सूबे में कानून व्यवस्था पर घिरती योगी सरकार 2022 के चुनावों पर रिस्क लेने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि 2022 की वैतरणी को पार करने के लिए योगी आदित्यनाथ में अपनी सेना में बड़ा बदलाव किया है. प्रदेश में योगी सरकार के बनने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में सबसे बड़ा फेरबदल किया. राजभवन में 23 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. मंत्रिमंडल में 6 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार और 11 राज्यमंत्री शामिल किए गए हैं. सरकार की इस बड़ी फेरबदल को आगामी 2022 के चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है.
बीते कई दिनों में प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. ऐसे में विपक्ष के इस विरोध का असर जनता पर न पड़े इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने कमर कसते हुए अपनी राजनीतिक चौसर में बड़ा बदलाव कर डाला है. माना ये भी जा रहा है कि भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण साधने के लिए कैबिनेट में फेरबदल किया है.
योगी कैबिनेट में जिन्हें जगह मिली है उनमें महेंद्र सिंह, सुरेश राणा, अनिल राजभर और भूपेंद्र सिंह चौधरी का कद स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री से बढ़ाकर कैबिनेट में जगह दी गयी है.
6 कैबिनेट मंत्री
महेंद्र सिंह (एमएलसी)
सुरेश राणा (विधायक-थाना भवन शामली)
अनिल राजभर(विधायक-शिवपुर, वाराणसी)
रामनरेश अग्निहोत्री (विधायक-भोगांव)
कमला रानी वरूण (विधायक-घाटमपुर सुरक्षित सीट)
भूपेंद्र सिंह चौधरी (एमएलसी)
वहीं 6 को स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाया गया है. नीलकंठ तिवारी राज्यमंत्री थे, अब इन्हें स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाया गया है....
सूबे में कानून व्यवस्था पर घिरती योगी सरकार 2022 के चुनावों पर रिस्क लेने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि 2022 की वैतरणी को पार करने के लिए योगी आदित्यनाथ में अपनी सेना में बड़ा बदलाव किया है. प्रदेश में योगी सरकार के बनने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में सबसे बड़ा फेरबदल किया. राजभवन में 23 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. मंत्रिमंडल में 6 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार और 11 राज्यमंत्री शामिल किए गए हैं. सरकार की इस बड़ी फेरबदल को आगामी 2022 के चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है.
बीते कई दिनों में प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. ऐसे में विपक्ष के इस विरोध का असर जनता पर न पड़े इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने कमर कसते हुए अपनी राजनीतिक चौसर में बड़ा बदलाव कर डाला है. माना ये भी जा रहा है कि भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण साधने के लिए कैबिनेट में फेरबदल किया है.
योगी कैबिनेट में जिन्हें जगह मिली है उनमें महेंद्र सिंह, सुरेश राणा, अनिल राजभर और भूपेंद्र सिंह चौधरी का कद स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री से बढ़ाकर कैबिनेट में जगह दी गयी है.
6 कैबिनेट मंत्री
महेंद्र सिंह (एमएलसी)
सुरेश राणा (विधायक-थाना भवन शामली)
अनिल राजभर(विधायक-शिवपुर, वाराणसी)
रामनरेश अग्निहोत्री (विधायक-भोगांव)
कमला रानी वरूण (विधायक-घाटमपुर सुरक्षित सीट)
भूपेंद्र सिंह चौधरी (एमएलसी)
वहीं 6 को स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाया गया है. नीलकंठ तिवारी राज्यमंत्री थे, अब इन्हें स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाया गया है. जबकि नए चेहरों में कपिल देव, सतीष द्विवेदी, अशोक कटारिया, राम चौहान और रवींद्र जायसवाल को शामिल किया गया है.
6 स्वतंत्र प्रभार मंत्री
नीलकंठ तिवारी (विधायक-वाराणसी साउथ)
कपिल देव अग्रवाल (विधायक-मुजफ्फरनगर शहर)
सतीष द्विवेदी (विधायक-इटवा, सिद्धार्थनगर)
अशोक कटारिया (एमएलसी)
श्रीराम चौहान (विधायक-धनघटा सुरक्षित सीट)
11 राज्यमंत्री
अनिल शर्मा (विधायक-शिकारपुर)
महेश गुप्ता (विधायक-बदायूं)
आनंद स्वरूप शुक्ला (विधायक-बलिया सदर)
गिराज सिंह धर्मेश (विधायक-आगरा कैंट)
लाखन सिंह राजपूत (विधायक-डिबियापुर)
नीलिमा कटियार (विधायक-कल्याणपुर)
चौधरी उदयभान सिंह (विधायक-फतेहपुर सीकरी)
चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय (विधायक-चित्रकूट)
रामशंकर सिंह पटेल (विधायक-मड़िहान)
अजीत सिंह पटेल (विधायक-सिकंदरा)
विजय कश्यप (विधायक-चरथावल)
हालांकि वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, खनन राज्य मंत्री अर्चना पांडेय से मंत्रिमंडल के एक दिन पहले ही इस्तीफा ले लिया गया था. राजेश अग्रवाल पर उनकी उम्र और अनुपमा, धर्मपाल पर विभागों में अनियमितता के कारण सीएम नाराज थे. सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने भी इस्तीफा दिया था लेकिन स्वीकार नहीं किया गया है. परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के बाद योगी मंत्रिमंडल की कुल संख्या 38 रह गई जिनमें चार कैबिनेट मंत्रियों के पद लोकसभा चुनाव के बाद खाली हो गए थे.
ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार से ये साफ है कि तमाम मुद्दों पर चौतरफा घिरी योगी सरकार फिलहाल किसी रियायत के मूड में नहीं है. और वो भी तब जब सूबे में उपचुनाव सिर पर हों और 2022 के लिए जमीन तैयार हो रही हो.
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