसने ईरान जैसे देशों से नज़दीकियां बढ़ानी शुरू कर दी. अब सवाल उठता है कि आखिर तीसरा विश्वयुद्ध कब और किससे होगा, इसकी शुरुआत कौन करेगा और इसका अंजाम क्या होगा. इसमें कोई शक नहीं है कि तीसरे विश्वयुद्ध की कोई आशंका नहीं है. तीसरा विश्वयुद्ध होना है और इंतजार बस इसकी शुरुआत का है.
इस वक्त कई देश एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. कौन-कौन से देशों के बीच टकराव की स्थिति है इस पर एक नजर डाल लेते हैं.
अमेरिका-ईरान
अमेरिका और ईरान के बीच तल्खियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. ईरान ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जनरल कासिम सुलेमानी का हत्यारा बताते हुए ट्रंप की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है और ईरान के ही एक उच्चाधिकारी ने बयान दिया है कि ईराक स्थित अमेरिकी ऐयरबेस पर हमला तो महज सुलेमानी की गाड़ी उड़ने का बदला था. अभी कासिम सुलेमानी का बदला ईरान लेगा और जरूर लेगा, इसमें किसी को भी कोई शक नहीं है.
वहीं ट्रंप ने भी ईरान को आगाह किया है कि अगर उसने अब कुछ किया तो उसका नतीजा गंभीर होगा. आशंका यही है कि ईरान और अमेरिका का मामला अभी और तूल पकड़ने वाला है जिसका नतीजा एक और विश्वयुद्ध ही होगा.
अमेरिका-चीन
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील को लेकर तनातनी पहले से ही थी. कोरोना वायरस ने दोनों ही देश को और झकझोर दिया है. मामला अब इतना आगे बढ़ चुका है कि अमेरिका ने अपने देश में स्थित चीनी दुतावास पर अमेरिका का झंडा लहरा दिया है और चीन को पूरी तरह से वैश्विक स्तर पर घेर रहा है. इतना ही नहीं बल्कि चीन का सामना करने के लिए अमेरिका ने भारत, ताइवान, जापान सबकी मदद को खुलकर सामने आ गया है. वहीं हांगकांग के मुद्दे पर भी दोनों ही देशों का रवैया एक और विश्वयुद्ध की ओर धीरे धीरे धकेल ही रहा है.
ईरान-इजराइल
ईरान और इजराइल के बीच इस वक्त तनाव बढ़ा हुआ है. ईरान में इनदिनों कई खास जगह आग लगने की घटना सामने आई हैं.खास बात यह है कि जहां जहां आग लगी है वह सभी ईरान के महत्वपूर्ण जगहे हैं. पश्चिमी मीडिया इसे ईरान पर इजराइल का हमला बता रहा है जबकि ईरान इन खबरों को खारिज कर रहा है. साथ ही इजराइल खूफिया तरीके से ईरान पर साइबर अटैक भी कर रहा है.
दोनों ही देशों के बीच दुश्मनी पुरानी है. अगर तनाव ऐसे ही बढ़ता रहा तो दोनों ही देशों के बीच सीधे सैन्य कार्यवाई मुमकिन है जो सिर्फ इन दोनों के बीच ही सीमित नहीं रहने वाला है बल्कि यह विश्वयुद्ध में बदल जाने वाला है.
इजराइल-सीरिया
लेबनान का एक संगठन है हिजबुल्लाह. यह ईरान की मदद से सीरिया और लेबनान में अपना पैर पसारे हुए है. इजराइल से इसकी सीधे तौर पर दुश्मनी है. यह संगठन फिलिस्तीन के लोगों को इंसाफ दिलाऩे की कसम खाए बैठा है और इसीलिए यह सीधे इजराइल से टक्कर लेता है. इजराइल और हिजबुल्लाह आमने सामने छिटपुट अंदाज में लड़ते रहते हैं. दोनों ही एक दूसरे के खिलाफ ड्रोन या फिर जमीनी हमला करने से ज़रा भी संकोच नहीं करते हैं. आशंका यही है कि दोनों के बीच यह तनाव बढ़ता ही जाएगा और ये तनाव भी एक तीसरे विश्वयुद्ध की ओर लेकर चला जाएगा.
भारत-चीन
भारत और चीन के बीच भी स्थिति तनावपूर्ण है. दोनों ही देशों के बीच हाल ही में एक झड़प भी हुई थी जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन को भी इस झड़प में काफी नुकसान उठाना पड़ा जिसका खुलासा चीन ने किया ही नहीं. चीन और भारत के बीच बातचीत का सिलसिला लगातार जारी है लेकिन चीन अपने नापाक इरादे के साथ दोहरा चरित्र दिखा रहा है. मौजूदा वक्त में भी चीन ने सीमा पर एक भारी फौज तैनात कर रखी है.
हालांकि दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका तो कम ही है लेकिन यह भी तय है कि अगर चीन ने कोई भी हिमाकत की तो भारत खामोश नहीं रहने वाला है. अगर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो इसे विश्वयुद्ध में तब्दील होते देर नहीं लगेगी.
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