अभिषेक बनर्जी को ममता बनर्जी ने ही सियासत की सूली पर चढ़ाया है
अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) का नाम लेकर अमित शाह (Amit Shah) को चैलेंज करने का इतना तेज रिएक्शन होगा, ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शायद ही सोचा हो - और गिरिराज सिंह के दौरे से पहले परिवार पर गोतस्करी का इल्जाम तो अलग ही है.
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अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी को मिले सीबीआई के नोटिस की टाइमिंग पर जो सवाल उठाया जा रहा है, बात सिर्फ उतनी ही नहीं लगती. इस मामले के कई और भी आयाम हैं जो सीधे सीधे तो नहीं लेकिन थोड़ा ध्यान देने पर बड़े आराम से समझ में आ रहे हैं.
टाइमिंग तो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पश्चिम बंगाल दौरे से कहीं ज्यादा मैच कर रही है - और बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने उसे सत्यापित भी कर दिया है.
एकबारगी तो ऐसा लगता है जैसे अभिषेक बनर्जी को सियासत की सूली पर चढ़ा दिया गया है और ये काम भी किसी और ने नहीं बल्कि खुद ममता बनर्जी की तरफ से ही हुआ है - ये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ही हैं जिन्होंने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को चैलेंज किया था कि वो उनसे भिड़ने से पहले उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी से मुकाबला करें - और देखते ही देखते ये सिलसिला भी शुरू हो गया!
टारगेट पर कैसे आये अभिषेक बनर्जी
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी बीजेपी नेतृत्व के निशाने पर उन्हीं खांचों में फिट हो गये हैं जो पार्टी अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए रेडीमेड नुस्खा आजमाती रही है. जैसे बीजेपी अब तक फेमिली पॉलिटिक्स को लेकर देश में कांग्रेस और बिहार में आरजेडी को निशाना बनाती आयी है, अभिषेक बनर्जी भी उसी लाइन पर शिकार बने हैं - और डबल बेनिफिट स्कीम के तहत वो बुआ-भतीजा वाले लपेटे में भी आसानी से आ जाते हैं.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह बहुत पहले से ही अभिषेक बनर्जी को टारगेट करते रहे हैं और काउंटर अटैक में ममता बनर्जी का अमित शाह को चैलेंज करना आग में घी की तरह आग का विस्तार बढ़ाने वाला साबित हुआ है.
जिस दिन अमित शाह दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप में रोड शो कर रहे थे, उसी दिन ममता बनर्जी पैलान इलाके में रैली कर रही थीं और उसी दौरान ममता बनर्जी ने बीजेपी नेतृत्व के सामने सबसे बड़ा चैलेंज भी पेश कर दिया गया - '...वे हर वक्त दीदी-भतीजा रटे हुए हैं. मैं अमित शाह को चैलेंज देती हूं कि वे पहले अभिषेक से लड़ें फिर बाद में मुझसे लड़ें.'
अभिषेक बनर्जी ने सीबीआई नोटिस पर रिएक्ट तो 'सरफरोशी की तमन्ना...' वाले अंदाज में ही किया है - देखना है कब तक टिके रहते हैं?
एक झटके में ही ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को मोर्चे पर आगे कर दिया. ममता बनर्जी की तरफ से ये अभिषेक बनर्जी को अपने नये सेनापति के तौर पर अधिकृत करने जैसा ही समझा गया - और वो भी अपने सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली राजनीतिक विरोधी सीनियर बीजेपी नेता अमित शाह के खिलाफ.
और इसी बीच एक अदालत ने अमित शाह के नाम से नोटिस जारी कर 22 फरवरी को निजी तौर पर या वकील के माध्यम से पेश होने का फरमान जारी कर दिया. 11 अगस्त 2018 को कोलकाता के मायो रोड की रैली में अमित शाह ने अभिषेक बनर्जी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे - और अभिषेक बनर्जी ने अमित शाह के खिलाफ 28 अगस्त 2018 को आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. ये नोटिस उसी मामले को लेकर है.
नोटिस पर अमित शाह के पेशी की तारीख के 24 घंटे पहले ही, सीबीआई के अफसर अपना नोटिस लेकर अभिषेक बनर्जी के घर पहुंच गये. घर पर अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी नहीं मिलीं तो भी सर्व तो होना ही था.
अभिषेक बनर्जी ने भी सीबीआई के नोटिस पर वैसे ही रिएक्ट किया है जैसे संजय राउत ने ईडी के नोटिस पर टिप्पणी की थी - संजय राउत की पत्नी को ईडी ने पीएमसी घोटाले में नोटिस भेजा था. अब कोयला तस्करी के एक मामले में सीबीआई ने अभिषेक बनर्जी की पत्नी और उनकी साली यानी मेनका गंभीर को पूछताछ के लिए नोटिस दिया है.
