उसकी नैसर्गिक प्रतिभा के कायल जो हुए सचिन तेंदुलकर, जिन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "कल ही तो ऑक्शन हुआ...और आज मैच भी शुरू? क्या बात है. आपकी बल्लेबाजी देखकर मजा आ गया." सचिन को अपने ही अक्स जो नज़र आ गए. सो उम्र के लिहाज से राजस्थान के बाड़मेर की 14 वर्षीया मूमल मेहर आशाएं जगाती है. निःसंदेह कल उसका है. संयोग ही है कि लीजेंड मिताली राज, जिन्हें लेडी सचिन भी कहा जाने लगा है, का जन्म भी राजस्थान के जोधपुर में हुआ था, हालाँकि वे तमिल परिवार से आती हैं. एक और कॉमन है दोनों में कि मिताली की शुरुआत भी लड़कों के साथ खेलने से हुई थी.
मूमल मेहर का लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वह बाड़मेर के रेतीले धोरों पर गेंदबाजों की जमकर धुनाई करती दिख रही है. यकीनन जो भी देख रहा है, कह उठता है कि ''म्हारी छोरियां छोरों से कम है के''. मूमल का परिवार बहुत गरीब है. उनकी इतनी कमाई भी नहीं है कि बेटी को क्रिकेट की सही ट्रेनिंग दिला सकें. वह 8वीं क्लास में पढ़ती हैं. पिता मठार खान किसान हैं. परिवार अधबने पक्के मकान में रहता है. फिलहाल स्कूल के ही टीचर रोशन खान मूमल के कोच हैं. उसका क्रिकेट का जुनून देखने लायक है. हर दिन तीन से चार घंटे प्रैक्टिस करती है. पढ़ती भी है, घर का काम भी करती है और फिर बकरियां चराने भी जाती है.
बाड़मेर जिले के शिव शेरपुरा कानासर गांव के इस वीडियो के वायरल होने से एक अच्छी बात हुई कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने उनके लिए क्रिकेट की पूरी किट भेज दी है. उम्मीद है जमकर चौके छक्के लगाने वाली मूमल अगले सीजन की किसी न किसी महिला आईपीएल टीम के लिए भी चुन ली जाएंगी. मूमल सूर्य कुमार यादव की फैन है और सूर्या जैसे 360 डिग्री में शॉट्स भी लगाती हैं. अभी तक किस लेवल तक खेला है उसने' की बात करें तो राजस्थान के...
उसकी नैसर्गिक प्रतिभा के कायल जो हुए सचिन तेंदुलकर, जिन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "कल ही तो ऑक्शन हुआ...और आज मैच भी शुरू? क्या बात है. आपकी बल्लेबाजी देखकर मजा आ गया." सचिन को अपने ही अक्स जो नज़र आ गए. सो उम्र के लिहाज से राजस्थान के बाड़मेर की 14 वर्षीया मूमल मेहर आशाएं जगाती है. निःसंदेह कल उसका है. संयोग ही है कि लीजेंड मिताली राज, जिन्हें लेडी सचिन भी कहा जाने लगा है, का जन्म भी राजस्थान के जोधपुर में हुआ था, हालाँकि वे तमिल परिवार से आती हैं. एक और कॉमन है दोनों में कि मिताली की शुरुआत भी लड़कों के साथ खेलने से हुई थी.
मूमल मेहर का लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वह बाड़मेर के रेतीले धोरों पर गेंदबाजों की जमकर धुनाई करती दिख रही है. यकीनन जो भी देख रहा है, कह उठता है कि ''म्हारी छोरियां छोरों से कम है के''. मूमल का परिवार बहुत गरीब है. उनकी इतनी कमाई भी नहीं है कि बेटी को क्रिकेट की सही ट्रेनिंग दिला सकें. वह 8वीं क्लास में पढ़ती हैं. पिता मठार खान किसान हैं. परिवार अधबने पक्के मकान में रहता है. फिलहाल स्कूल के ही टीचर रोशन खान मूमल के कोच हैं. उसका क्रिकेट का जुनून देखने लायक है. हर दिन तीन से चार घंटे प्रैक्टिस करती है. पढ़ती भी है, घर का काम भी करती है और फिर बकरियां चराने भी जाती है.
बाड़मेर जिले के शिव शेरपुरा कानासर गांव के इस वीडियो के वायरल होने से एक अच्छी बात हुई कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने उनके लिए क्रिकेट की पूरी किट भेज दी है. उम्मीद है जमकर चौके छक्के लगाने वाली मूमल अगले सीजन की किसी न किसी महिला आईपीएल टीम के लिए भी चुन ली जाएंगी. मूमल सूर्य कुमार यादव की फैन है और सूर्या जैसे 360 डिग्री में शॉट्स भी लगाती हैं. अभी तक किस लेवल तक खेला है उसने' की बात करें तो राजस्थान के मुख्यमंत्री के द्वारा शुरू किया गया ग्रामीण ओलंपिक में मूमल का अच्छा प्रदर्शन रहा था. सेमीफाइनल मैच में 25 रन बनाकर नाबाद रही थी. 4 मैच में 7 विकेट भी लिए थे.
फील्डिंग से बहुत सारे रन भी बचाए, लेकिन फाइनल में उसकी टीम दूसरे गांव बायतु से हार गई थी. प्रेरणा उसे अपनी चचेरी बहन अनिशा से भी मिलती है जो स्वयं क्रिकेट खेलती है, पिछले साल अगस्त में ही उसका बतौर बॉलर स्टेट टीम में चयन भी हुआ है. चैलेंजर ट्रॉफी अंडर 19 मैच भी खेला था उसने.अनिशा मूमल की क्रिकेट के टिप्स भी देती रहती है. अनिशा जिस प्रकार तमाम कठिनाइयों का, मसलन गांव में खेल मैदान का ना होना, संसाधनों की कमी और लड़कों के साथ खेलने के लिए विरोध का, सामना करते हुए आगे बढ़ी, वाकई प्रेरणादायक था मूमल के लिए. और संयोग से रोशन खान अनिशा के भी कोच रहे. दो भाइयों की सात बहनों में से एक मूमल के खेलने की क्षमता टॉकिंग पॉइंट है आज. वह अच्छी बोलिंग भी करती है. ज़रूरत है उसे निखारने की, उसे बाकायदा तालीम देने की. और ऐसा होगा भी क्योंकि यदि क्रिकेट के भगवान सचिन ने उसे नोटिस कर लिया है तो वह इग्नोर हो ही नहीं सकती. मेहर के नाम से दर्जनों सोशल मीडिया फैन पेज बनाए जा चुके हैं. उन्हें हर तरफ से मदद भी मिल रही है.
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