At 2pm today, the CBI served a notice in the name of my wife. We have full faith in the law of the land. However, if they think they can use these ploys to intimidate us, they are mistaken. We are not the ones who would ever be cowed down. pic.twitter.com/U0YB6SC5b8
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) February 21, 2021
ठीक दो साल पहले फरवरी, 2019 में भी सीबीआई की टीम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के यहां छापेमारी के लिए पहुंची थी. तब आम चुनाव को लेकर माहौल गर्माने लगा था और ममता बनर्जी भी प्रधानमंत्री पद की दावेदार समझी जा रही थीं.
पश्चिम बंगाल के पुलिसवालों ने तब सीबीआई के अफसरों को हिरासत में ले लिया और पकड़ कर थाने भी ले गये लेकिन फिर छोड़ भी दिया गया. अपने पुलिस अफसर के खिलाफ सीबीआई एक्शन के खिलाफ ममता बनर्जी धरने पर बैठ गयीं - और साथ में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को भी साथ में बिठाये रखा.
मान लीजिये पश्चिम बंगाल में चुनावी माहौल नहीं होता तो भी क्या सीबीआई की टीम ऐसे ही नोटिस लेकर अभिषेक बनर्जी के घर पहुंच गयी होती - और जांच में कोआपरेट करने के लिए महज 24 घंटे की ही मोहलत देती? यही वजह है कि सीबीआई के नोटिस की टाइमिंग पर सवाल उठाये जा रहे हैं.
नोटिस की टाइमिंग को लेकर पूछे जाने पर बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय का कहना रहा, 'सीबीआई की जांच का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है - सीबाआई को जब तथ्य मिलेंगे तब वो समन देंगे.' कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया है कि अभिषेक बनर्जी के ससुराल के लोग कोयला तस्करी में शामिल हैं - और कई आईएएस, आईपीएस भी इसमें शामिल हैं. बीजेपी नेता का दावा है, 'मेरे पास सारे कागजात हैं.'
कोयला तस्करी को लेकर सीबीआई नवंबर, 2020 से ही जांच कर रही है और दिसंबर, 2020 में टीएमसी के यूथ विंग के नेता विनय मिश्र के साथ साथ सीबीआई ने कारोबारी अमित सिंह और नीरज सिंह के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी.
कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि ये तो होना ही था. कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक अभिषेक बनर्जी और विनय मिश्र के संबंध हैं और दोनों विदेशों में भी घूमते रहे हैं. जो जांच चल रही है, उसमें आरोप है कि हजारों करोड़ रुपये का कोयला ब्लैक मार्केट में बेच दिया जाता रहा है.
कुछ संयोग और कुछ प्रयोग
दिल्ली विधानसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयोग और प्रयोग की मिसालें देने के बाद काफी दिनों तक ये जुमले के तौर चर्चित रहा - एक बार फिर पश्चिम बंगाल में वैसे ही संयोग और प्रयोग के माहौल नजर आ रहे हैं.
अब संयोग कौन है और प्रयोग कौन - ये समझने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है, लेकिन जोल चीजें साफ हैं उनकी कड़ियों को जोड़ कर थोड़ा बहुत समझने की कोशिश तो की ही जा सकती है.
अभिषेक बनर्जी की पत्नी और साली को नोटिस तो कोयला तस्करी से जुड़े केस में मिला है लेकिन कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी के करीबियों पर उससे भी कहीं ज्यादा बड़ा इल्जाम लगाया है - और ये ऐसा इल्जाम है चुनावी माहौल में बीजेपी के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाला है.
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का सीधा आरोप है, 'ट्रक के ट्रक रोज कोयला निकाला जाता था, जो बाहर भी जाता था... ये तो सिर्फ कोयला तस्करी की बात है, मेरे पास तो गाय की तस्करी के पैसे का कैसे लेनदेन हुआ है इसके भी सबूत हैं... आने वाले समय में वो भी पता लगेगा कि किस तरह मुख्यमंत्री के परिवार के लोग गाय की तस्करी से पैसे कमाते थे.'
अब इसे संयोग समझिये या प्रयोग समझिये. कैलाश विजयवर्गीय का ये बयान बीजेपी के हिंदूवादी फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह के पश्चिम बंगाल दौरे के ठीक पहले आया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बंगाल दौरान 23 फरवरी से शुरू होने जा रहा है - और दो दिन तक वो वहां बीजेपी के पक्ष में अलग जगाने वाले हैं. गिरिराज सिंह की पहली रैली उत्तर दिनाजपुर में होने वाली है.
ये तो पहले से ही मालूम रहा कि गिरिराज सिंह बीजेपी के 'राम कार्ड' मिशन को आगे बढ़ाने जा रहे हैं, लेकिन ये नहीं मालूम था कि गिरिराज सिंह के जाने से पहले ही ममता बनर्जी और उनके परिवार पर गोतस्करी के इल्जाम लगाकर घेरेबंदी शुरू कर दी जाएगी.
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